खुल जा सिम-सिम, आज तिल का राज़ खोलो!

खुल जा सिम-सिम......अली बाबा और चालिस चोर की कहानी में तिल से दरवाज़ा खोला था पर इस छोटे से तिल में

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खुल जा सिम-सिम......अली बाबा और
चालिस चोर की कहानी में तिल से दरवाज़ा खोला था पर इस छोटे से तिल में
ऊर्जा कूट-कूट कर भरा हुआ है। जब हम लोहरी और संक्राति के महीने में गज्जक,
चिक्की और रेवड़ी का आनंद उठाते है, तब हमें तिल के बारे में सोचना चाहिए।
यह छोटा-सा तो बीज़ है पर है ज़ोरदार!

इसे जब सेका जाता है, तब
मीठी महक और मिल्की-बटरी स्वाद आता है। बर्गर के चाहने वालों को पता है
बर्गर बन के ऊपर सफेद तिल होता है। यह रुचीकर ख़बर है कि तिल के बीज को
विशेष प्रकार के हलिंग प्रोसेस से गुजरना पड़ता है, जिससे सफेद तिल मिलता
है। यह बीज दो बार साफ किये जाते हैं, सुखाये जाते हैं और हैमबर्गर बन में
इस्तेमाल किये जाते हैं। यह विशेष प्रकार का प्रोसेस बीज को बेक करने के
बाद बन में सटने में मदद करता है। ब्रेड, ब्रेडस्टीक, कुकीज़ भूने हुए तिल
के आदर्श प्रोडक्ट हैं। दुनिया भर के व्यंजनों, विशेषकर एशिया, मिडल
ईस्टर्न और मेडीटेरियन - के प्रकारों को जानने की चाबी है। मैं अपने रेसिपी
के संग्रह में चिकन, प्रॉन, फ्राइड नूडल्स में सजावट के लिए शहद के साथ
तिल का इस्तेमाल करना पसंद करता हूँ। गुजरातियों के व्यंजनों में जैसे
ढोकला, पात्रा, हान्डवो के ऊपर तिल का इस्तेमाल करते हैं, मैं इसकी सराहना
करता हूँ। कुछ सब्जियां जैसे - चिप्स नू शाक और पापरी नू शाक.... तिल को
बादाम के साथ इस्तेमाल किया जाता है, तिली-पल्ली ग्रेवी के लिए, जो
हैदराबादी व्यंजनों में लोकप्रिय है। तिल से क्रीमी, मीठा ताहिनी बनता है
जो प्रोटीन और ऊर्जा से भरपूर होता है।

सबसे पुराना मसाला
इंसानों
के जानकारी में सबसे पुराना मसाला तिल है और पहला फसल है जिससे तेल निकाला
गया। बेबिलियन यह तेल सिसेम केक, वाइन, ब्रैन्डी और टॉयलटरीस में इस्तेमाल
करते थे। 1500 बी.सी. से इजिपस्यिन का मानना है कि तिल में औषधी की शक्ति
है। तिल का पौधा, सिसामम इन्डीकम, सेंट्रल अमेरिका, भारत, सूडान, चीन, और
युनाइटेड स्टेट में सफेद, या गुलाबी फूल और कैप्सूल जैसा बीज वाला फल का
उत्पादन होता है। फल को हाथ से तोड़ा जाता है और कैप्सूल जब पूरी तरह पक कर
बीज निकलता है।

बीज में अपूर्व भंडार
पौधे
के प्रकार के अनुसार बीज कई रंगों का होता है, जिसमें भूरा, लाल, काला,
पीला और साधारणतः हाथी दंत के रंग का। गहरे रंग का बीज ज़्यादा स्वादिष्ट
होता है, बशर्ते वह डाई न किया हो। तिल फ्रिज में या अंधकार, सूखी जगह पर
दो साल तक रखा जाय तब ठीक रहेगा। दूध के तुलना में तिल में तीन गुना
कैल्शियम रहता है। इसमें कैल्शियम, विटामिन बी और ई, आयरन और ज़िंक,
प्रोटीन की भरपूर मात्रा रहती है और कोलेस्टरोल बिल्कुल नहीं रहता है। तिल
का तेल ऐसा तेल है, जो सालों तक खराब नहीं होता है, यहाँ तक कि गर्मी के
दिनों में भी। एशिया में बहुत लोकप्रिय है, मेडिटेरियन में ऑलिव ऑयल की तरह
तमिलनाडु में तिल का तेल फैला हुआ है। यह अचार और सालाड के लिए बहुत अच्छा
है और जैपानीज़ इसका इस्तेमाल मछली बनाने में करते है।

तिल काफी
रेसिपियों का चेहरा बदल देता है, टोस्ट के ऊपर या ग्रिल या भून कर डालें या
इमली के पुलाव में डालें या परम्परागत तिलाची का लड्डु बनाइए। मुझे दिल्ली
की लोहरी याद है, जब हम तिल की रेवरी अर्पण कर के उसके फूटने का इंतज़ार
करते थे...