New Update
/sanjeev-kapoor-hindi/media/post_banners/429f05238d24051e6b4583fe492f0c4be50ef5cde697c9e90d79eef30a1f561a.jpg)
नहीं, आलू हरा इसलिए नहीं होता है
क्योंकि वह कच्चा है, क्योंकि आलू विकसित होने के किसी भी अवस्था में खाया
जा सकता है। हरा रंग विष को संकेत करता है। आलू के पौधे में सोलानाईन रहता
है, जो है एक कड़वे स्वाद वाला रसायन। आलू के पत्ते और तने में यह रसायन
ज़्यादातर रहता है और थोड़ी मात्रा ट्यूबर की त्वचा पर पाया जाता है और
किसी हद तक आलू की ‘आंखों’ में। अगर विकसित होने की अवस्था में आप उसको
मिट्टी से निकालेगें तो प्रकाश से संपर्क में आते ही प्रकाश-संश्लेषण शुरु
हो जाता है। यह क्लोरोफिल तैयार कर लेता है और सतह पर हरा नज़र आने लगता
है।
हरे अंश को काटकर अलग कर देना ही बुद्धिमानी है, बाकि बचा हुआ आलू ठीक रहता है।