अनानास - काँटेदार, मीठा और स्वाद से भरपूर

क्या आपको पता है कि अनानास सिर्फ एक फल नहीं है, बल्कि दो सौ फ्रूटलेट का गुच्छा है! अब आपने जाना। आपक

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pineapple prickly sweet and full of flavour



क्या आपको पता है कि
अनानास सिर्फ एक फल नहीं है, बल्कि दो सौ फ्रूटलेट का गुच्छा है! अब आपने
जाना। आपके जानकारी के लिए मैं यह बात कहना चाहता हूं कि अनानास आसानी से
आपके घर के पिछवाड़े वाले जगह में उग सकता है। इसको करने के लिए आप को
मार्केट से अनानास खरीदना पड़ेगा कम-सेकम पूरा दो दिन तक सुखाना पड़ेगा और
फिर रोपन करें।

एक बार पौधा लग जाने के बाद पेड़ को फल देने में
लगभग दो वर्ष लगता है। हर पौधा एक बार ही फूल देता है और एक बार में एक ही
फल देता है।

अपने पूरे जीवन काल में दो अनानास ही वह दे पाता
है जबकि दूसरा फल पहले की तुलना में छोटा होता है।

अनानास क्या है?
अनानास
के बारे में जैसा कि मैंने पहले कहा था कि तकनीकी रूप से यह फल नहीं है,
सोरोसीस है। सौ या उससे भी ज़्यादा अलग-अलग फूल स्पाइक पर उगते हैं और उनके
पनपने के साथ रस और गूदा से भरने लगता है और फल का रूप धारण करता है।

ज़्यादातर
लोगों का मानना है कि अनानास पेड़ पर उगता नहीं है। ब्रोमीलैड का फल है,
एकल स्पाइक के केंद्र पर उगता है और तलवार जैसे पत्तों से घिरा रहता है।
अनानास ही ऐसा फल है जो ब्रोमीलाइड होने के बावजूद खाने योग्य फल का
उत्पादन करता है।

वाणिज्यिक रूप से अनानास के पेड़ से दो से तीन
साल तक ही फसल मिलता है, क्योंकि जैसा कि मैंने पहले कहा था कि हर साल फल
का आकार छोटा होता जाता है।

इसका उद्भव कहाँ हुआ?
इतिहास
के अनुसार अनानास का दक्षिण अमेरिका के पारागुए में उत्पादन हुआ था। वेस्ट
इंडीज़ के स्थानीय लोगों के द्वारा दक्षिण और मध्य अमेरिका में इसके परिचय
का विस्तार हुआ। क्रिस्टोफर कोलम्बस के अमेरिका के आविष्कार के बाद 1493
में इसको स्पेन लाया गया। इसके बाद नाविक स्कर्वी रोग से बचने के लिए इसको
लेकर यात्रा करते थे और इस तरह पूरा दुनिया इससे परिचित हो गया।

इसका
वनस्पति शास्त्र संबंधी नाम अनानास कोमोसस है और यह ब्रोमीलीसाइ के परिवार
से है। अब आप समझ पायेंगे कि क्यों भारत में इसको अनानास कहते है।

स्वास्थ्य संबंधी लाभ
मुझे
अनानास बहुत पसंद है और जब भी हो सके मैं लाता हूं। पहले तो यह लो कैलोरी
वाला होता है उसके अलावा स्वास्थ्य संबंधी सात ज़रूरी यौगिकों, मिनरल,
विटामिन का स्टोर हाउस होता है।

इसके गूदे में सैचुरेटेड फैट या कलेस्टरॉल नहीं रहता है और इसमें घुलनशील और अघुलनशील डाएटरी फाइबर जैसे पेक्टीन से भरपूर रहता है।

अनानास
में प्रोटीओलाइटिक एन्जाइम ब्रोमीलेन रहता है जो खाद्द में उपस्थित
प्रोटीन को तोड़कर हजम करने में मदद करता है। इसके अलावा ब्रोमीलेन में
एन्टी-इनफ्लैमटरि, एन्टि-क्लॉटिंग और एन्टि-कैन्सर के गुण है। वैज्ञानिक
अध्ययन से यह सिद्ध होता है कि इसके नियमित खपत से गठिया, बदहजमी और कृमि
से भर जाने पर इससे लड़ने में मदद करता है।

