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जब ओवन में ब्रेड बेक हो जाता है तब जो सुगंध निकलती है उसका कुछ शब्दों में वर्णन करना मुश्किल है। उस सुगंध में इतनी शक्ति है कि आपके मुँह में पानी आ जाएगा। नए अध्ययन के अनुसार, यह आपको दयावान व्यक्ति बना देगा। दूसरे अध्ययन के अनुसार आपके पहले का अच्छा भाव सुगंधित महक से संबंध स्थापित करता है, नए अध्ययन के अनुसार आपके अच्छे महक और अच्छे कर्म के बीच सुदृढ़ संबंध स्थापित करता है। जब ब्रेड फूलने लगता है तभी यह सुगंध निकलता है। लेकिन ब्रेड को कौन फुलाता है? यह कारक खमीर है, जो ब्रेड के आटे में डाला जाता है।
खमीर क्या है?
खमीर के अलावा भी कुछ और किण्वीकरण के कारक हैं, जैसे - बेकिंग पावडर, बेकिंग सोडा, अंडा आदि। चलिए पहले किण्वीकरण के कारक के भूमिका के बारे में अध्ययन करें। इससे उत्पाद नरम, चबाने योग्य और हल्का होता है। किण्वीकरण के कारक के भूमिका को समझना ज़रूरी है। याद रहे, खमीर ब्रेड, केक, कुकीज़ को बनाता भी है और बिगाड़ता भी है।
क्या हम सचमुच ही ब्रेड के लिए कुछ मानते हैं? हाँ, हम कर सकते हैं और हम नहीं भी कर सकते हैं। किसी भी दुकान के शेल्फ से एक ब्रेड के लोफ को उठाना तो आसान होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि छह हज़ार साल से फूला हुआ ब्रेड हम खाते आ रहे हैं? कुछ शताब्दी पहले ही खमीर के किण्वीकरण के कारक के राज के बारे में पता चला है। अब हम जानते हैं कि यह गैस उत्पादन करने वाला चयापचय है जो विशेष प्रकार के फफूंद में पाया जाता है, जो खमीर होता है।
खमीर का उद्भव
कहा जाता है कि यीस्ट मनुष्य द्वारा बनाया गया सबसे पुराना सूक्ष्म जीव है। लेखन के प्रणाली के उन्नत होने के पहले से ही इसका इस्तेमाल होने लगा था। कहा जाता है प्राचीन ईजिपशिन यीस्ट का इस्तेमाल करते थे, एल्कोहोलिक बेवरेज का उत्पादन खमीर के प्रक्रिया से होता था| 5000 साल पहले से ब्रेड का किण्वीकरण हो रहा है। वे यीस्ट के कार्य को समझ नहीं पाते थे और यह समझते थे कि यह कोई राज है या जादू है।
जैसा कि बाइबल में ‘लिवन’ व्याख्यायित है, यह नरम मुलायम आटा है जिसका कम मात्रा में इस्तेमाल होता है हर नए ब्रेड के किण्वीकरण के लिए। सालों तक इन स्ट्राटर कल्चर का इस्तेमाल उन्नत यीस्ट के चुनाव में मदद करने के लिए किया गया, जैसे - वाइन और बीयर का समूह, या आटे के अगले वर्ग के संचार में। सौ सालों से, बेकरों की यह परम्परा थी कि वाइन बनने और किण्वासवन के उपोत्पाद के रूप में वे ब्रेड के किण्वीकरण के यीस्ट को प्राप्त करते थे। परिणामस्वरूप ये पहले के बेकर इन ज़रूरी वाणिज्यिक सूक्ष्म जीव के चुनाव में ज़रूरी योगदान प्रदान करते थे।
खमीर कैसे काम करता है
जब आटे में खमीर डाला जाता है, खमीर चीनी का किण्वीकरण करता है और कार्बनडाइऑक्साइड और एल्कोहल का उत्पादन करता है। धीरे-धीरे किण्वीकरण की प्रक्रिया होती है और समय के साथ गति बढ़ती है। आटे में दो स्थिति के कारण गति बढ़ती है - खमीर गुणन के फल की तरह बढ़ता है और जब आटे को गूंदा जाता है तब एन्ज़ाइम बहुत सक्रिय हो जाता है और चीनी खमीर के प्रक्रिया के दौरान आटे में स्टार्च छोड़ता है जो प्राकृतिक आटे के एन्ज़ाइम के प्रतिक्रिया के कारण होता है।
