भूमिगत नट!

मूंगफली ही ऐसे नट्स हैं जो भूमि के नीचे उपजते हैँ। इस प्रकार के नट को लेकर बहुत सारी बातें की जा सकत

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the underground nut

मूंगफली ही ऐसे नट्स हैं जो भूमि
के नीचे उपजते हैँ। इस प्रकार के नट को लेकर बहुत सारी बातें की जा सकती
हैं...ये फली है (इसी कारण इसका नाम मूंगफली है)। मूंगफली के पौधे का फूल
बिल्कुल आकार में मटर के फूल की तरह लगता है, जो 4 सेंटिमीटर से ज़्यादा
बड़ा नहीं होता है और लाल शिरे के साथ पीले रंग का होता है। परागण के बाद,
फूल का डंठल इतना लंबा होने लगता है जब तक कि उसके झुकने से अंडाशय ज़मीन
को छू न ले। डंठल लगातार बढ़ा होने लगता है जिससे कि अंडाशय के ऊपर इतना
दबाव पड़ता है कि वह ज़मीन के भीतर चला जाता है जहाँ फल फली के रूप में
परिपक्व होने लगता है जिसमें छोटे बीज रहते है जो कच्चे मूंगफली होते हैं।
इसलिए मूंगफली को भूमिगत नट भी कहते हैं। तथ्य यह है कि इन फलियों को नट के
रूप में विभाजन किया गया है क्योंकि इसमें उच्च मात्रा में पौष्टिकता रहते
हैं।

मेरे रसोईघर में गरमी या ठंडी का मौसम हो, नाश्ते
में/अल्पाहार के रूप में भूनी हुई मूंगफली थोड़े नमक और मसाले के साथ अच्छी
लगते हैं। या फली को थोड़ा नमक और हल्दी पावडर के साथ उबाल लें...प्रयास
करके खाने के वक्त छिलका छुड़ा लें! उबली हुई मूंगफली में प्याज़, टमाटर और
काला नमक डालकर स्वादिष्ट चाट बनाएँ। हमारे घर में मूंगफली से बनी एक और
चीज़ प्रिय है वह है पीनट रेज़िन बार, जो मेरी बेटियाँ अल्योना के साथ
मिलकर बनाती हैं (स्कूल भी ले जाती हैं!)। इसको बनाने के लिए एक कप कुटी और
भूनी हुई मूंगफली के साथ तीन चौथाई कप बिना बीज वाले किशमिश लें और गरम
करें। हल्का-हल्का पकाने के बाद आँच से उतार दें। उसमें किशमिश, मूंगफली और
एक और आधा कप कॉर्नफ्लेक्स डालें। तेल ठंडा होने पर बार की तरह काट लें।
सामान्य, स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्द्धक! मूंगफली हमारे रोज़ के खाने में
बहुत बड़ी भूमिका निभाती है। सलाद, ग्रेवी, स्नैक्स, चावल, चटनी, लड्डू,
चिक्की आदि कई व्यंजनों में कई वेशों में मौजूद रहते हैं। यह सूची चलती
रहेगी...जैसे चिवड़ा में डालें या पोहा में डालें जिस प्रकार अल्योना डालती
है।

मूंगफली का स्वाद तब सबसे ज़्यादा अच्छा लगता है जब वह मुलायम
होता है और फसल काटकर इकट्ठा की जाती है। एक बार जब मैं आंध्र कार से जा
रहा था रास्ते के किनारे मूंगफली का मैदान देखा। मैं कार से उतरकर फसल काट
कर इकट्ठा किए गए कुछ मूंगफलियों के लिए वहाँ के लोगों से कहा...अतुलनीय
स्वाद। दक्षिण भारतीय रेसिपी में इसका इस्तेमाल बहुत करते हैं। मूंगफली
ग्रेवी के रूप में भी इस्तेमाल होता है या तेल में भूनकर उसमें
इमली/नींबु/नारियल डालें या दही चावल में या चावल के किसी भी व्यंजन में
इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

दूसरा उत्पादन है पीनट बटर। यू.एस. और
यूरोप में इसका बहुत बड़ा उत्पादन होता है। मुझे याद है कुछ दिन पहले तक भी
पीनट बटर और जेली सैंडविच बहुत दिखता था...लेकिन उसी मक्खन का इस्तेमाल
कैन्डी और चॉकलेट और बेकरी के उत्पादक बनाने में इस्तेमाल किया जाने लगा
(कुरकुरा पीनट कुकीज़ मुझे बहुत पसंद है)। मूंगफली का तेल (हम जानते है यह
अच्छा भूमिगत नट तेल होता है) बहुत लोकप्रिय पाक-शैली का माध्यम है यानि
इसका इस्तेमाल खाना बनाने में होता है। भूनने/फ्राई करने के लिए आदर्श है
क्योंकि इसका हाई स्मोकिंग पॉइन्ट होता है।

जब मैं दिल्ली में था,
तब पिताजी से मैंने एक बात सीखी थी कि कैसे अच्छे मूंगफली का चुनाव करें -
आकार में भारी लगना चाहिए, खड़खड़ाहट की आवाज़ नहीं होनी चाहिए। अगर
खड़खड़ाहट की आवाज़ हो रही है तो समझे कि दाना सूख गया है। मूंगफली के खोल
पर छेद या दरार, काला दाग या कीड़े से कोई क्षति नहीं होनी चाहिए।

आवरण
सहित मूंगफली को हवाबंद जार में संरक्षित करके फ्रिज में या फ्रीज़र में
रखे ताकि अतिरिक्त ताप, आद्रता या प्रकाश से विकृत गंध न निकल जाए। आवरण
सहित मूंगफली फ्रिज में लगभग तीन महीने तक ठीक रहता है और फ्रीज़र में छह
महीनों तक। काटकर संरक्षित न करें। खाने या रेसिपी में इस्तेमाल करने से
पहले ही काटना अच्छा होता है।