हल्दी का प्रयोग मेरी धारणा है पुरुषों को हल्दी का इस्तेमाल बहुत कम करना पड़ता है। By Sanjeev Kapoor 31 Mar 2015 in लेख Know Your Ingredients New Update मेरी धारणा है पुरुषों को हल्दी का इस्तेमाल बहुत कम करना पड़ता है। जब विवाह करने का निर्णय लेते हैं तब ‘हल्दी’ रीति के समय चेहरे पर निखार लाने के लिए हल्दी उबटन का इस्तेमाल किया जाता है। अच्छा, अब आपको मैं बता दूँ शेफ हल्दी का इस्तेमाल आसानी से मसाले के रुप में भारतीय व्यंजन पकाने में करते हैं। रसोई में हम बड़ा मज़ाक करते हैं कि ‘रोज़ हाथ पीले होते हैं’ क्योंकि हल्दी हाथों में अपना रंग छोड़ती है। हल्दी के उद्भव के बारे में हम अनजान हैं अगर पहले के ज़माने में लौट जाएं तो हल्दी को पवित्र मसाले के रुप में माना जाता था। भारतीय केसर या जाफरन भी बहुत ही लोकप्रिय है, यह अपना प्राकृतिक रंग रोज़ की दाल, सब्ज़ी, खिचड़ी या तन्दुरी चिकन में छोड़ता है। उसी तरह करकूमीन भी अपना रंग चीज़ में अनातो के साथ रंग छोड़ता है, सूखे मिश्रण, सालाड के ड्रेसिंग, मक्खन और मारजरीन में इस्तेमाल होता हे।हल्दी सबसे सस्ता मसाला है - जिसकी एक चुटकी से भी काम चल जाता है। यह आर्शिवाद स्वरुप है कि इसका इस्तेमाल एक गरीब भी कर सकता है। भारतीयों ने हल्दी का इस्तेमाल औषधी के रुप मे भी किया है। यह नैचुरल एन्टीबायोटिक, है और शरीर में सही उपपाचन में सहायता करता है। यह एन्टी-आर्थरेटीक और नैचुरल एन्टीबैक्टेरियल के रुप में भी काम करता है। याद है, दादी और उनके कई घरेलू नुस्के और उनका रोग का उपचार? मुझे अभी भी स्पष्ट रुप से याद है गले में दर्द होने पर माँ गर्म हल्दी का दूध पिलाती थीं। और ताज़ी अदरक और ताज़ी हल्दी (अम्बा हलद) के साथ थोड़ा नमक और नींबु का रस खाने के साथ देती थीं। इससे हाज़मा अच्छा रहता है।भारत को इस बात का गर्व है कि पूरी दुनिया भर अस्सी प्रतिशत हल्दी का उत्पादन देश में होता है। ताज़ी हल्दी के ऊँगली जैसे टुकड़ों को पानी में उबाल कर फिर धूप में सुखा लें तभी हल्दी का सही रंग आएगा। यही हल्दी का आखरी स्वरुप है जो हमें पावडर के रुप में प्राप्त होता है। हम ज़ोर देकर कह रहे हैं कि घर में हल्दी को पावडर करने की कोशिश न करें नहीं तो आपको ग्राइन्डर के ब्लेड से हाथ धोने पड़ेगें!आप कैसे हल्दी का इस्तेमाल करेंगे? क्या आप गर्म तेल में डाल देते हैं या जब बर्तन में खाना उबलने के स्थिती में आ जाता है तब हल्दी डालते हैं? दोनों तरीके खाने में अलग-अलग स्वाद लाते हैं। हल्दी देने का सही सिद्धान्त जितना कम उसका प्रभाव उतना ज़्यादा, यानि कम ही ज़्यादा। ज़्यादा हल्दी देने से खाने का स्वाद कड़वा हो जाता है। हमें कैसे पता चलेगा? ज़ाफरान को विकल्प के रुप में इस्तेमाल कर सकते हैं। हलवाई ऐसा करते हैं। वे हल्दी का प्रयोग सिर्फ व्यंजन में पीला रंग लाने के लिए करते हैं, वे सही केसर या जिसे मिठाई केसर कहते है उसका इस्तेमाल करते हैं। हल्दी को भारतीय केसर क्यों नहीं कहा जाता है?हल्दी मेरे जीवन का अभिन्न अंग है इसलिए मैंने अपने कम्पनी का नाम ‘टरमरिक विज़न’ रखा है। शेफ के दृष्टिकोण से मुझे लगता है हल्दी के ऊपर अभी भी अनुसंधान का काम किया जा सकता है। मैं पेन और पेपर लेकर सोच रहा हूँ कि क्या मैं मीठे व्यंजन या डेज़र्ट में इसका इस्तेमाल कर सकता हूँ....!शायद नहीं! मौकटेल में? हाँ! Subscribe to our Newsletter! Be the first to get exclusive offers and the latest news Subscribe Now You May Also like Read the Next Article