मीट टेन्डराइज़र कैसे काम करता है? ज़्यादातर लोग अच्छे रेस्तरां में भोजन करने जाते हैं तो यह सोचते हैं कि कैसे चिकन इतना मुलायम और कोमल By Sanjeev Kapoor 09 Mar 2015 in लेख Kitchen Secrets New Update ज़्यादातर लोग अच्छे रेस्तरां में भोजन करने जाते हैं तो यह सोचते हैं कि कैसे चिकन इतना मुलायम और कोमल हुआ है? चिकन के मुलायम होने के पीछे राज क्या है? क्या कोई रसायन है या प्राकृतिक सामग्री का राज़ है जो शेफ किचन में चिकन का व्यंजन बनाने में इस्तेमाल करते हैं जिससे चिकन मुलायम और कोमल बनता है। जवाब हाँ है, कुछ राज़ वाले सामग्री तो हैं जो मीट का व्यंजन बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इन राज़ वाले सामग्रियों को मीट टेन्डराइज़र कहते हैं। जिस तरह मानव के शरीर में एन्ज़ाइम खाने को हज़म करने में मदद करता है, टेन्डराइज़र उसी तरह रबर जैसे इलास्टिक फाइबर को तोड़ता है जो मीट के सख़्त टुकड़े को नरम करता है। ये इलास्टिक फाइबर मांसपेशियों के स्नायु के रेशे को मीट में एक साथ रखता है, जो कोलाजेन प्रोटीन के कारण होता है, ठीक उसी प्रोटीन की तरह जिससे जेलाटिन प्राप्त होता है। पपीते में जो पेपिन टेन्डराइज़र होता है वह भारतीय पाकशैली के लिए आम टेन्डराइज़र है। इसलिए पपीते को ब्लेन्ड करके नरम पेस्ट बनाया जाता है फिर उस पेस्ट को मीट में इस्तेमाल किया जाता है और इस मीट को रातभर रखा जाता है, जो मीट को पकने के समय मुलायम करने में मदद करता है। अनानास में जो ब्रोमीलेन पाया जाता है वह एन्टि-कोलाजेन एन्ज़ाइम होता है जो कई टेन्डराइज़र पावडर में इस्तेमाल होता है, जो आप स्टोर में खरीद सकते हैं। कुछ उसी तरह के टेन्डराइज़र है- कचरी पावडर, विनेगर, बीयर, कीवी, नमक आदि। Subscribe to our Newsletter! Be the first to get exclusive offers and the latest news Subscribe Now You May Also like Read the Next Article