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ज़्यादातर सब्ज़ियों के लिए
रेफ़्रिजरेटर का तापमान फ़्रीज़िंग (1°सेंटीग्रेड-4°सेंटीग्रेड) के भी ऊपर
होता है जिससे एन्ज़ाइम के प्रक्रिया की गति धीमी हो जाती है और इससे
क्वालिटी को क्षति नहीं पहुँचती है। जब क्षय की गति धीमी होने लगती है तब
वह रूकती नहीं है। जब सब्ज़ी को प्रसुप्त सजीवता के स्थिति में रखा जाता है
तब तापमान को कम रखा जाता है। उसमें मौजूद जल क्रिस्टल में बदल जाता है,
और श्वास-प्रश्वास की प्रक्रिया रूक जाती है, रासायनिक प्रक्रिया धीमी हो
जाती है। फ़्रीज़िंग प्रक्रिया धीमी हो जाती है (लेकिन पूरी तरह रूकती नहीं
है)।
दूसरी तरफ उष्णकटिबंधीय या उपोष्ण क्षेत्रों के सब्ज़ी ठीक
तरह से साँस नहीं ले पाते हैं जब उनको 10° सेंटीग्रेड के नीचे संरक्षित
किया जाता है। पेपर, बैंगन, स्नाप बीन्स, आलू, मीठा आलू, टमाटर, खीरा और
स्क्वाश आदि को ठंडे जगह के तुलना में ठंडा में रखना ज़्यादा ज़रूरी होता
है। पत्तेदार सब्ज़ियों के लिए यह नियम है कि उसको बगीचे से लाकर या बाज़ार
से ताज़ा लाकर तुरन्त पका कर खाना चाहिए। पत्तेदार सब्ज़ियों को संरक्षित
करने का सबसे अच्छा तरीका है उसको पेपर बैग में बांधके रेफ़्रिजरेटर में
रखें।