/sanjeev-kapoor-hindi/media/post_banners/aadd79aa895ca195a25940e1fd6d46e7b9a6876f3d2756a7bea8306410a49782.jpg)
ह जाँच करना ज़रूरी है कि पैन खाली
है कि नहीं क्योंकि उसका बीम स्केल और काउन्टर स्केल तभी संतुलित होगा।
राउन्ड बीम का इस्तेमाल न करें सिर्फ फ्लेट बीम का इस्तेमाल करें।
विक्रेता द्वारा स्केल को बैग किया जाता है जिससे संतुलन बिगड़ता है।
वज़न के जगह पर पत्थर का इस्तेमाल साथ ही विक्रेता के हाथ में स्केल के व्यवहार को कभी भी प्रोत्साहित न करें।
वज़न
की जाँच हमेशा कीजिए, अगर कोई शक हो तो, वेरिफिकेशन सील हमेशा उसके पीछे
होता है। वेट और मेज़र डिपार्टमेंट से हर दो साल बाद सर्टीफिकेट ऑफ करन्सी
ईशु करवाना पड़ता है।
जब वज़न करने की प्रक्रिया चल रही हो तो एक बार स्केल और पैन की सही दृष्टि से जाँच कर लें।
इस बात की हमेशा सलाह दी जाती है कि मेट्रिक वेट खरीदकर रखें।
विभिन्न
ब्रैंडों के टुथपेस्ट और साबुन आदि का मुल्य वज़न के हिसाब से नहीं आकार
या साइज़ के हिसाब से अंकित किया रहता है। आकार साधारणतः समान ही होता है।
जो
सब्ज़ी और ग्रॉसरी के विक्रेता सही वज़न का इस्तेमाल करते है उनसे ही
सामान खरीदें। इस तरह के धांधली बाजी से दोस्तों और परिवारजनों को अबगत
कराएं। इसका रिपोर्ट लोकल ऑथोरोटी को करें।
तेरह अखबार का एक किलो वज़न होता है। यह बात ध्यान में रख कर पुराना अखबार बेचते वक्त ठगने से बचे।