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अब हम एक ठंडक देने वाले जड़ी-बूटी
के बारे में बात करेंगें जो हमारी ज़िन्दगी में बहुत समय से शामिल है। यह
अपनी उपस्थिति का एहसास सुबह ब्रश करते वक्त कराता है और सारा दिन किसी न
किसी मूड में हमारे साथ रहता है, सुबह की अदरक पुदीने की चाय के कप के साथ।
शेफ के रूप में मुझे पुदीना बहुत पसंद है। मैं किसी भी व्यंजन को धनिया या
पार्सले से न सजाकर पुदीने से सजाना पसंद करता हूँ, यह खाना और कैमरा
दोनों को भाता है। मेरे ‘फूड शॉट’ इसके प्रमाण हैं। मैं विले-पार्ले इस्ट
स्टेशन के पास से पुदीना लाता हूँ क्योंकि मैं ‘मरे हुए’ पत्ते शो में
इस्तेमाल ज़रा भी नहीं कर सकता!
पुदीने के कई मूड हैं। इसको पीसकर
पुदीने की चटनी बनाई जाती है जो कबाब के साथ अच्छा लगता है (कबाब को पुदीना
के पत्तों से सजाया भी जा सकता है)। पुदीने का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक
करें। हरे धनिये और पूदीने की चटनी बनाते वक्त 1:2 का अनुपात होना चाहिए,
नहीं तो अच्छी चटनी नहीं बनेगी। यही चीज़ चाय और ठंडे पेय बनाते समय करनी
चाहिए।
पुदीने के बारे में बहुत सारी दिलचस्प बातें हैं। यह जंगल के
आग की तरह फैल जाता है। एक छोटा पौधा लगाएं उसे ठंडे नमी वाले आधे छायादार
जगह पर रखें। यह पॉट में हमला करने जैसा फैल जाएगा, इसके बढ़ाव को रोकने
के लिए एक्सर्पट लोहे का रिंग रख देते हैं। एक पौधा घर के काम में आने के
लिए उपयुक्त है। भारत में अच्छा पुदीने पंजाब, उत्तर प्रदेश और कश्मीर में
पाया जाता है।
पुदीने के बहुत से प्रकार हैं जैसे, गार्डन मिन्ट,
पेपरमिन्ट, स्पीयरमिन्ट, एपेलमिन्ट और र्कान मिन्ट। इन सबमें गार्डन मिन्ट
और पेपरमिन्ट वाणिज्य में प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण है। हर प्रकार का अपना
अलग कार्य है। मेन्थॉल या पेपरमिन्ट हमें ठंडक का एहसास देता है जो
टूथपेस्ट में, डेन्टल क्रीम, कॉफ ड्रॉप, चुईंग गम, आफ्टर शेव लोशन, माउथ
वाश, सिगरेट, कॉनफेक्शनरी, लिकर और औषधी तैयार करने में जैसे डाइजेस्टिव
कैप्सूल और लिक्विड में पाया जाता है।
ताज़े पुदीने को तुरन्त
इस्तेमाल करना चाहिए या दो दिन प्लास्टिक बैग में रखकर फ्रिज में रखना
चाहिए। अगर घर में ज़्यादा पुदीना हो गया है तो सुखा कर हवाबंद बोतल में
ठंडी, सूखी अँधेर जगह पर रखें। सूखा पुदीना आलू परांठा और नान में बहुत
अच्छा लगता है लेकिन ताज़े पत्ते पनीर बनाने में और पानी पूरी का पानी या
आइस्ड टी, छास, रायता, बिरयानी आदि में अच्छा लगते हैं, इसकी सूची की कोई
सीमा नहीं है!
मिन्ट ज्युलेप और मोहितो जैसे ड्रिंक में पुदीना
भरपूर होता है। क्रीम द मेन्थों पुदीने कि लिकर है जिसे पिसी हुए बर्फ के
साथ दिया जाता है। मिन्ट-फिल्ड चॉकलेट के बारे में किस को संदेह है? औषधी
के रूप में पेट में दर्द या गैस से राहत पाने के लिए इसका इस्तेमाल होता
है। आजकल कई रेस्तरां में चम्मच की जगह पुदीने की टहनी दी जाती है चाय को
चलाने के लिए!
