सॉफ्ट ड्रिंक कैसे बनते हैं? वैसे तो बनाने का तरिका बहुत लंबा है लेकिन हम छोटे में कहने की कोशिश करेंगे। By Sanjeev Kapoor 04 Apr 2015 in लेख Kitchen Secrets New Update वैसे तो बनाने का तरिका बहुत लंबा है लेकिन हम छोटे में कहने की कोशिश करेंगे।ज़्यादातर सॉफ्ट ड्रिंक लोकल बॉटलिंग और कैनिंग कंपनियों में बनता है। सॉफ्ट ड्रिंक अच्छा होना पानी के क्वालिटी पर निर्भर करता है। परम्परागत तरीके से विशुद्धता को साफ किया जाता है। घुली हुई चीनी और स्वाद डॉजिंग स्टेशन में पहले से निर्धारित तरीके से मिलाया जाता है। सामग्रियों का बैच टैंक में सावधानीपूर्वक मिलाया जाता है। जल्दी गर्म और ठंडा करने की प्रक्रिया से सिरप को स्ट्रेलाइज़्ड किया जाता है। फ्रूट बेस्ड सिरप को साधारणतः पेस्टराइज्ड होता है। सोफिस्टीकेटेड मशीन सावधानीपूर्वक पानी और सिरप को मिलाता है। वेसल में मिश्रण के एरियेशन से बचाने के लिए कार्बनडाइऑक्साइड से दबाव दिया जाता है। कार्बिनेशन प्रोडक्ट को बनाने के प्रक्रिया को खत्म करता है। लिक्विड का तापमान सावधानीपूर्वक संतुलित किया जाता है।बहुत ही तेज धारा के साथ बॉटल या कैन को भरा जाता है। कॉन्टेनर को तुरन्त प्रेशर रेजिस्टेन्ट क्लोजर से बंद किया जाता है, या तो टीनलेव, स्टील क्राउन के साथ कॉरुगेटेड एज, ट्विस्ट ऑफ या पुल-टैब के साथ।सॉफ्ट ड्रिंक बनाने की प्रक्रिया के समय वह ठंडा रहता है। कॉनडेन्सेशन से बचाने के लिए पहले लेबलिंग किया जाता है। कॉन्टेनर को गर्म पानी से स्प्रे करके या सुखाकर यह किया जाता है। फिलिंग स्टेज के पहले कैन प्री-प्रिन्टेड रहता है। उसके बाद कैन कारटन या ट्रे में डिस्ट्रिब्यूटर के पास पहुँचता है।सॉफ्ट ड्रिंक में 200 कैलोरी कम से कम होती हैं, जो हमें चीनी से ही मिलती हैं। एक बोतल सॉफ्ट ड्रिंक मतलब बारह चम्मच चीनी को खाना! इसलिए हेल्थ एक्स्पर्ट ज़्यादा सॉफ्ट ड्रिंक पीने से मना करते हैं जो बाद में मोटापे का कारण बन जाता है। Subscribe to our Newsletter! Be the first to get exclusive offers and the latest news Subscribe Now You May Also like Read the Next Article