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ग्रिल के ऊपर खाना बनाने की कला को बार्बेक्यूइंग कहा जाता है। तीन पत्थर के ऊपर लकड़ी रख कर, सीख में मीट के टुकड़ों को पिरोकर आग के ऊपर टहनी रख कर बार्बेक्यूइंग किया जाता है। इसी तरह आज के इलेक्ट्रिक या गैस ग्रील में भी बार्बेक्यूइंग किया जाता है, लेकिन आपके पाकशैली पर यह विधि पूरी तरह निर्भर करता है।
किसी भी उपकरण या तकनीक के ऊपर यह निर्भर नहीं करता है। अच्छा रैक और ताप के स्रोत के ऊपर अच्छा बार्बेक्यु निर्भर करता है। अतः इन दोनों को चुनते वक्त सावधान रहें। घर में चारकोल न जलायें क्योंकि इससे कार्बन मोनोक्साइड का खतरा बनता है।
बार्बेक्यू की सबसे आम समस्या है ग्रिल बहुत गरम हो जाना और खाद्द पदार्थ बाहर से जल जाना। जला खाद्द के ऊपर कालिमा छा जाती है, जिसका मतलब है कि उच्च तापमान में या लंबे समय तक खाना को पकाया गया है।
वुड या चारकोल फायर को शुरु करने का एक आसान तरीका है फ्यूल के नीचे छोटी लकड़ियों को रखकर कागज़ को जलाना। आप चारकोल के लिए इलेक्ट्रिक इग्नीटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। चारकोल फ्लुइड का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, क्योंकि यह खाद्द में फ्लेवर ला देता है। गैसोलाइन या उच्च ज्वलनशील तरल बार्बेक्यू को जलाने में इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
एक लकड़ी की आग खाना पकाने के लिये तब तैयार हो जाती है जब वह एक चमकदार अंगारे का ढेर बन जाती है। ब्रीक्यूटीस तब तक जलेगा जब तक स्लेटी सफेद रंग का न हो जाय और कोई काला रंग नज़र न आए।
खाना पकाने का आसान तरीका है ज्वाला के ताप को बिना नियंत्रित किए हुए पकाना । यह दो तरीकों से किया जा सकता है: या तो ग्रिल को ऊपर या नीचे रखें या कोल को पोकर चिमटे की मदद से फैला दें ताकि ताप अधिक न हो। खाने को 4 से 6 इंच ताप से दूर रखा जाता है, यही अच्छा विकल्प है। आपको यह हमेशा ध्यान रखना चाहिये कि मांस का कट जितना मोटा होगा, उसे आग से उतना ही दूर रखना चाहिये। आप हमेशा आग को बुझाने के लिए जल भरा स्कावट बोतल को तैयार रखें। गले हुए फैट के कारण आग लगती है।