लाल तीखी मिर्ची II

क्या लक है! मैं जे.वी.पी.डी. सिग्नल पर था। एक लड़का चिल्लाकर अपने आम बेच रहा है तो यह जनाब डियोड्रें

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red hot chilli pepper

क्या लक है! मैं जे.वी.पी.डी.
सिग्नल पर था। एक लड़का चिल्लाकर अपने आम बेच रहा है तो यह जनाब डियोड्रेंट
का बक्सा लेकर आये हैं। मैं सिग्नल पर स्ट्रौबरी, कोर्न, किताबें,
टिशुपेपर, अख़बार बेचते हुए देखता हूँ लेकिन ऐसा कभी नहीं देखा। लेकिन मैं
गलत था। यह स्प्रे चिल्ली स्प्रे में बदल गया, अपने खुद के बचाव के लिए। एक
खरीदना न भूलें, मैंने अपने कौलम के लिए एक खरीदा!

मिर्ची का
इस्तेमाल कई तरह से होता है। मैंने द येलो चिल्ली का बहुत ही स्पष्ट रुप
अपने कम्पनी के लोगो के रुप में इस्तेमाल करता हूँ। मैंने पहले हरी-भरी लाल
मिर्च को ‘लोगो’ के रुप में इस्तेमाल करने के लिए सोचा, मुम्बई में
होरडिंग होगें, ब्रांड की सूचना अखबारों में दी जायेगी। लेकिन मैं कुछ अलग
करना चाहता था, इसलिए मेरा ‘लोगो’ येलो चिल्ली में बदल गया!

घर पर
हम, लाल मिर्ची के पावडर रंग और तीखापन लाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। हम
में कितने लोगों को पता है कि लाल मिर्च कहाँ से आता है? क्या हरी और लाल
मिर्ची एक ही पौधे पर उगते हैं? हाँ, ऐसा ही होता है। जिस प्रकार आम कच्चा
रहने पर हरा रहता है और पकने पर पीला ठीक उसी तरह मिर्ची ताज़ी रहने पर हरी
और पकने पर लाल रंग में बदल जाती है। इस अवस्था में उसको सुखाकर सुखी
लालमिर्च के रुप में बेचा जाता है। क्या आपने कभी सुखी हरी मिर्च देखी है?
क्या मिर्ची के पकने से उसके तीखेपन में कुछ अंतर आता है? मुझे भी इस बारे
में कुछ पता नहीं है, पता लगने पर आपको बताता हूँ।

कुछ लोग मिर्ची
खाते हैं क्योंकि वे खाना चाहते हैं। वे जाँच कर कहेंगे लाल अच्छी नहीं है,
हरी ठीक है। लेकिन यह सरासर गलत है। अगर डौक्टर कम मसालेदार खाना खाने की
सलाह देता है तो उसमें हरी मिर्च शामिल है। इन सब छोटी बातों के चारों तरफ
ही दुनिया घूम रही है। चार सौ साल पहले मिर्ची जैसी कोई चीज़ नहीं थी। पूरी
दुनिया के ग्लोब में भारतीय व्यंजन को ‘हौट’ के रुप में चित्रित किया जाता
है। तो क्या चार सौ साल पहले भारतीय व्यंजन नौन-औथेन्टिक था जब मिर्ची का
नामो-निशान नहीं था?

दुनिया को मेक्सीकन्स के बारे में बहुत कुछ
जानकारी है कि उन्हें हालापीनो बहुत प्रिय है। मिर्ची के बारे में अन्य
बातें जानें - बेदगी, काश्मीरी, संकश्वरी, गुन्टूर, नागा जोलाकिया, धानी,
हिन्दपुर और बहुत कुछ..मिर्ची का दूसरे मसालों या जड़ि-बूटियों के साथ
अच्छा लगाव है। इसका मसालों के साथ अद्भुत मेल है जैसे - धनिया, तुलसी का
पत्ता, अदरक, ओरेगानो, दालचीनी, काली मिर्च, जीरा, लौंग और पार्स्ले।

लाल
मिर्च के पावडर को दो तरह से ठीक से रख सकते हैं। हवा बंद ग्लास के जार
में और थोड़ा तेल (कैस्टर आइल) पावडर में थोड़ा लगा दे। इससे तीखापन और रंग
दोनों ठीक रहेगें (छह से आठ महीने तक) और कीड़े भी दूर रहेगें।

आपको
उस पंडितजी के बारे में पता है जो हवन सामग्री में लाल मिर्च का इस्तेमाल
करते हैं? लेकिन किचन में आप व्यंजन को थोड़ा तेज़ या तीखा बनाना चाहते हैं
या ताप का विसफोरण करना चाहते हैं( एसीडीटी का स्वागत कीजिए), यह आपके ही
नियंत्रण पर है! लेकिन अपने गले को मत जलाइए जब आप लाल मिर्च को तेल में
डालेगें? यह होगा लेकिन कभी-कभी। तब थोड़ा नमक का इस्तेमाल करके नियंत्रण
में लाइए और गले के जलन से बचिये। इसके लिए आप मेरा शुक्रिया अदा करेगें।