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सबसे पहला अंतर है एक का स्रोत
जानवर है और दूसरे का पौधा। दूसरे जानवरों से प्राप्त खाद्द-वस्तु की तरह
गाय के दूध में भी पूरा प्रोटीन मिलता है, और यह मनुष्य को ज़रूरी एमिनो
एसिड प्रदान करता है जिससे प्रोटीन बनता है। यह दूसरे पौष्टिक तत्वों का भी
स्रोत है। एक कप दूध वयस्कों को रोज़ के कैल्सियम की ज़रूरत का एक तिहाई
और विटामिन बी12 की ज़रूरत का आधा हिस्सा प्रदान करता है। गाय के दूध में
मौजूद कार्बोहाइड्रेट से प्राप्त लैक्टोस, कुछ लोगों के हाज़मे में असुविधा
उत्पन्न कर देता है। उन लोगों के लिए सोया मिल्क ठीक है। तकनीकी दृष्टिकोण
से सोया मिल्क दूध नहीं है, यह सोया बीन्स से बना ब्रेवरेज है। सोया बीन्स
को भिगाकर, बारिक पीसकर और फिर छानकर यह तरल पदार्थ प्राप्त होता है।
इसमें लैक्टोस नहीं रहता है, इसलिए जो लैक्टोस सहन नहीं कर सकते, उनके लिए
ठीक है। सोय फूड पूरी तरह पौधों पर आधारित प्रोटीन है। सोया मिल्क कुछ
बी-विटामिन प्रदान तो करता है मगर बी12 का अच्छा स्रोत नहीं है, और न ही
कैल्शियम की अच्छी मात्रा इसमें रहती है।
सोया मिल्क कुछ लोगों के
दिल की बिमारी की संभावना को दूर करता है। सोय में प्राकृतिक रूप से
प्लान्ट केमिकल रहता है जो लो डेन्सिटी लाइपो-प्रोटीन या ‘बैड’ कोलेस्ट्रोल
को कम करने में सहायता करता है। यह स्वास्थ्यवर्द्धक भोजन का अंश हो सकता
है।