जब अंडे को उबाला जाता है तब उसके साथ क्या होता है?

कुछ लोग जब अंडे को उबालते हैं तब उसको ठंडे पानी में उबाल लेते हैं जबकि कुछ लोग पानी को पहले उबाल लेत

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what happens to egg when it is boiled

कुछ लोग जब अंडे को उबालते हैं तब
उसको ठंडे पानी में उबाल लेते हैं जबकि कुछ लोग पानी को पहले उबाल लेते हैं
तब अंडे को उसके भीतर रखते हैं। दोनों पद्धति से लाभ और हानि दोनों होता
है। जब आप अंडे को उबलते पानी में डालते हैं तब आपको जल्दी गर्म करना पड़ता
है। जब आप ठंडे पानी से शुरूआत करते हैं, तब धीरे-धीरे गर्म करते हैं। और
गरम करने के फर्क से पके हुये अंडे की सफेदी में फर्क पड़ता है। अंडे के
सफेदी में 10% प्रोटीन और 90% पानी रहता है। यह प्रोटीन ही अंडे को सख्त
करता है जब इसको पकाया जाता है। अंडे की सफेदी के प्रोटीन में अमिनो ऐसिड
की लंबी श्रृंखला रहता है। कच्चे अंडे में ये प्रोटीन छल्ला जैसा रहता है
और कम्पैक्ड बॉल की आकार का रहता है। अमिनो ऐसिड का कमज़ोर बंधन प्रोटीन को
इस आकार में बाँधकर रखता है जब तक कि वह गर्म नहीं किया जाता है। जब गर्म
किया जाता है तब बंधन टूट जाता है, प्रोटीन खुल जाता है। फिर इसका अमीनो
ऐसिड दूसरे प्रोटीन के साथ बनाये अमिनो ऐसिड के बंधन के साथ कमज़ोर बंधन
बनाता है, इस प्रक्रिया को कोऐग्युलेशन कहते हैं।

इसके
परिणामस्वरूप प्रोटीन का नेटवर्क पानी ग्रहण करता है, इससे वह नरम होता है
और डाइजेस्टब्ल जेल बनता है। अगर आप आंच को और तेज़ कर देंगे और लंबे समय
तक पकायेंगे तब अंडे का प्रोटीन ज़्यादा से ज़्यादा सख्त बंधन बनायेगा।
प्रोटीन नेटवर्क से पानी को निचोड़कर निकाल देने पर अंडे की सफेदी रबड़
जैसी बन जाती है। अगर अंडे को लंबे समय तक उबाला जाता है तो अंडे की सख़्त
ज़र्दी के ऊपर हरा-स्लेटी रंग का छल्ला बन जाता है। यह छल्ला सल्फर और आयरन
के रासायनिक प्रतिक्रिया होने के कारण होता है जिसके कारण फेरस सल्फाइड
बनता है। यह ज़्यादा पकाने के कारण बनता है। आपको अंडे को ज़्यादा पकाने से
बचाना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आपके पास ठंडा पानी भरा
बाउल होना चाहिए जिसमें उबलते हुए अंडे को निकाल कर रखना है। इस से ज़्यादा
पकने से बचाया जा सकता है और स्लेटी रंग का छल्ला होने से भी बचाया जा
सकता है। ज़्यादा पक जाना उसे कहते हैं जब पकाना खत्म हो जाने के बाद भी
भीतरी भाग में पकने की प्रक्रिया जारी रहती है। इस्तेमाल करने के पहले तक
अंडे को फ्रिज में रख दें। ऐसे अंडे को एक हफ्ता तक रखा जा सकता है। ठंडे
पानी को धीरे-धीरे उबालना चाहिए इससे अंडे की सफेदी रबड़ जैसी नहीं बनती
है। ऐसा करने से समय लगता है और हम खाना पकाने के समय के ऊपर से नियंत्रण
खो देते हैं। उबलते पानी से शुरूआत करने पर समय के ऊपर सही नियंत्रण रखने
की ज़रूरत नहीं होती है लेकिन इससे सफेदी रबड़ जैसा बन जाती है। इससे एक
हानि यह पहुँचता है कि अंडे में दरार पड़ जाती है क्योंकि अंडे को गर्म
करने पर अंडे में मौजूद हवा निकलने में कम समय लेती है।