सिर्फ इतना ही नहीं है,
ताज़ा एन्टिऑक्सिडेंट और विटामिन सी का स्रोत होता है और जो शरीर में
कोलेगेन संश्लेषण के लिए ज़रूरी होता है। कोलागेन शरीर का प्रधान प्रोटीन
की संरचना होती है जो ब्लड वेसल, त्वचा, ऑरगन और हड्डी के अखंडता को बनाए
रखने के लिए ज़रूरी होती है। रोज़ सेवन करने से इसमें मौजुद विटामिन सी
स्कर्वी रोग से बचाता है।
अनानास में विटामिन ए और बीटा कैरोटीन रहता है
जो एन्टिऑक्सिडेंट के गुण के कारण जाना जाता है। विटामिन ए
स्वास्थ्यवर्द्धक म्युकस मेम्ब्रेन, त्वचा, और देखने की शक्ति को बनाए रखने
में मदद करता है। अध्ययन से यह पता चलता है कि प्राकृतिक फल फ्लेवनाइड से
भरपूर होते हैं जो मनुष्य की रक्षा फेफड़ा और ओरल कैविटी कैन्सर से करता
है।

इसके अलावा, यह फल बी-कॉम्प्लेक्स ग्रूप के विटामिन जैसे
फोलेट, थियामीन, पाइरोडॉक्सिन, राइवोफ्लेविन और मिनरल जैसे कॉपर, मैंगनीज़
और पोटाशियम का स्रोत होता है। पोटाशियम कोशिका और शरीर के द्रव्य का
ज़रूरी घटक होता है और रक्त चाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। ताँबा
लाल रक्त कण के संश्लेषण में मदद करता है। मैंगनीज़ एन्ज़ाइम सूपरऑक्साइड
डीसम्यूटेस का को-फैक्टर होता है जो शक्तिशाली फ्री रैडिकल स्कैवेन्जर होता
है।

इसमें बहुत सारे पौष्टिकता के गुण है जिसका रोज सेवन करने से स्वास्थ्य को अपूर्व लाभ मिलेगा।

इस फल का चुनाव कैसे करें?
जब
भी अनानास खरीदें इस बात का ध्यान रखें कि वह आकार में भारी हो। छोटे और
बड़े अनानास के आकार में अंतर होता है मगर क्वालिटी में कोई अंतर नहीं
होता है।

याद रहें कि फल को खरीदते वक्त उस पर दाग, खरोंच, मोल्ड
या आंख काला न हो-यह सब चिह्न पुराने फल के हैं, मतलब फल ताज़ा नहीं है। आप
फल के ताज़ा होने का, पका होने और क्वालिटी का अंदाज, किनारों को दबा कर
जाँच कर सकते हैं। पका हुआ अनानास ठोस आवाज़ करेगा जबकि पुराना फल खाली
जैसा आवाज़ करेगा।

एक बार फल को पेड़ से तोड़ लेने के बाद पकने की
प्रक्रिया रूक जाती है, जिस फल में तने के अंत तक मीठा और अच्छा महक
निकलेगा उसीफल को तोड़ें।

कमरे के तापमान में पका अनानास जल्दी खराब
हो जाता है। उसी तरह यह ठंडे में भी संवेदनशील होता है, फ़्रिज में
ज़्यादा दिन तक नहीं रखा जा सकता है इसलिए जितनी जल्दी हो सके खपत कर लेनी
चाहिए।

पाकशैली में इस्तेमाल
अनानास
का इस्तेमाल कई प्रकार की मिठाईयाँ और नमकीन व्यंजन बनाने में होता है।
याद रहे, अनानास अपसाइड डाउन केक है, यह सिर्फ खाने में ही अच्छा नहीं होता
है बल्कि देखने में भी अच्छा होता है।

अनानास का रस यूं भी पी
सकते हैं या दूसरे रस के साथ मिलाकर स्वादिष्ट मॉकटेल बना सकते हैं। याद
करें पीना कोलाडा? बहुत ही स्वादिष्ट होता है.....

अनानास को सलाद
में भी डाल सकते हैं जैसे रशियन सलाद। फ्रूट सलाद में भी डाल सकते हैं।
पाइनेपल सूफले बहुत ही स्वादिष्ट होता है। एक बात याद रहे ताज़ा अनानास दूध
या दूध के किसी भी उत्पाद के साथ न मिलायें इससे स्वाद कड़वा हो जाता है।

अनानास
का छिलका छुड़ाकर कई तरह से काट सकते हैं। आसान तरीके से काटने के लिए
पहले ऊपर और निचले भाग को काटें फिर छिलका छुड़ाने के लिए निचले भाग को
रखें और सावधानी से छिलका को उतारें। छुरी के टिप से आंख को निकालें। एक
बार छिलका को छुड़ा लेने के बाद फल को गोलाकार या चंक में काट सकते हैं।

कृपया सावधानी बरतें
इसके
सभी अच्छे गुण के बावजूद यह कभी-कभी क्षति भी पहुँचाता है। गर्भ के दौरान
यदि ज़्यादा मात्रा में अनानास का सेवन हो गया तो प्रोटियोलाइटिक एन्ज़ाइम
ब्रोमीलेन के कारण मूत्र से रक्तस्राव होने लगता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं
को इससे दूर रहने के लिए कहा जाता है।