किशमिश को पसंद करने के कई कारण हैं

इतिहास बताता है कि मानव ने किशमिश का आविष्कार तब किया जब अंगूर को बेल पर ही सूखते हुये देखा। 1490 बी

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there are many reasons to like raisins

इतिहास बताता है कि मानव ने किशमिश का आविष्कार तब किया जब अंगूर को बेल पर ही सूखते हुये देखा। 1490 बी.सी. से ही यह निश्चित हुआ कि धूप में अंगूर सूखने पर किशमिश बनता है। लेकिन लोग इसका निर्णय नहीं कर पा रहे थे कौनसा अंगूर किशमिश के लिए सही होगा।

किशमिश क्या है 
जैसा कि पहले परिच्छेद में लिखा जा चुका है कि यह सूखा फल है। इसमें कोई संदेह नहीं कि किशमिश सभी ड्राई फलों में मीठा है। इसमें उच्च मात्रा में चीनी रहता है और लंबे समय तक संरक्षित करके रखा जा सकता है और जो बाद में क्रिस्टलाइन रूप में बदल जाता है। अगर यह हो जाता है तो चिन्ता की ज़रूरत नहीं है, पूरा बरबाद नहीं हुआ है। थोड़ा-सा पानी या फ्रूट जूस में भिगोकर रखें, आपको नरम किशमिश मिल जायेगा।

किशमिश के प्रकार
रेज़िन को साधारणतः हमारे यहाँ किशमिश के नाम से जाना जाता है जो चार प्रकार में पाया जाता है। काला वाले को द्राक्ष या मुन्वका कहते हैं। सुनहरे किशमिश सफेद मस्कर अंगूर से बनता है जो धूप में सुखाने की जगह ओवन में सुखाया जाता है। सुल्ताना तीसरा प्रकार है जो बीजरहित पीले अंगूर से बनता है और आमतौर पर अन्य किस्मों की तुलना में नरम और मीठा होता है। चौथा प्रकार करन्ट होता है जो काले अंगूर से बनता है। यह छोटा, बीजरहित और मीठा होता है।

फिर बिना बीज का और बीज वाले प्रकार आते हैं। बीजरहित किशमिश बीजरहित अंगूर से बनते हैं। बीज वाले किशमिश साधारणतः बीज वाले अंगूर से बनते हैं लेकिन बीज को सूखाने के पहले या बाद में निकाल दिया जाता है। दोनों को साधारणतः एक दूसरे से बदला नहीं जा सकता है क्योंकि दोनों का स्वाद बिल्कुल अलग होता है।

किशमिश में कौन-कौन सी पौष्टिकतायें हैं
किशमिश मीठा और ऊर्जा, विटामिन, इलेक्ट्रोलाइट मिनरल से भरपूर होता है। साथ ही कई तरह से स्वास्थ्य को लाभ पहुँचाता है जैसे - पॉली फिनोलिक ऐन्टिऑक्सिडेंट, डाएटरी फैट और दूसरे फाइटो न्यूट्रिएन्ट्स रहते हैं।

किशमिश में 67-72% फ्रूक्टोस रहता है और आसानी से हजम हो जाता है। यह शरीर को तुरन्त ऊर्जा प्रदान करता है। कलेस्टरॉल और फैट से मुक्त होता है। यह विटामिन के, विटामिन सी, विटामिन ई और विटामिन बी का स्रोत है। इसमें बोरोन मिनरल रहता है जो महिलाओं के लिए लाभदायक होता है। यह हड्डियों के अवस्था को उन्नत करता है और ओस्टिओपरोसिस को रोकता है। एस्ट्रोजेन और विटामिन डी का शरीर में अच्छी तरह प्रक्रिया करने में मदद करता है। 100 ग्राम किशमिश रोज़ के लिए सलाह दिये गये मात्रा का 5% कैल्शियम, 15% आयरन और 16% पोटाशियम प्रदान करता है।

स्वास्थ्य लाभ
किशमिश कब्ज़, एसिडोसीज, अनीमिआ, ज्वर और कामविषयक कमजोरी से राहत दिलाता है। किशमिश वज़न बढ़ाने, आंखों और दाँतों की देखभाल और हड्डियों के स्वास्थ्य को उन्नत करने में मदद करता है।

किशमिश में कैटाचीन, फिनोलिक एन्टिऑक्सिडेंट मौजूद रहता है, जो ट्यूमर और कोलोन के कैन्सर को रोकने में मदद करता है। किशमिश में जो फाइबर रहता है वह शरीर से बाइल को निकालने, कलेस्टरॉल को जलाने और हृदय के स्वास्थ्य को अच्छा करने में मदद करता है।

पाकशैली संबंधी इस्तेमाल
किशमिश जब ड्राई फ्रूट बन जाता है तब अपरिहार्य बन जाता है। वैसा सुनहरा, हरा, काला रंग का स्वादिष्ट किशमिश सबको पसंद होता है, विशेषकर बच्चों को। दुनिया भर के पाकशैली, हेल्थ टॉनिक, स्नैक्स और पर्वतारोहियों और ट्रेक्कर के खाद्द में किशमिश का इस्तेमाल किया जाता है।

अगर आपको याद है तो मैंने कई बार किशमिश का इस्तेमाल क्यों करना चाहिये, इसकी व्याख्या की है। इसका इस्तेमाल मीठे और खट्टे चटनी या एनर्जी बार में होता है। कुकीज़, सलाद, चिवड़ा, पुलाव, हलवा, पायसम, खीर, लड्डू आदि में किशमिश का बहुत इस्तेमाल होता है। बहुत कम ही लोग होते हैं जो कुकीज़, केक और आईस क्रीम में इसे इस्तेमाल करना पसंद नहीं करते हैं।