ऑलिव इट अप!

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olive it up

क्या आपको पता है दुनिया का सबसे पुराना ऑलिव का वृक्ष क्रेटी के द्वीप पर स्थित है? यह पेड़ 5000 साल पुराना है और अब भी फल दे रहा है। इसलिये इसके बारे में थोड़ा-बहुत लिखना ज़रूरी है।

जो ऑलिव हमारे किचन में आता है वह अच्छी तरह प्रोसेस्ड होता है, नहीं तो वह हरा हो या पका हो खाने योग्य नहीं होता है। पहले लाई से प्रक्रिया कराया जाता है फिर किचन में लाने से पहले सूखे नमक में डाला जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान कड़वा ग्लुकोसाइड ऑलियूरोपेन निकाला जाता है।

ऑलिव का उद्भव 
भूमध्यसागरिय प्राँत, सेंट्रल एशिया और अफ्रिका के कई प्राँतों में ऑलिव का उद्भव हुआ। पश्चिमी सभ्यता की तरह इसका इतिहास भी पुराना है। स्पेन के पुरातात्विक विभाग में ऑलिव पर कार्बन डेटिंग के बाद पाया गया कि यह बीज 8000 साल पुराना है। यह भी पाया गया कि क्रेटे में 2500 बी.सी. से ऑलिव का उत्पादन शुरू हुआ था। उसके बाद ग्रीस, रोम और भूमध्यसागर क्षेत्र के दूसरे प्राँतों में ऑलिव पहुंच गया और अब ऑलिव वाणिज्यिक रूप से कैलिफोर्निया, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रिका में उगाया जाता है ।

ऑलिव के प्रकार
ऑलिव विविध प्रकार के होते हैं, जिसका रूप, रंग और आकार अलग-अलग होता है। दूसरे फलों की तरह इसको यूं ही नहीं खाया जाता है, इसको खाने से पहले नमक लगाकर लंबे समय तक रखना पड़ता है। जैसे कि मैंने पहले कहा है कि अनक्युअर (बिना नमक लगाया हुआ) ऑलिव कड़वा और खाने योग्य नहीं होता है।

जो साधारणतः इस्तेमाल होता है वह है:

1. सेरिग्नोला: यह बड़े आकार में होता है और काला और हरा रंग में होता है। हरा रंग का ऑलिव हल्का और वेजिटेबल स्वाद का होता है जबकि काला नरम और मीठे गुदे वाला होता है जिसके छेद या गड्डे को आसानी से निकाला जा सकता है।

2. गैइटा: यह छोटा और भूरा काला रंग का होता है। इसके छेद को निकालना मुश्किल होता है। नट के स्वाद वाला होता है और स्वादिष्ट भी होता है।

3. कालामाटा: यह गोल-मटोल और बैगनी-काला रंग का होता है और रेसिपी में जहाँ काले ऑलिव की ज़रूरत होती है वहाँ इस्तेमाल होता है।

4. ब्लैक ऑलिव शिकनदार होता है और इसे तेल लगाकर रखा जाता है। ये मांसल होता है। चबाने योग्य होता है और नमकीन होता है।

5. सिसिलियन ग्रीन ऑलिव वज़नदार और घना और गुद्दा खट्टा होता है।

6.निश्वा छोटा और भूरे बैंगनी रंग का होता है। वह बहुत स्वादवाला होता है पर उन्हे गड्ढे करना मुश्किल होता है।

ऑलिव में पौष्टिकता 
ऑलिव विटामिन ए और ई से भरपूर होता है। इसमें बड़ी मात्रा में आयरन, कैल्शियम, कॉपर और डायट्री फाइबर होता है। हालाकिं ऑलिव में अधिक मात्रा में फैट होता है, पर यह ज़्यादातर मोनोअनसैच्युरेटेड फैट्स् होते हैं। ऑलिव शक्तिदायक हेल्थ बुस्टर है।

पाकशैली में इस्तेमाल 
ऑलिव स्वास्थ्य के लिये अच्छा तो होता ही है और ऑलिव आइल भी अच्छा होता है। यह आम बात है के ऑलिव आइल भारतीय खाने में भी इस्तेमाल होता है।

काला या हरा ऑलिव, गड्डे या स्टफ किये हुये ऑलिव, सलाद में अभुतपूर्व स्वाद ला देता है। चाट में भी यह अच्छा प्रभाव डालता है। पीज़ा टॉपिंग के रूप में इस्तेमाल करने पर अलग ही स्वाद आता है। मैं इसको उपमा में डालता हूं, विश्वास करें बहुत अच्छा स्वाद आता है। टिक्की और समोसा को स्टफ करने में इसका इस्तेमाल करें।