लौकी में है कुछ खास

जब मौसमी सब्ज़ियों के वज़न से ठेले कराहने लगते हैं तो मुझे लिखने के लिए प्रेरणा मिलती है।

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not a low key veggie

जब मौसमी सब्ज़ियों के वज़न से
ठेले कराहने लगते हैं तो मुझे लिखने के लिए प्रेरणा मिलती है। यही सही समय
है ताज़ी सब्ज़ी की तरफ देखा जाये। पहचान करवाना चाहता हूँ खीरे के भाई से
जिसे हम लौकी कहते हैं। क्या, आप कह रहे हैं यह आपकी मनपसंद सब्जी नहीं है?
और क्या कहूँ मुझे इसके बारे में बहुत कुछ कहना है। आपको पता नहीं, शेफ के
दिमाग में बहुत कुछ चलता रहता है।

वेट वाचर फ्रेंड
लौकी
को दूधी भी कहते हैं, अंग्रेज़ी में बॉटल गोर्ड् कहते हैं, इसका आकार
कॉन्टेनर की तरह होता है। लेकिन हमारे घर में लौकी का इस्तेमाल आलू की तरह
बहुत तरह के कामों में होता है। आलू आपके पेट में भारीपन महसूस कराते हैं।
लौकी का प्रभाव इसका उल्टा है। आश्चर्य की बात नहीं है, रोज़ के डाएट के
मेनु में लौकी का इस्तेमाल बहुत तरह से होता है।

वरसिटाइल गोर्ड्
पंजाबियों
के घर में हर पंद्रह दिन में लौकी कोफ्ता ज़रूर बनता है। मैं पंजाबी हूँ,
मेरे घर में लौकी कोफ्ता हमेशा बनता है। एक अंतर है हम भाप में इन्हें
पकाते हैं। स्पाइसी प्याज़ टमाटर की ग्रेवी में परोसे जाते हैं। लौकी
रायता भी हम बहुत बनाते हैं। लाल मिर्च पावडर और जीरा पावडर के हल्के
छिड़काव के साथ यह गाढ़ा और हल्का होना चाहिए। किसी भी पुलाव के साथ इसका
मेलबंधन अच्छा बैठता है। अल्योना दूधी का थेपला बनाती हैं और देखने में
बहुत रोमांचक लगता है कि वह किस तरह इसको पतला-पतला बेल लेती हैं। गरमागरम
खायें, बिना तेल के भी अच्छे लगते हैं। बिना तेल के दूधी मुठिया बनाना
मुश्किल है, कोई भी मुठिया बनाना आसान नहीं है, इस पर मेरा अनुसंधान अभी तक
भी चल रहा है।

लौकी हल्की क्यों है?
कभी
भी कच्ची लौकी न खाएँ। लेकिन सब्ज़ी का जूस बहुत लाभदायक है, यह ठंडा करता
है, अच्छा डायुरेटिक है और गर्मी में राहत दिलाता है। यह कोलेस्ट्रॉल का
स्तर घटाता है। हेल्थ जूस के रेन्ज में, लौकी का रस में एक चुटकी नमक बहुत
प्यास से राहत दिलाता है। अगर अपने कुछ तला हुआ खाना खाया हो और भारीपन
महसूस कर रहें हों, तो एक गलास लौकी का जूस पीने से पाचन सु्धर जायेगा।
लौकी का 96% भाग पानी है, इससे पेट हल्का रहता है।

मसालेदार कैसे बनायें
क्या
हम बिना कढ़ाई के आगे बढ़ सकते है? मेरा मतलब है डीप फ्राई फूड- विशेषकर
लौकी के पतले टुकड़े, नमक, लाल मिर्च पावडर, आमचूर के छिड़काव के साथ, बेसन
से कोट करके और फ्राई? यह पकौड़े आपके मेहमान बहुत पसंद करेंगे। लौकी का
मुस्ल्लम बनायें। इसके लिए बहुत सारी सामग्रियाँ लगेगीं जैसे घी और खोया और
काजू क्योंकि यह रॉयल हैदराबादी डिश है। लौकी का दूसरा रूप: ताज़ा भुना
हुआ गरम मसाला, इमली नारियल खरोंचा हुआ। साधारण मील में, भात के साथ लौकी
चना दाल मीठा खट्टा स्वाद देगा। दूसरी जल्दी में बनने वाली लौकी को प्रेशर
कूकर में आलू के साथ टोमाटो ग्रेवी के साथ पकायें। यह रोटी और चावल दोनों
के साथ अच्छा लगती है।

रेसिपी- स्टीम्ड लौकी और पालक कोफ्ता

250 ग्राम लौकी को ग्रेट करें और थोड़ा नमक धालकर पाँच मिनिट के लिए अलग रख दें।

लौकी से अतिरिक्त पानी निचोड़कर निकाल लें।

दो गुच्छे पालक काटकर पानी में खौला लें और अतिरिक्त पानी निचोड़कर निकाल लें।

उसमें
दो से तीन उबले मैश किया हुआ आलू, 2-3 हरी मिर्च कटी हुई, 1 बड़ा चम्मच
किशमिश, 3 बड़े चम्मच चावल का आटा, ½ छोटा चम्मच चाट मसाला, आधा चम्मच
अदरक का पेस्ट, आधा छोटा चम्मच लहसुन का पेस्ट, 1 कटा हुआ प्याज़, नमक
स्वादानुसार एक बड़े कटोरे में रख कर अच्छी तरह मिला लें।

बीस समान भागों में बाँट लें और कोफ्तों को अंडाकार आकार दें।

पंद्रह-बीस मिनिट तक भाप में पकायें और अलग रख दें।

नॉन-स्टिक पैन गर्म करें।

आधा छोटा चम्मच अदरक का पेस्ट, 1 छोटा चम्मच लहसुन का पेस्ट और एक कटा हुआ प्याज़ मध्यम आंच में पाँच-छह मिनिट तक भूनें।

उसमें
1 छोटा चम्मच लाल मिर्च पावडर, ¼ छोटा चम्मच गरम मसाला पावडर, 1 छोटा
चम्मच भूनी पिसी हुई कसूरी मेथी और दो बड़े चम्मच पानी डालकर एक मिनिट तक
पकायें।

पाँच से छ: टमाटर की प्यूरी, 1½ बड़े चम्मच शहद और नमक भी उसमें डालें। एक कप पानी डालकर दस मिनिट तक पकायें।

कोफ्तों को सर्विंग प्लेट में सजायें और ऊपर से ग्रेवी डालकर, धनिये पत्ते से सजाकर तुरन्त परोसें।

रविवार
के लंच में स्टीम्ड पालक और लौकी को कोफ्ता खिलायें, और खुद
को बिना तेल के खाना पकाने वाले तकनीक का ज्ञाता सिद्ध करें और यह भी सिद्ध
करें कि लौकी में है कुछ खास!