छोटा बीज बड़ा धमाका

ऐसा क्या है जिसके कारण राई का ही इस्तेमाल करना पसंद करता हूं, जो भारतीय मसाला बॉक्स का अभिन्न अंग है

New Update
mustard seeds

ऐसा क्या है जिसके कारण राई का ही
इस्तेमाल करना पसंद करता हूं, जो भारतीय मसाला बॉक्स का अभिन्न अंग है।
हमारा तड़का इस छोटे बीज के बिना पूरा हो ही नहीं सकता, जो देखने में तो
छोटा है मगर हर दिल को जीत लेता है।

इसको सरसों भी कहते हैं जिसका
इस्तेमाल पूरे भारतवर्ष में होता है। जाड़े के मौसम का विशेष व्यंजन सरसों
दा साग के बारे में तो सब जानते हैं, इस बीज का हरा साग पंजाबी व्यंजन की
आत्मा है। सरसों दा साग मक्की दी रोटी के साथ परोसा जाता है, यह ऐसा व्यंजन
है जिसके लिए मरने को जी करता है। पंजाबी इसके बीज का इस्तेमाल अचार के
अलावा ज़्यादा नहीं करते है। जाड़े का एक और विशेष व्यंजन गाजर की कांजी
में इसका इस्तेमाल करते हैं।

इस छोटे बीज के बारे में कुछ बातें
सरसों
का पौधा ब्रासीका के परिवार से है जिस परिवार के सब्ज़ियों में बंदगोभी,
ब्रोक्ली, ब्रसेल-स्प्राउट आदि आते हैं। सरसों जाड़े का फसल है। सरसों के
पौधे की ऊंचाई चार से पाँच फीट तक होती है और इसके फूल सुनहरे पीले रंग के
होते हैं। जाड़े के मौसम में हवा में झूमते पौधे देखने योग्य होते हैं।
अगर आप इस स्वर्गीय दृश्य का आनंद उठाना चाहते हैं तो जाड़े के मौसम में
पंजाब के खेतों में जाकर देखें। इस छोटे गोल बीज की मोटाई एक एम.एम. से
ज़्यादा नहीं होती हैं जो मटर के फली की तरह फल के फली में बंद रहता है।

पूरे विश्व भर में तीन प्रधान प्रकार के सरसों पाये जाते हैं।






  • सफेद सरसों: यह हल्का पीला रंग का होता है और दूसरे दो प्रकार से थोड़ा बड़ा होता है। सफेद बीज थोड़ा तीखा होता है।
  • काला सरसों: यह बीज साधारणतः दक्षिण एशिया में पाया जाता है। ये बीज दो और प्रकार के तुलना में तेज़ और तीखा होता है।
  • भूरा सरसों: यह बीज उत्तरी भारत के हिमालय के तराई में पाए जाते हैं।


तड़के का राजा
कई
व्यंजनों में तड़का मारने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, गर्म तेल में
डालने पर इसके फूटने का आवाज़ सुनाई पड़ता है - यह लगभग एक मीठा संगीत जैसा
लगता है। तड़के के लिए दूसरी सामग्रियाँ डालने से पहले सरसों के फूटने का
इंतज़ार करना चाहिए।

बंगाल के पाकशैली में पाँच फोरन के सामग्रियों
में इसका अन्यतम स्थान है। दूसरे सहयोगी है, जीरा, मेथी, सौंफ और कलौंजी।
यह सब मिलकर व्यंजनों में अलग ही स्वाद ला देते है जैसे - चटनी, अचार, दाल
और सब्ज़ियाँ।

मैं जानता हूं आप सोच रहे हैं, इसकी दशा की स्पष्टता
को लेकर फिर बातें होंगी। जब सरसों की बात आती है तब आपके पास कहने के लिए
बहुत कुछ होता है। यह सिर्फ फोड़न या वघार का ही सरताज नहीं है जब गर्म तेल
में सरसों डालकर दाल या सब्ज़ी में छौंक मारा जाता है तब यह पाकशैली को एक
अलग ही आयाम दे देता है। किसी भी दक्षिण भारतीय या बंगाली को सरसों के
बारे में कहे वह इसके रक्षा में बहुत सारे मत दे देगा। जैसा कि मैं राई के
बारे में बहुत सारा राय दे रहा हूं!

किचन के ऊपर इसका ही आधिपत्य है
तरह-तरह
के व्यंजनों में तड़का मारने के अलावा इसका सॉस भी बहुत लोगों को पसंद है।
यह जीभ और आंख दोनों को पूरा संवेदनशील बना देता है। हॉट डॉग का लुत्फ़ इस
चटकदार सॉस के बिना उठाया ही नहीं जा सकता है।

बंगाली सरसों का
इस्तेमाल अच्छा प्रभाव लाने के लिए करते हैं। किसी भी विशेष अवसर पर बंगाली
सोरशे ईलिश ज़रूर बनाते हैं। और हाँ बंगाली पाकशैली का प्रधान माध्यम
सरसों का तेल ही है। एक बात याद रखें सरसों के तेल में खाना पकाना तभी शुरू
करे जब तेल में से धुँआ निकलने लगे। पहले थोड़ा ठंडा होने दें फिर थोड़ा
गर्म करके व्यंजन को पकाना जारी रखें। क्योंकि सरसों का तेल का फ्लेवर
थोड़ा तीखा होता है जो स्वाद पर प्रभावकारी हो सकता है। जब आप तेल को धुंआ
निकलने तक गर्म करते हैं तब उसका तीखापन थोड़ा-सा घुल जाता है और इसके
परिणामस्वरूप बहुत अच्छा फ्लेवर व्यंजन में आता है।

सरसों का तेल का
बहुत ही आश्चर्यजनक गुण यह है कि जल और तेल के मिश्रण को अच्छी तरह रोक कर
रख सकता है जब सलाद में इसका इस्तेमाल होता है फिर हॉलेनसाइड सॉस,
मेयोनेज़ या विनायग्रे में भी ऐसा ही होता है।