हवाई जहाज़ में खाने का स्वाद क्यों उदासिन होता है? डोमेस्टिक एयरलाइन्स की संख्या आजकल बढ़ती जा रही है, पास के शहर में आसानी से और सहुलियत से उड़कर जा स By Sanjeev Kapoor 03 Apr 2015 in लेख Kitchen Secrets New Update डोमेस्टिक एयरलाइन्स की संख्या आजकल बढ़ती जा रही है, पास के शहर में आसानी से और सहुलियत से उड़कर जा सकते हैं। फ्लाइट में लो-मेन्टनेन्स होता है, ज़्यादातर सेक्टर में पूरा मील रहता है। अगर कोई चाहे तो अपनी पसंद के स्नेक्स खरीद सकते हैं। लंबी यात्रा के दौरान अब भी फ्लाइट में खाना परोसा जाता है। लेकिन आश्चर्य की बात है ज़मीन की तुलना में खाने का स्वाद हवाई जहाज़ में क्यों सादा लगता है?इसके दो कारण है। केबिन के अंदर बंद दबाव के कारण खाने के मोल्यूकूल जो खाने को स्वाद और महक देते हैं वह ज़मीन की तुलना में आसानी से घूम-फिर नहीं सकतें। इसलिए खाने की एरोमेटीक प्रोपटी धीरे-धीरे कम हो जाती है, नाक तक खाने की महक पहुंचने का प्रभाव कम कर देती है। जीभ में स्वाद अनुभव भारी पड़ता है, क्योंकि नाक ठीक से काम नहीं करता, इसलिए खाने का स्वाद सादा लगता है।जो ज़्यादा यात्रा करते हैं उनके के लिए टिप। कैबिन में कम आद्रता रहती है इसलिए यात्री का पूरा शरीर डीहाइड्रेट हो जाता है। फ्लाइट में ज़्यादा-से-ज़्यादा पानी पीना चाहिए। चाय, कॉफी, जूस या सॉफ्ट ड्रिंक चीनी से भरपूर होता है, प्यास भी बढ़ती है और इससे लोगों के आराम में बाधा पड़ती है। Subscribe to our Newsletter! Be the first to get exclusive offers and the latest news Subscribe Now You May Also like Read the Next Article