समय की व्यवस्थापना और मेनू की योजना

हम में से ज़्यादातर लोगों की यह प्रवृति है कि वह मेनू की योजना बनाने के काम से बचना चाहते है---हर दि

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time management and menu planning

हम में से ज़्यादातर लोगों की यह
प्रवृति है कि वह मेनू की योजना बनाने के काम से बचना चाहते है---हर दिन के
तीन मील----सप्ताह के सात डिनर! मेनू बनाने की योजना मतलब सुपरमार्केट से
पैन्ट्री, रेफ़्रिजरेटर से टेबल, सिन्क से कपबोर्ड----यह रोज़ का काम
उबाऊपन ला देता है। इस सत्य से हम भाग नहीं सकते है कि, ‘हर दिन एक डिनर
छुटता ही है’।

मेनू की योजना बनाना ज़्यादा कुछ जटिल काम नहीं है। मेनू की योजना बनाने में थोड़े-से समय की खपत का फल अच्छा होता है- 

  • रुपया बचाता है, क्योंकि यह सुपरमार्केट जाने के निराशा भरे काम से बचाता है।

  • समय
    बचाता है। पड़ोसियों के पास किसी भी सामग्री के लिए जाना नहीं पड़ता है,
    डिनर के लिए थॉ करने के लिए, या किसी भी सामग्री के लिए फ़्रीज़र में खोजना
    नहीं पड़ेगा।
  • सबसे ज़रूरी बात यह है कि होम मैनेजर का सबसे मूल्यावान साधन ऊर्जा को बचाता है।


सफल
खाने की चाबी है खाना बनाने का समय जिससे कि सही समय पर सब कुछ तैयार हो
जाए। पहले से सोच कर रखने से इस क्षेत्र में सफलता ज़रूर मिलती है। मेनू की
योजना बनाने में और तैयारी करने में समय की सही व्यवस्थापना ज़रूरी होती
है ताकि सही समय में खाना बन जाय। अनभिज्ञ लोगों के लिए, साधारण तैयारी की
ज़रूरत होती है जो तैयारी और समय दोनों में सफलता प्रदान करता है।

पहली
बार खाना बनाना सीखने के समय, सही समय का प्रबंधन तैयारी को आसान बनाता
है। इस परिवर्तन में छोटे बच्चे या फोन कॉल बाधा उत्पन्न कर सकते हैं।
चीज़ों को एकत्र करने में, काटने में, सामग्रियों को धोने में जो समय लगता
है, वह व्यक्ति पर निर्भर करता है। मेज़ पर एक सेंटरपीस को व्यवस्थित करने
में और मेज़ के दूसरे कामों को करने में पर्याप्त समय की ज़रूरत होती है।
घरों के मील्ज़् के लिये टेबल को सजाने में कम समय लगता है। अगर किसी विशेष
अवसर के लिए परोसने वाले चीज़ों को कपर्बाड से निकालने का मतलब है उसको
इस्तेमाल के पहले धोकर साफ करना पड़ेगा। चाँदी के बर्तनों को पॉलिश करने की
ज़रूरत पड़ती है फिर टेबल को सेट करने के पहले साफ करने की ज़रूरत पड़ती
है। विशेष तरह के प्याले या दूसरे काँच के बर्तनों को इस्तेमाल के पहले
धोने और सुखाने की ज़रूरत होती है। इन सब को करने में समय की ज़रूरत पड़ती
है। एक पढ़ा-लिखा आदमी यह मानता है कि खाना बनाने की तैयारी के समय इन सब
चीज़ों को करने की ज़रूरत होती है और यह योजना में शामिल करना ज़रूरी होता
है।