जावित्री जावित्री के दो पहलु होते हैं - एक खाने योग्य होता है और दूसरा नहीं। यहाँ हम जावित्री के बारे में बात By Sanjeev Kapoor 03 Apr 2015 in लेख Know Your Ingredients New Update जावित्री के दो पहलु होते हैं - एक खाने योग्य होता है और दूसरा नहीं। यहाँ हम जावित्री के बारे में बात करने जा रहे हैं - भारतीय पाकशैली में सबसे स्वादिष्ट और महक वाला मसालों में यह एक है। इसका अपना एक लंबा इतिहास हैपहले यह जाने कि जावित्री है क्या। जावित्री मोमी लाल और जालीदार वृद्धि वाला होता है जो जयफल के बीज को चारों तरफ से घेरकर रहता है। लेकिन जयफल है क्या? किसी और समय हम इसकी व्याख्या करेंगे। चलिए, आपको एक बात बताता हूं कि ए.डी. पहली शताब्दी को व्यंजन में जयफल के इस्तेमाल के इतिहास का पता चला है। 1843 में बनडा से बीज लाकर ग्रेनाडा में पेश किया गया और सेंट जॉन के क्षेत्र व्लेविडेरा एस्टेट में बीजारोपण किया गया। जयफल के पौधे ज़्यादातर उष्णकटिबंधीय देशों में पाए जाते है जहाँ की जलवायु और मिट्टी पौधे के वृद्धि के लिए उपयुक्त होती है। गरम स्वाद गरम रंगजयफल सूखने के साथ नारंगी रंग में बदल जाता है और उच्च क्वालिटी का मसाला अपने रंग को बनाए रखता है। कुछ प्रकार क्रीमी या भूरे रंग में बदल जाते हैं। पूरा सूखा जयफल को ब्लेड कहा जाता है। ब्लेड को पीस लेना ही अच्छा होता है। रसोइए अपने ज़रूरतानुसार इसको पीस लेते हैं। ब्लेड के रूप में संरक्षित करने से इसका स्वाद अच्छा रहता है। ठंडे और सूखे जगह पर इसको संरक्षित करना चाहिए, नमी के संपर्क में नहीं आना चाहिए। पाक-शैली में इस्तेमाललगभग 55 डिग्री फैरनहाइट के तापमान में और आद्र गरम जलवायु में इस मसाले को उपजाया जाता है। आजकल यह मसाला भारत, इंडोनेशिया, श्रीलंका, वेस्ट इंडीज़ और ब्राज़ील में उपजाया जाता है। वैसे तो जयफल और जावित्री महक, स्वाद, में लगभग समान है जबकि जावित्री ज़्यादा परिष्कृत होता है और मीठा और नमकीन दोनों व्यंजनों में इसका इस्तेमाल होता है। भारत में, यह मूल रूप से मुघलाई व्यंजनों में इस्तेमाल होता है जबकि इटली में पास्ता के फिलींग के रूप में इस्तेमाल होता है, अरबी मटन में इस्तेमाल करते हैं तो यूरोप में मीठा और नमकीन व्यंजनों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। दूसरे वैशिष्ट्ययह माना जाता है कि यह मसाला हजम करने में मदद करता है और मितली से राहत दिलाता है। सावधानी की बात, इसमें हालूसीनोजेन्स होता है और फैटली विषाक्त का खुराक बड़ी मात्रा में रहता है। थोड़े मात्रा में इस्तेमाल करने से यह सुरक्षित होता है। Subscribe to our Newsletter! Be the first to get exclusive offers and the latest news Subscribe Now You May Also like Read the Next Article