एक कप कॉफी के साथ फिर से जीवित हो जायें ओह, मैं एक गरमागरम झाग और स्वाद से भरे कॉफी के कप के लिये क्या कुछ न कर दूं? असल में, काफी कुछ। By Sanjeev Kapoor 31 Dec 2014 in लेख Know Your Ingredients New Update ओह, मैं एक गरमागरम झाग और स्वाद से भरे कॉफी के कप के लिये क्या कुछ न कर दूं? असल में, काफी कुछ। व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए, मुझे यह काफी ताज़गी से भरा और जिवित कर देता है, और भी तब जब मैं पूरा दिन काम करने के बाद थकाहारा घर पहुंचता हूं। ऐसे ही नहीं, पर पानी के बाद, कॉफी ही दुनिया की सबसे लोकप्रिय पेय पदार्थ है, जिसकी खपत प्रतिवर्ष 400 बिलियन कप के ऊपर होती है। कॉफी का प्रारंभ ‘कॉफी’ शब्द आता है एक अर्बी शब्द ‘कुवाह’ से जो कि एक तुर्कि शब्द ‘काहवेह’ से अंग्रेज़ी का ‘कॉफी’ बन गया। इसकी खेती येमन में 6वी शताब्दी में हुई और उसके बाद यह 13वीं शताब्दी में अरब देश में फैल गया। कॉफी का उत्पादन और अच्छी तरह से स्थापना जावा और कैरेबियन में 18वीं शताब्दी में किया गया। ब्राज़ील कॉफी का दुनिया में सबसे अग्रणी उत्पादक है और इसके बाद आते हैं इथियोपिया, कोलम्बिया, सेन्ट्रल और साउथ अमरीका, भारत और इन्डोनीशिया।ये कैसे उपजता है कॉफी की फलियाँ एक सदाबहार पेड़ से आती हैं जो कि दुनियाभर के संकीर्ण सबट्रॉपिकल बेल्ट में उगाई जाती हैं। इसको गरम-नमी और गरम-समशीतोष्ण वातावरण की आवश्यकता होती है। इसलिये ट्रॉपिक ऑफ कैंसर और ट्रॉपिक ऑफ केप्रिकॉर्न, जिनमें नियमित बारिश होती है और जहाँ का तापमान 15 से 25 डिग्री सेंटिग्रेड रहता है, कॉफी उगाने के लिये आदर्श है। मिट्टी गहरी, सख्त, पारगम्य, अच्छी तरह से सिंचित और अच्छी तरह से सूखी अवभूमि के साथ होनी चाहिये। सबसे अच्छे भूमि होते हैं चट्टानों वाले, जिन्हे पहाड़ियों में काटा गया हो और जिनकी प्रकृति बिखरे पत्थर और जस्ट-टिल्लड वुड्स होने के साथ-साथ ज्वालामुखीय हो। सही ऊंचाई 600 और 1200 मीटर के बीच होती है, हालांकि कुछ किस्म 2000-2200 मीटर पर भी उगते हैं और कुछ 400 मीटर तक पर और स्तर भूमि पर भी उगते हैं। कॉफी के पेड़ अत्यधिक सुगंधित, अल्पकालिक फूलों का उत्पादन करते है जो कि छोटे कॉफी चेरी का उत्पादन करते हैं। इसके एक वाणिज्यिक फसल उपज के लिए 4-5 साल लग जाते हैं। इस बीन के दो मुख्य प्रजातियां हैं: अरैबिका, जो पूरी और खुशबूदार होता है और रोबस्टा, जो कुछ हद तक अम्लीय और डार्क रोस्ट के लिए अनुकूल होता है। कॉफी के बारे में क्या इतना आकर्षक हैकॉफी मकड़ी के जालों को हटा देता है, कॉफी आप को एक पूरे दिन को बिताने के लिये साहस देता है पर यह याद रखें कि एक कप कॉफी में लगभग 70-80 एम.जी. कैफ़ीन होता है। कैफ़ीन को हम उस कम्पाउन्ड के नाम से जानते हैं जो कि एक पेय के रूप में उत्तेजक प्रभाव योगदान करने के साथ-साथ थोड़ी सी कड़वाहट भी प्रदान करता है। पर ध्यान रहे: आपको यह याद रखना चाहिए कि अधिक मात्रा में कैफ़ीन का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। जैसे हम जानते हैं कॉफी को एसप्रेस्सो: बेहद स्ट्रॉन्ग और कड़वी इटैलियन कॉफी जो कि बारीक पीसी डार्क भुनी हुई कॉफी को भाप के साथ ब्रू करके बनायी जाती है।कैपुचीनो: स्टीम की हुई दूध के फोम के साथ परोसी गई एसप्रेस्सो जो कभी-कभी मीठे कोको पावडर या दालचीनी छिड़क कर सजाई जाती है। कैफे ओ ले: कॉफी के साथ समान मात्रा में स्काल्ड किया हुआ दूध। कोल्ड कॉफी: कॉफी और चीनी के स्वाद के साथ ठंडा दूध। कई बार इसे या तो कॉफी के स्वादवाले या चॉकलेट आईस क्रीम के डॉलप के साथ परोसा जाता है। औषधीय उपयोग स्ट्रॉन्ग कॉफी का एक कप मलेरिया के प्रभाव से सुरक्षा दिलाने के लिये अच्छा में माना जाता है। उल्टी चेक के रूप में कॉफी का चम्मचभर खुराक अक्सर सर्जिकल आपरेशन के बाद मरीज़ों को दिया जाता है। कॉफी कड़वे दवाइयों, जैसे क्विनीन और सलफेट ऑफ मेगनिशिया, के स्वाद को छुपा देता है। यह लंबे समय तक मानसिक थकान की भावना को दबाता है और साथ में कुछ देर तक नींद आने से भी रोकता है। रसोईघर की ताक पर कॉफी कॉफी सार्वभौमिक लोकप्रियता के साथ एक अंतरराष्ट्रीय पेय है। इसका प्रयोग काफी बार कनफेक्श्नरी, बेक किये हुये डेज़र्ट्स्, आईस क्रीम और उन सभी रेसिपी जिनमें ‘मोका’ शब्द जुड़ा होता है, में होता है। कॉफी का प्रयोग कई ऐलकोहल बेस वाले पेय बनाने में भी होता है, उदाहरणस्वरूप: आइरिश कॉफी और अन्य लिक्यओर्स जैसे तिया मारिया, काहलुआ, क्रेम दे मोका, बाहिया जिन्हे कॉफी के पल्प से बनाया जाता है। कॉफी को ब्रू करना कॉफी को ब्रू करने के लिये सबसे महत्वपूर्ण चीज़ जो ध्यान में रखना चाहिये वह यह है कि कॉफी बनाने के लिये प्रयोग किये जाने वाले सभी उपकरणों को अधिक साफ रखना चाहिये। कॉफी दो तरह से बनाया जा सकता है, या तो इनफ्युशन से या उबालकर। आज की दुनिया में कॉफी बनाने के सबसे लोकप्रिय तरीका है इनफ्युशन, और इसमें भी विशेष रूप से फिलट्रेशन। इस विधि में पानी को पहले पानी को उबाला जाता है और फिर पिसे हुये कॉफी पर डाला जाता है, जिस से कॉफी में से कैफ़ीन और सुगंधित तत्व निकलकर पेय में मिल जाते हैं और कड़वे तत्व रह जाते हैं। Subscribe to our Newsletter! Be the first to get exclusive offers and the latest news Subscribe Now You May Also like Read the Next Article