नमक-स्वादानुसार

इस सामग्री के बारे में परिचय देने की कोई ज़रूरत नहीं है। हमारे किचन का सबसे महत्वपूर्ण सामग्री नमक ह

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namak swaadanusar

इस सामग्री के बारे में परिचय देने
की कोई ज़रूरत नहीं है। हमारे किचन का सबसे महत्वपूर्ण सामग्री नमक होता
है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि इस सामग्री के बिना हमारे व्यंजन का
स्वाद कैसा फीका हो जाएगा? नमक सिर्फ खाने के स्वाद को नमकीन ही नहीं बनाता
है बल्कि मीठा, खट्टा आदि के स्वाद को बढ़ाता भी है। जैसे खाना हमारे शरीर
के लिए ज़रूरी है उसी तरह नमक भी ज़रूरी होता है। यह सोडियम और क्लोराइड
का यौगिक होता है, जो स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए ज़रूरी होता है और साथ
ही शरीर के कार्य को ठीक तरह से करने के लिए ज़रूरी होता है। स्वस्थ रहने
के लिए नमक और पानी का अनुपात बहुत क्रिटिक्ल होता है। जो मिनरल हमारे शरीर
के लिए ज़रूरी होता है वह सारा मिनरल नमक में रहता है। शरीर को जितने नमक
की ज़रूरत होती है वह खाने से मिलता है बाकी जल से मिलता है। नमक हमारे लिए
ज़रूरी होता है मगर अत्यधिक मात्रा में इसकी खपत शरीर के लिए हानिकारक
होती है। अतः संतुलित मात्रा में और सही मात्रा में नमक का अंतर्ग्रहण
अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है।

यहाँ नमक से मिलने वाले कुछ लाभ के बारे में बताया जा रहा है

  • मांसपेशियों
    का संचलन: स्नायु के सही तरह से कार्य करने के लिए, मांसपेशियों के संकुचन
    को सक्रिय रखने के लिए, नमक ज़रूरी होता है। मांसपेशियों के ऐंठन को बचाने
    में भी यह मदद करता है।
  • खाने को हजम और सोखने में नमक
    महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। यह खाने को तोड़ने में मदद करता है और
    हाइड्रोक्लोरिक ऐसिड के निष्कासन में मदद करता है जो बहुत ही महत्वपूर्ण
    डाइजेस्टिव एन्ज़ाइम होता है।
  • नमक सलाइवरी एमीलेस नामक एन्ज़ाइम को सक्रिय करता है। हम जो खाते हैं उसके स्वाद को लेने में यह मदद करता है।
  • सी-सॉल्ट
    दमे को नियंत्रित करता है और श्वास-तंत्र में किसी भी सूजन को कम करने में
    मदद करता है। फेल्ग़म के उत्पादन को कम करता है और साँस लेने में मदद करता
    है।
  • दिल के
    बूरे हालत के स्थिति में सही मात्रा में सी-सॉल्ट लाभदायक होता है। उच्च
    रक्त चाप और उच्च कलेस्टॉल को कम करने के लिए पानी में घोलकर लेना चाहिए।
    अनियमित ह्रदय के स्पंदन को नियंत्रित करता है।
  • हड्डियों
    में कुछ मात्रा में नमक रहता है जो शरीर हड्डी में संगृहित करके रखता है।
    अगर हम अपर्याप्त मात्रा में नमक का अंतर्ग्रहण करेंगे तो शरीर इसकी पूर्ती
    के लिए हड्डियों से नमक को लेता है, इससे हड्डियाँ कमज़ोर हो जाती है। अतः
    नमक और जल का सही मात्रा में प्रयोग हड्डियों को सख्त करता है और
    ऑस्टिओपरोसिस के स्थिति को आने से रोकता है।
  • त्वचा के लिए
    नमक अच्छा होता है। जो मिनरल नमक में रहता है वह रोमकूप को साफ करने और
    ऑक्सिजन के संश्लेषण में मदद करता है। यह त्वचा को साँस लेने और टॉक्सिन और
    गंदगी को निकालने में मदद करता है।
  • वज़न कम करने के गति को नमक बढ़ाता है। डाइजेस्टिव जूस के सृष्टि में मदद करता है और पाचन तंत्र के वृद्धि को रोकता है।