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अधिकतर लोगों को घर के अन्य किसी
भी कार्य के मुताबिक धुलाई का कार्य करना पसंद नहीं होता है। ये इसलिये
होता है क्योंकि वे किसी सही ढंग को नहीं अपनाते हैं और उनको इस चीज़ का
पता नहीं रहता है कि ये कार्य बहुत ही आसान हो सकता है यदि इसे नियमानुसार
किया जाये।
पाँच प्रक्रिया होते हैं जो धुलाई के क्रम को बनाते हैं: तैयारी, धुलाई, खंगालना, निचोड़ना और सुखाना, इसी ढंग में।
सबसे
अहम आवश्यक चीज़ जो धुलाई के समय लगती है वह है गर्म पानी की निरंतर
आपूर्ति, जो कि उतना गर्म होना चाहिये जितना आपके हाथ धुलाई के समय सहन कर
सकें और वास्तव में खंगालने के लिये बहुत गर्म, ताकि वह सुखाने के वक्त
चीज़ों को अपनी गर्माहट से स्टरिलाइज़ भी कर सकें।
धुलाई के समय
प्रयोग किये जाने वाले विभिन्न चीज़ें काफी हद तक व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर
करती हैं। इसके लिये साबुन से बेहतर है सिनथेटिक डिटेरजेन्ट का प्रयोग
करना क्योंकि इनमें अधिक मैल निकालने कि क्षमता होती है। चीज़ों में से
खाने के अन्न निकालकर धोने के लिये अन्य उपकारी वस्तुये हैं पोछे, कपड़े,
स्क्रेपर और स्पॉन्ज। इनमें से जो प्लास्टिक या नायलॉन से बने होते हैं, वे
सबसे अच्छे होते हैं क्योंकि वे लम्बी आयु रखने के साथ-साथ जल्दी तैलीय और
चिपचिपे भी नहीं होते हैं।
किसी भी ज़िद्दी खाद्य पदार्थ को प्लेट,
डिश और अन्य पैन्स् से खरोंचकर उन्हे गुनगुने पानी में सोखकर रखना चाहिये।
कप, ग्लास और टीपॉट्स् को खाली कर के पहले ठंडे पानी से धोना चाहिये।
धुलाई, खंगालने और निचोड़ने का संचालन लगातार होना चाहिये, धुलाई और
खंगालने के पानी का तापमान पूरे समय बराबर होना चाहिये और दोनों पानी के
गंदे होने पर उन्हे बदल लेना चाहिये। चीज़ों को धोकर तुरंत खंगालने वाले
पानी में डालना चाहिये और फिर तुरंत ड्रेनिंग बोर्ड या ड्रेनर पर रखना
चाहिये। आप जिस क्रम में चीज़ों को धोते हैं, वह जंरूरी है: ग्लास, कटलेरी,
क्रॉकरी और अंत में पॉट और पैन और अन्य बर्तन जो खाना बनाने में प्रयोग
किये गये हों।
यदि खंगालने वाला पानी काफी गर्म हो, जो कि होना
चाहिये, तो लगभग सभी चीज़ें एक मिनिट में सूख जायेंगे और अंत में उन्हे
केवल एक साफ मुलायम कपड़े या किचन पेपर से पोंछ कर रखा जा सकता है।