बेकिंग के पहले गैस का बुलबुला लचीला आटे में विभाजित हो जाता है। लीवन डग और बेक्ड डग के नाज़ुक संरचना में अंतर स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है। जब बेकिंग की प्रक्रिया शुरू होती है तब ताप यीस्ट को मार डालता है और खमीर की प्रक्रिया को रोकने के लिए एन्ज़ाइम को निष्क्रिय करता है और कार्बनडाइऑक्साइड के निष्कासन को निष्क्रिय करता है। लेकिन बुलबुला ताप के प्रभाव से उसे बड़ा कर देता है क्योंकि कार्बनडाइऑक्साइड का विस्तार, बाधित हवा के फैलाव और पानी का वाष्प में रूपांतरण होता है। खमीर की सक्रियता तापमान पर निर्भर करती है, ये 35 डिग्री सेंटिग्रेड में ही ज़्यादा क्रियाशील रहता है।
खमीर के प्रकार
यीस्ट कई रूप में पाये जाते हैं लेकिन आपके और मेरे लिए इसका उत्तर है- सक्रिय सूखा खमीर जो प्रयोग की अवधि के साथ पैक किया रहता है। पैकेट में प्रयोग की अवधि की समाप्ति के साथ उसको कमरे के तापमान में रखा जाता है नहीं तो फ्रीज़र में लंबे समय तक संरक्षित रखा जाता है।
आप ताज़ा खमीर भी पा सकते हैं। लेकिन याद रहे सूखा खमीर ताज़े खमीर की तुलना में दुगुना सक्रिय होता है। जिसका मतलब यह है कि अगर आप ताज़ा खमीर का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो दुगुने मात्रा का इस्तेमाल करें। ताज़े खमीर का इस्तेमाल वाणिज्यिक बेकरी के यहाँ होता है जहाँ ये विशेष उच्च आयतन का दवा तैयार करने में और मिश्रण तैयार करने का साधन होता है। केक खमीर भी पाया जाता है और यह खमीर मुलायम, सख्त और मटमैला रंग का होता है।
यीस्ट का इस्तेमाल कैसे करें
रेसिपी में सलाहनुसार जितनी मात्रा दी जाती है उतना ही लें - उससे न ज़्यादा न कम। एक साथ ज़रूरतानुसार आटा, जल, मक्खन और सक्रिय खमीर की मात्रा को गूंदे और आटा को ढक कर गरम जगह पर रख दें और आटा को बढ़ने और आयतन में दुगुना होने दें।
खमीर को आटा में डालने के लिए एक तरीका है । छोटा चम्मच का चतुर्थांश चीनी आधा कप गर्म पानी में डालें, हिलायें और खमीर के दाने छिड़कें और तुरन्त ढक दें। खमीर में झाग निकलेगा जब आप आटा में डालेंगे। झाग नहीं निकलने का मतलब है खमीर निष्क्रिय है अतः फेंक दें। आपने अच्छी बात पूछी है, चीनी का क्यों प्रयोग करते हैं? क्योंकि चीनी यीस्ट को पोषित करता है।
खमीर क्या है?
खमीर के अलावा भी कुछ और किण्वीकरण के कारक हैं, जैसे - बेकिंग पावडर, बेकिंग सोडा, अंडा आदि। चलिए पहले किण्वीकरण के कारक के भूमिका के बारे में अध्ययन करें। इससे उत्पाद नरम, चबाने योग्य और हल्का होता है। किण्वीकरण के कारक के भूमिका को समझना ज़रूरी है। याद रहे, खमीर ब्रेड, केक, कुकीज़ को बनाता भी है और बिगाड़ता भी है।
क्या हम सचमुच ही ब्रेड के लिए कुछ मानते हैं? हाँ, हम कर सकते हैं और हम नहीं भी कर सकते हैं। किसी भी दुकान के शेल्फ से एक ब्रेड के लोफ को उठाना तो आसान होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि छह हज़ार साल से फूला हुआ ब्रेड हम खाते आ रहे हैं? कुछ शताब्दी पहले ही खमीर के किण्वीकरण के कारक के राज के बारे में पता चला है। अब हम जानते हैं कि यह गैस उत्पादन करने वाला चयापचय है जो विशेष प्रकार के फफूंद में पाया जाता है, जो खमीर होता है।
खमीर का उद्भव
कहा जाता है कि यीस्ट मनुष्य द्वारा बनाया गया सबसे पुराना सूक्ष्म जीव है। लेखन के प्रणाली के उन्नत होने के पहले से ही इसका इस्तेमाल होने लगा था। कहा जाता है प्राचीन ईजिपशिन यीस्ट का इस्तेमाल करते थे, एल्कोहोलिक बेवरेज का उत्पादन खमीर के प्रक्रिया से होता था| 5000 साल पहले से ब्रेड का किण्वीकरण हो रहा है। वे यीस्ट के कार्य को समझ नहीं पाते थे और यह समझते थे कि यह कोई राज है या जादू है।
