पौष्टिक गेहूँ का आटा

गेहूँ का आटा ऐसा आटा है जिसको पीसने पर आटे के पूरे दाने पीसे जाते हैं और आटा बनने वक्त कुछ भी खोता न

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wholesomeness at its best whole wheat flour

गेहूँ का आटा ऐसा आटा है जिसको पीसने पर आटे के पूरे दाने पीसे जाते हैं और आटा बनने वक्त कुछ भी खोता नहीं है जबकि मैदा के क्षेत्र में सिर्फ एन्डोस्पर्म का ही इस्तेमाल होता है। पूरे दाने का इस्तेमाल होने पर गेहूँ का आटा भूरा रंग का दिखता है। गेहूँ के आटे की लोकप्रियता इसलिए बढ़ रही है कि इसमें उच्च मात्रा में पौष्टिकता के गुण रहते हैं। इसका इस्तेमाल ब्रेड, रोटी, मफ्फिन, पास्ता और कुकीज़ बनाने में होता है। जब इसका इस्तेमाल किसी व्यंजन को बेक करने में होता है तब इसमें थोड़े मात्रा में साधारण आटे का इस्तेमाल किया जाता है। परिणाम यह होता है कि व्यंजन का सार गाढ़ा हो जाता है। इस आटे की दूसरी अनुपयोगी बात यह है कि इसका जीवन-काल बहुत लंबा नहीं होता है। इसको हवाबंद जार में रख कर ठंडे और कमरे के तापमान में रखा जाता है। पूरा गेहूँ का आटा सामान्य आटे के दाम से थोड़ा ज़्यादा होता है लेकिन यह पूरा पौष्टिकता भरा होता है।

गेहूँ के आटे के उपचारात्मक गुण इस प्रकार हैं:

1.गेहूँ के आटे में उच्च मात्रा में फाइबररहता है। इससे शरीर का चयापचय का स्तर बढ़ता है और इससे शरीर का वज़न नियंत्रित रहता है। जो वज़न कम करना चाहते हैं उनके लिए यह आटा आदर्श है।

2.यह आटा एन्टिऑक्सिडेंट से भरपूर होता है जो बहुत ज़रूरी होता है क्योंकि यह शरीर से फ्री रैडिकल को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इसके कारण कोशिकाओं के क्षति, उम्र के पहले परिपक्वता और चिरकालिक रोगों से रक्षा होती है।

3.यह दिल के लिए अच्छा सामग्री माना जाता है। मैदे के तुलना में आटा में ग्लाइसमिक इंडेक्स काम करता है जिसके कारण यह रक्त में चीनी के स्तर को स्वस्थ जगह पर रखता है।

4.आटा उच्च कोलेस्टरॉल, उच्च रक्त चाप, मोटापा और मधुमेह के संवेदनशीलता को कम करता है और इसी कारण यह दिल के बिमारी से हमारी रक्षा करता है।

5.आटे जैसे उत्पादक में स्वास्थ्यवर्द्धक प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट रहता है जो चयापचय के लक्षण के वृद्धि की संभावना को कम करने में मदद करता है।

6.यह विटामिन बी1, बी2, बी3, ई, मैग्निशियम, आयरन, ज़िन्क और फॉस्फोरस का सबसे अच्छा स्रोत है जो सामान्य स्नायु और कोशिका के क्रियाकलाप के लिए ज़रूरी होता है।

7.यह मसूड़ों के बीमारी और दाँत के टूटने की संभावना को कम करता है।

8.आटे की खपत दमे के लक्षण को कम करता है।