जैम इट अप विद एप्रिकॉट (खुबानी)

एक शादी में मैं दूसरे दिनों की तरह खुबानी का मीठा का लुत्फ उठा रहा था और यही स्वाद मुझे कई साल पीछे

New Update
jam it up with apricots

एक शादी में मैं दूसरे दिनों की
तरह खुबानी का मीठा का लुत्फ उठा रहा था और यही स्वाद मुझे कई साल पीछे ले
गया जब मैं एक बार हैदराबाद गया था। साल गुज़र गया मगर वह पहला स्वाद अब भी
याद है।

खुबानी का अनोखापन
खुबानी
आपके लिए क्या नहीं कर सकता है। या तो खुबानी के ऊपर वाले भाग को केक पर
नीचे करके रखें या खुबानी के जैम को रखें, यह एक ऐसा फल है जिसकी याद भुलाए
नहीं भूलती है। ज़्यादातर खुबानी कैन्ड उत्पादित होता है या जैम बनाया
जाता है या सुखाया जाता है। लेकिन ताज़े पके खुबानी का स्वाद ऐसा होता है
कि आप हर साल इसके मौसम का इंतज़ार करेंगे।

जुलाई महीनें में खुबानी
अपने चरमावस्था में पहुँचता है। इसमें आसानी से निशान पड़ जाता है इसलिए
इधर-उधर ले जाना मुश्किल होता है। मगर सूखा रूप अच्छा रहता है।

खुबानी
का आकार आड़ू की तरह होता है, मगर थोड़ा छोटा होता है। त्वचा गद्देदार और
सुनहरा नारंगी रंग का होता है। ताज़े फल का स्वाद नरम और मीठा होता है और
महक आड़ु और आलूबुखारा का महक मिलाकर होता है। जब कच्चा होता है तब थोड़ा
खट्टा होता है, पकने के साथ इसमें मिठास की मात्रा बढ़ती रहती है।

अगर
खुबानी खरीदने की बात सोच रहे हैं तो जो खुबानी अपने आकार की तरह भारी है
उसे खरीदें। जब यह पूरा पक जाता है और सुनहरा रंग का हो जाता है तब थोड़ा
दबा कर देख लें। लेकिन इसकी खपत जल्दी हो जानी चाहिए। अगर आप संरक्षित करना
चाहते हैं तो रिफ्रिजरेटर में दो दिन तक रख सकते हैं। यह कच्चा हो तो कमरे
के तापमान में पकने दें। लेकिन एक बात याद रखें कि गहरा हरा रंग का कच्चा
खुबानी अच्छी तरह पकता नहीं है मगर हल्का हरा पक जाता है।

इसके पौष्टिकता का घनत्व
इस
स्वादिष्ट फल के पौष्टिकता के तथ्यों को भी उजागर करना चाहिए। खुबानी के
बीज में विटामिन बी17 (लेट्राइल) भरपूर मात्रा में रहता है जो कैन्सर
प्रतिरोधक का काम करता है। इसमें प्राकृतिक चीनी रहता है जो आसानी से हज़म
हो जाता है। इसके अलावा इसमें विटामिन ए और सी, राइबोफ्लेविन और नियासिन है
और मिनरल में कैल्शियम, फॉसफोरस, आइरन है और सोडियम, सल्फर, मैंगनीज़,
कोबाल्ट और ब्रोमीन का भी पता चलता है।

रोचक बात यह है कि जब यह फल
पकता है, विटामिन ए की मात्रा दुगुनी हो जाती है। जब फल सूखता है तब सिर्फ
इसका कैलोरी ही दुगुना नहीं हो जाता है बल्कि कैल्शियम, फॉसफोरस और आइरन की
मात्रा भी बढ़ जाती है।

स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है
अध्ययन
यह बताता है कि प्राचीन काल से ही औषधी के रूप में खुबानी के फल, बीज का
अंदरूनी हिस्सा, तेल और फूल का इस्तेमाल किया जाता है। इसका तेल बादाम तेल
की तरह होता है, जो शामक औषधी का काम करता है। तनावग्रस्त माँसपेशियों को
अंग-ग्रह नाशक राहत प्रदान करता है। यह जख्म को भरता है, कृमि को निकालता
है और हेल्थ टॉनिक का भी काम करता है।

यह उच्च मात्रा में आइरन धारण
करता है जो एनिमिया ग्रस्त व्यक्ति के लिए लाभदायक सिद्ध होता है। इसका
सेल्युलोस और पेक्टिन खुबानी को अच्छा रेचक औषधी का रूप प्रदान करता है
इसलिए कब्ज़ के उपचार में इसका इस्तेमाल होता है। यह हज़म करने में भी काम
करता है, इस फल से भी कुछ और भी लाभ मिलता है, इसमें उपस्थित विटामिन ए
दृष्टि में उन्नति प्रदान करता है। ताज़ा खुबानी का रस, खुजली, एक्ज़िमा,
सन बर्न या त्वचा के खुजली से राहत दिलाता है और ठंडा और मुलायम महसूस
कराता है।

खुबानी में बीटा कैरोटिन और लाइकोपिन रहता है जो
एल.डी.एल. कोलेस्ट्रॉल और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को ऑक्सिडेशन से सुरक्षित रखने
में मदद करता है, जो दिल के बिमारी के बचाव में मदद करता है।

ऐसा क्या!
आप
सिर्फ जान लें। हाल ही में कुछ संकर का उत्पादन हुआ है जो खुबानी और
आलूबुखारा के बीच हुआ है और सबसे अच्छा भी है। वह है प्लमकॉट, जिसमें 50%
आलूबुखारा और 50% खुबानी; एपरियम जिसमें 75% खुबानी और 25% आलूबुखारा और
प्लूट जिसमें 75% आलूबुखारा और 25% खुबानी रहता है।

विशेष सावधानी
ताज़े
खुबानी में कुछ मात्रा में ऑक्ज़लेट रहता है जो उन लोगों के लिए अच्छा
नहीं होता है जिनके किडनी में कैल्शियम ऑक्ज़लेट संगृहित होता है। फिर सूखे
खुबानी में सल्फर या उसका यौगिक जैसे सल्फर डाइऑक्साइड होता है जो दमे के
बिमारी से ग्रस्त व्यक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

व्यक्तिगत
रूप से मैं सुनहरा खुबानी का ही इस्तेमाल पसंद करता हूं जो इन दिनों आसानी
से मिल जाता है। इसका प्यूरी बनाकर और वैनिला आईसक्रीम के साथ मिलाकर
राजकीय डेज़र्ट बनाया जा सकता है। इसको टुकड़ों में काटकर श्रीखंड में
सजाया जा सकता है या कुछ विदेशी सब्जियों के साथ काटकर सलाद बनाया जा सकता
है, यह स्वादिष्ट भी होता है और पौष्टिक भी। इस सुनहरे फल के साथ आप बहुत
कुछ कर सकते हैं। थोड़ा-सा दिमाग चलाए और बहुत तरह के रेसिपी पकाएँ और हर
किसी के स्वाद के इंद्रीय पर अपना अमिट छाप छोड़ दें।