अच्छा कार्बोहाइड्रेट बनाम बुरा कार्बोहाइड्रेट आटा तो आटा होता है, चावल का आटा विशेष क्यों है? मैंने कहा था कि चावल के आटा का इस्तेमाल चीन की दिवार By Sanjeev Kapoor 31 Dec 2014 in लेख Know Your Ingredients New Update आटा तो आटा होता है, चावल का आटा विशेष क्यों है? मैंने कहा था कि चावल के आटा का इस्तेमाल चीन की दिवार को सुदृढ़ बनाने के लिए किया गया था। लेकिन मैं इस जानकारी के प्रामाणिकता को प्रमाणित नहीं कर सकता, लेकिन यदि यह सत्य हुआ तो, आप यह अच्छी तरह जान ले कि क्यों हमारा मन यह चावल का आटा हर लेता है। चावल का आटा है क्या? चावल का आटा या चावल का पावडर मिल में चावल को बारीक पीसकर बनाया जाता है। यह चावल के स्टार्च से अलग होता है, यह चावल को लाइ में भिंगोकर बनाया जाता है। जो लोग ग्लूटन असहिष्णु होते है उनके लिए गेहूं के आटे के विकल्प में चावल का आटा सबसे अच्छा विकल्प होता है। दूसरे शब्दों में कहे तो चावल का आटा पूरी तरह ग्लूटन मुक्त होता है। इसका इस्तेमाल रेसिपी में व्यंजन को गाढ़ा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है विशेषकर उन व्यजंनों के लिए जो रेफ़्रिजरेटर में रखा जाता है और वह पानी को निकलने में बाधा डालता है। चावल के आटा के प्रकारचावल का आटा दो प्रकार का होता है: चावल का आटा और मीठा चावल का आटा। पहले वाला चावल का आटा लंबे या मध्यम आकार वाला चावल के दानों को पीसकर बनाया जाता है, ठीक उसी तरह जिस प्रकार चावल का इस्तेमाल व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है। इसमें व्यंजन को गाढ़ा करने का गुण होता है लेकिन इसका सबसे अच्छा इस्तेमाल बेक करने वाले व्यंजनों के लिए ग्लूटन मुक्त आटा में होता है। दूसरे तरफ मीठा चावल का आटा छोटे ग्लूटन मुक्त दानों को पीसकर बनाया जाता है और इसको साधारणतः स्टिकि राईस भी कहते हैं। इस आटे के ग्लूटनियस शब्द से विभ्रांत न हो, इसमें ग्लूटन नहीं होता है और ग्लूटन असहिष्णु लोगों के लिए यह अच्छा होता है। दूसरे चावल की तुलना में इसमें उच्च मात्रा में ग्लूटन रहता है और इसलिए सॉस को गाढ़ा करने के लिए यह अच्छा होता है। नूडल्स या मोचा जो जापान का राइस केक होता है उसको बांधने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। वैसे तो इसको ‘स्वीट राइस फ्लॉर’ कहते हैं लेकिन यह मीठा नहीं होता है। इसमें दूध का फ्लेवर होता है और दूध जैसा सफेद होता है। इसका इस्तेमाल बीचैमेल में होता है जिसको व्हाइट सॉस भी कहते हैं। पौष्टिकताएक कप चावल के आटे में 255 कैलोरी के साथ 60ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 4.5 ग्राम प्रोटीन रहता है। चावल के आटे में फैट नहीं रहता है। भूरे चावल में ज़्यादा पौष्टिकता रहता है और एक कप में 560 कैलोरी, 124 ग्राम कार्बोहाइड्रेड और 12 ग्राम प्रोटीन रहता है।ग्लूटन मुक्त चावल के आटे के अलावा चावल के आटे में दूसरे प्रोटीन उच्च मात्रा में रहते हैं। इसमें बी विटामिन उच्च मात्रा में रहता है। ब्राउन राइस में मिनरल रहता है जैसे कैल्शियम और ज़िन्क। चावल के आटे में जल में अघुलनशील फाइबर रहता है जो कलेस्टरॉल को कम करने में मदद करता है, ब्लड शुगर के स्तर को कम करता है और मल त्याग में मदद करता है। भूसा रहने के कारण ब्राउन राइस में सफेद चावल की तुलना में ज़्यादा फाइबर रहता है। गेहूं के आटे के जगह पर ब्राउन राइस खाने पर वज़न कम होता है। इससे कुछ बिमारियों का खतरा भी कम होता है जैसे डाइवरटिकुलर डिज़ीज़, कोलन डिज़ीज़, टाइप-2 मधुमेह और हाइपरटेनशन आदि।कमी को पूरा करनाचावल के आटे से बेक किया हुआ व्यंजन ज़्यादा भुरभुरा होता है, इसके लिए रेसिपी में जितने अंडे का उल्लेख किया हुआ रहेगा उससे ज़्यादा अंडे का इस्तेमाल करें। जब तक कि मनोवांछित सांद्रता नहीं मिलेगा मात्रा का चुनाव खुद ही करें। सही अनुपात तक पहुँचने के पहले दो बार इसको बनाने की कोशिश कीजिए। आप गाढ़ापन लाने के लिए अरारूट पावडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं मगर चार भाग चावल के आटे में एक भाग अरारूट का पावडर होगा इस अनुपात से इसका इस्तेमाल करें। सोखने के प्रक्रिया के लिए ज़्यादा पानी का इस्तेमाल करना न भूलें।जो अंतिम उत्पादक मिलता है उसमें अंतर क्या हैसभी तरह के आटा या गेहूं के आटे से जो उत्पाद बनता है उसके तुलना में यह पपड़ी की तरह हल्का होता है। सफेद चावल का आटा का रंग या फ्लेवर बदलता नहीं है मगर ब्राउन राइस के आटे का रंग और फ्लेवर दोनों बदल जाता है। वैसे तो आपके इच्छा के ऊपर निर्भर करता है कि बेक करने में आप सफेद चावल के आटे का इस्तेमाल करेंगे या भूरे चावल के आटे का लेकिन ब्राउन राइस से ही बेक का काम अच्छा होता है। सफेद चावल के आटे से हल्का गोंद जैसा अनुभव होगा मगर मुँह में ही घुल जाएगा और पुराने पकाये हुए चावल जैसे स्वाद का अनुभव होगा। पाकशैली में इस्तेमाल भजिया बनाने के लिए थोड़े से चावल के आटे में बेसन का आटा डालकर बैटर बना लें और इससे भजिया कुरकुरा बन जाएगा। मशहूर उकडीची मोदक बनाने में चावल के आटे का इस्तेमाल किया जाता है विशेषकर महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी के समय। महाराष्ट्र और कर्नाटक में चावल के आटे का इस्तेमाल करके पूरी या वड़ा बनाया जाता है जो मसालेदार मांसाहारी व्यंजनों के साथ अच्छा लगता है। चकली लोकप्रिय और स्वादिष्ट स्नैक्स होता है, जो उड़द के दाल के साथ चावल का आटा डालकर बनाया जाता है। जो लोग ग्लूटन असहिष्णु होते हैं उनके लिए ही विशेषकर चावल की भाखरी बनायी जाती है क्योंकि वे गेहूं के आटे का बना रोटी या पराठा नहीं खा पाते हैं। दक्षिण में, चावल के आटे का सूप और दूसरे ग्रेवी को गाढ़ा बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। Subscribe to our Newsletter! Be the first to get exclusive offers and the latest news Subscribe Now You May Also like Read the Next Article