हमें स्कूलों में बताया जाता है ‘मिंट’ वह जगह है
जहाँ पैसे बनते हैं। आजकल के नौजवानों से पूछने पर जवाब मिलेगा कि ‘मिंट’
छोटी सी मेन्थॉल स्वीट है! लेकिन हमारे जैसे कुक्स के लिए पुदीने का वरदान
बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह
अपनी उपस्थिति का एहसास सुबह ब्रश करते वक्त कराता है और सारा दिन किसी न
किसी मूड में हमारे साथ रहता है, सुबह की अदरक पुदीने की चाय के कप के साथ।
शेफ के रूप में मुझे पुदीना बहुत पसंद है। मैं किसी भी व्यंजन को धनिया या
पार्सले से न सजाकर पुदीने से सजाना पसंद करता हूँ, यह खाना और कैमरा
दोनों को भाता है। मेरे ‘फूड शॉट’ इसके प्रमाण हैं। मैं विले-पार्ले इस्ट
स्टेशन के पास से पुदीना लाता हूँ क्योंकि मैं ‘मरे हुए’ पत्ते शो में
इस्तेमाल ज़रा भी नहीं कर सकता!
पुदीने के कई मूड हैं। इसको पीसकर
पुदीने की चटनी बनाई जाती है जो कबाब के साथ अच्छा लगता है (कबाब को पुदीना
के पत्तों से सजाया भी जा सकता है)। पुदीने का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक
करें। हरे धनिये और पूदीने की चटनी बनाते वक्त 1:2 का अनुपात होना चाहिए,
नहीं तो अच्छी चटनी नहीं बनेगी। यही चीज़ चाय और ठंडे पेय बनाते समय करनी
चाहिए।
पुदीने के बारे में बहुत सारी दिलचस्प बातें हैं। यह जंगल के
आग की तरह फैल जाता है। एक छोटा पौधा लगाएं उसे ठंडे नमी वाले आधे छायादार
जगह पर रखें। यह पॉट में हमला करने जैसा फैल जाएगा, इसके बढ़ाव को रोकने
के लिए एक्सर्पट लोहे का रिंग रख देते हैं। एक पौधा घर के काम में आने के
लिए उपयुक्त है। भारत में अच्छा पुदीने पंजाब, उत्तर प्रदेश और कश्मीर में
पाया जाता है।
पुदीने के बहुत से प्रकार हैं जैसे, गार्डन मिन्ट,
पेपरमिन्ट, स्पीयरमिन्ट, एपेलमिन्ट और र्कान मिन्ट। इन सबमें गार्डन मिन्ट
और पेपरमिन्ट वाणिज्य में प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण है। हर प्रकार का अपना
अलग कार्य है। मेन्थॉल या पेपरमिन्ट हमें ठंडक का एहसास देता है जो
टूथपेस्ट में, डेन्टल क्रीम, कॉफ ड्रॉप, चुईंग गम, आफ्टर शेव लोशन, माउथ
वाश, सिगरेट, कॉनफेक्शनरी, लिकर और औषधी तैयार करने में जैसे डाइजेस्टिव
कैप्सूल और लिक्विड में पाया जाता है।
ताज़े पुदीने को तुरन्त
इस्तेमाल करना चाहिए या दो दिन प्लास्टिक बैग में रखकर फ्रिज में रखना
चाहिए। अगर घर में ज़्यादा पुदीना हो गया है तो सुखा कर हवाबंद बोतल में
ठंडी, सूखी अँधेर जगह पर रखें। सूखा पुदीना आलू परांठा और नान में बहुत
अच्छा लगता है लेकिन ताज़े पत्ते पनीर बनाने में और पानी पूरी का पानी या
आइस्ड टी, छास, रायता, बिरयानी आदि में अच्छा लगते हैं, इसकी सूची की कोई
सीमा नहीं है!
मिन्ट ज्युलेप और मोहितो जैसे ड्रिंक में पुदीना
भरपूर होता है। क्रीम द मेन्थों पुदीने कि लिकर है जिसे पिसी हुए बर्फ के
साथ दिया जाता है। मिन्ट-फिल्ड चॉकलेट के बारे में किस को संदेह है? औषधी
के रूप में पेट में दर्द या गैस से राहत पाने के लिए इसका इस्तेमाल होता
है। आजकल कई रेस्तरां में चम्मच की जगह पुदीने की टहनी दी जाती है चाय को
चलाने के लिए!
हमें स्कूलों में बताया जाता है ‘मिंट’ वह जगह है
जहाँ पैसे बनते हैं। आजकल के नौजवानों से पूछने पर जवाब मिलेगा कि ‘मिंट’
छोटी सी मेन्थॉल स्वीट है! लेकिन हमारे जैसे कुक्स के लिए पुदीने का वरदान
बहुत ही महत्वपूर्ण है।