जैसा कि बाइबल में ‘लिवन’ व्याख्यायित है, यह नरम मुलायम आटा है जिसका कम मात्रा में इस्तेमाल होता है हर नए ब्रेड के किण्वीकरण के लिए। सालों तक इन स्ट्राटर कल्चर का इस्तेमाल उन्नत यीस्ट के चुनाव में मदद करने के लिए किया गया, जैसे - वाइन और बीयर का समूह, या आटे के अगले वर्ग के संचार में। सौ सालों से, बेकरों की यह परम्परा थी कि वाइन बनने और किण्वासवन के उपोत्पाद के रूप में वे ब्रेड के किण्वीकरण के यीस्ट को प्राप्त करते थे। परिणामस्वरूप ये पहले के बेकर इन ज़रूरी वाणिज्यिक सूक्ष्म जीव के चुनाव में ज़रूरी योगदान प्रदान करते थे।
खमीर कैसे काम करता है
जब आटे में खमीर डाला जाता है, खमीर चीनी का किण्वीकरण करता है और कार्बनडाइऑक्साइड और एल्कोहल का उत्पादन करता है। धीरे-धीरे किण्वीकरण की प्रक्रिया होती है और समय के साथ गति बढ़ती है। आटे में दो स्थिति के कारण गति बढ़ती है - खमीर गुणन के फल की तरह बढ़ता है और जब आटे को गूंदा जाता है तब एन्ज़ाइम बहुत सक्रिय हो जाता है और चीनी खमीर के प्रक्रिया के दौरान आटे में स्टार्च छोड़ता है जो प्राकृतिक आटे के एन्ज़ाइम के प्रतिक्रिया के कारण होता है।
बेकिंग के पहले गैस का बुलबुला लचीला आटे में विभाजित हो जाता है। लीवन डग और बेक्ड डग के नाज़ुक संरचना में अंतर स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है। जब बेकिंग की प्रक्रिया शुरू होती है तब ताप यीस्ट को मार डालता है और खमीर की प्रक्रिया को रोकने के लिए एन्ज़ाइम को निष्क्रिय करता है और कार्बनडाइऑक्साइड के निष्कासन को निष्क्रिय करता है। लेकिन बुलबुला ताप के प्रभाव से उसे बड़ा कर देता है क्योंकि कार्बनडाइऑक्साइड का विस्तार, बाधित हवा के फैलाव और पानी का वाष्प में रूपांतरण होता है। खमीर की सक्रियता तापमान पर निर्भर करती है, ये 35 डिग्री सेंटिग्रेड में ही ज़्यादा क्रियाशील रहता है।
खमीर के प्रकार
यीस्ट कई रूप में पाये जाते हैं लेकिन आपके और मेरे लिए इसका उत्तर है- सक्रिय सूखा खमीर जो प्रयोग की अवधि के साथ पैक किया रहता है। पैकेट में प्रयोग की अवधि की समाप्ति के साथ उसको कमरे के तापमान में रखा जाता है नहीं तो फ्रीज़र में लंबे समय तक संरक्षित रखा जाता है।
आप ताज़ा खमीर भी पा सकते हैं। लेकिन याद रहे सूखा खमीर ताज़े खमीर की तुलना में दुगुना सक्रिय होता है। जिसका मतलब यह है कि अगर आप ताज़ा खमीर का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो दुगुने मात्रा का इस्तेमाल करें। ताज़े खमीर का इस्तेमाल वाणिज्यिक बेकरी के यहाँ होता है जहाँ ये विशेष उच्च आयतन का दवा तैयार करने में और मिश्रण तैयार करने का साधन होता है। केक खमीर भी पाया जाता है और यह खमीर मुलायम, सख्त और मटमैला रंग का होता है।
यीस्ट का इस्तेमाल कैसे करें
रेसिपी में सलाहनुसार जितनी मात्रा दी जाती है उतना ही लें - उससे न ज़्यादा न कम। एक साथ ज़रूरतानुसार आटा, जल, मक्खन और सक्रिय खमीर की मात्रा को गूंदे और आटा को ढक कर गरम जगह पर रख दें और आटा को बढ़ने और आयतन में दुगुना होने दें।
खमीर को आटा में डालने के लिए एक तरीका है । छोटा चम्मच का चतुर्थांश चीनी आधा कप गर्म पानी में डालें, हिलायें और खमीर के दाने छिड़कें और तुरन्त ढक दें। खमीर में झाग निकलेगा जब आप आटा में डालेंगे। झाग नहीं निकलने का मतलब है खमीर निष्क्रिय है अतः फेंक दें। आपने अच्छी बात पूछी है, चीनी का क्यों प्रयोग करते हैं? क्योंकि चीनी यीस्ट को पोषित करता है।