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बीनकर्ड से टोफू नाम ज़्यादा अच्छा
लगता है। सुनने में मीठा लगता है लेकिन बनाने में सख्त है! टोफू खुद बहुत
मुलायम चीज़ है और साथ ही प्रोटीन का अच्छा स्रोत है- सोयाबीन- यह भी
प्रोटीन से भरपूर है। टोफू की जगह पर पनीर का इस्तेमाल कर सकते हैं, यह
रेसिपी में ऐसा समा जाता है कि लोग आश्चर्य होकर कह सकते हैं- ‘यह टोफू
नहीं हो सकता’।
सोयाबीन खुद में ही पूरा भोजन है, इसलिए इसे ‘मीट ऑफ द
सॉयेल’ कहते हैं। सोयाबीन को कई तरह से प्रोसेस किया जाता है। आम तौर में-
सोय मील, सोय फ्लार, सोय मिल्क, टोफू, टेक्सचर्ड वेजिटेबल प्रोटीन (इससे
बहुत तरह के शाकाहारी व्यंजन बनते है, कुछ मांस की तरह भी बनाएं जाते है्),
टेम्पह और सोय लेसिथिन और सोयाबीन ऑयल। सोय सॉस बनाने में सोयाबीन प्रमुख
सामग्री होता है।
टोफू, सोयमिल्क का सबसे रोचक उत्पादक है जिसे
कभी-कभी एशिया का चीज़ कहा जाता है। क्योंकि टोफू बनाते वक्त फाइवर को हटा
दिया जाता है जिससे आसानी से हज़म हो जाता है। उच्च प्रोटीन की मात्रा रहने
के साथ-साथ इसमें कैल्शियम, आयरन और विटामिन बी1 ,बी2 , और बी3 भी रहता
है।
यहाँ हम टोफू की अच्छाई गिनने नहीं आए हैं। यहाँ मैं सिर्फ यही
कोशिश कर रहा हूँ कि यह चमत्कारी खाना आपके लिए बनाना आसान हो। मुझे सुनने
को मिलता है यह स्वादहीन और रबर जैसा और खाने योग्य नहीं होता है। जरा
सोचें यह स्पॉन्ज कि तरह है जो व्यंजन के स्वाद को सोख लेता है। इस प्रकार
सोचें कि यह खाली कैनवस की तरह है जो आपकी इच्छा के अनुसार के रंग में
रंगता है।
सूप से मूल व्यंजन में
आप
फर्म टोफू या सिल्कन टोफू खरीदें। आपसे सिर्फ यही गुज़ारिश है कि वह ताज़ा
और अच्छा हो। कोई भी बासी टोफू खट्टी महक देगा और टेक्सचर रबर के जैसा
होगा। मैं आसानी से पनीर की भुरजी को मसालेदार टोफू भुरजी बना सकता हूँ।
अगर आप नहीं बताऐंगें तो किसी को पता भी नहीं चलेगा! क्रूटन और चीज़ के जगह
पर छोटे-छोटे टोफू के टुकड़े डाल दें। पनीर टमाटर का कूट में इसका विकल्प
के रूप में इस्तेमाल करता हूँ। सिर्फ बहुत अच्छा ही नहीं, बहुत बहतरीन
ज़रूर है।
टोफू को तेल पसंद नहीं है। कढ़ाई में ज़्यादा तेल डालकर
टोफू को फ्राइ करने से बासी पनीर की तरह लगता है। इसकी सलाह तो दी ही नहीं
जा सकती। अगली बार आप चिल्ली पनीर के फ्युशन के जगह पर चिल्ली टोफू लहसुन
के पेस्ट के साथ बनाने की कोशिश कीजिए। सचमुच स्वादिष्ट होता है।
हेल्थ पायंट
अब
आपके रेसिपी के संग्रह में सबसे ऊपर टोफू आएगा, यह समझ लीजिए कि प्रोटीन
का सबसे अच्छा स्रोत है, सैचुरेटेड फैट सबसे कम है और कोलेस्ट्रोल फ्री है।
सोय में सभी प्रकार के कम्पाउन्ड रहते है जो एन्टिकारसिनोजेनिक-एक्टिविटी
को प्रदर्शित करता है। टोफू आइसोफ्लेवोंस से भरपूर होता है। आइसोफ्लेवोंस
ऑस्टिओपोरोसिस होने की संभावना को कम करता है, इस बिमारी से बोन डेन्सिटी
घटती है जिससे बोन फ्रैक्चर बढ़ता है। आइसोफ्लेवोंस ब्रेस्ट कैंसर,
प्रोस्टेट कैंसर और मेनोपॉसल सिम्पट्म की संभावना को कम करता है, साथ में
मूड स्विंग और हॉट फ्लश को भी।
टोफू कैसे बनता है
टोफू
कुछ गाढ़ा और ठोस सोय मिल्क का बनता है। सोयाबीन को भिगा कर, पीस कर और
गर्म करके सोय मिल्क बनाया जाता है जिसमें ऐग्युलेट एजेन्ट जैसे कैल्शियम
सल्फेट या कैल्शियम क्लोराइड दिया जाता है। इसके परिणामस्वरूप सोय कर्ड
बनता है जिसको दबाकर टोफू मिलता है। टोफू (सोय चीज़ भी कहा जाता है) पानी
में ब्लॉक पैकेज के रूप में पाया जाता है।
सिज़नल कन्ट्रिब्यूशन
सिल्कन
टोफू से बहुत अच्छा क्रीम केक बनता है....या सालाड में थोड़ा टोफू डालें -
इससे बिना कोलेस्ट्रोल के क्रीम जैसा लगता है....कैसा रहेगा इस वीकएन्ड
में नाश्ते में स्क्रेम्बल्ड टोफू और मशरूम का टोस्ट?