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हाँ, अगर आप लोहे के बर्तन में
खाना पका रहे हैं तो आयरन की कुछ मात्रा आपके भोजन में आ जाती है और इसे
खाने से आपके शरीर में भी जाता है। इस विषय पर अनुसंधान हुआ है कि कच्चा
खाना जब आयरन पैन और नौन आयरन पैन में बनता है तो दोनों में अंतर मिलता है।
एक नया लोहे का बर्तन और पुराने लोहे के बर्तन में खाना पकाने से दोनों
में अंतर होता है। अनुसंधानकारियों ने तुलना की है कि पुराने और नए बर्तन
में से कितना लोहे का गुण भोजन में जाता है ।
कया पाया? लोहे के
पैन में खाना पकाने से भोजन में आयरन ज़्यादा मात्रा में जाता है। एसिडिक
फूड जिसमें ज़्यादा नमी होती है, जैसे - सेव और टमाटर सौस, ज्यादा आयरन
सोखते हैं। एक टेस्ट के दौरान ये दो भोज्य पदार्थ ही सबसे ज़्यादा मात्रा
में आयरन लेने वाले हैं। 100gm की मात्रा में- सेव में आयरन की मात्रा
0.35mg से बढ़कर 7.3mg हो गई और सौस में 0.6mg से बढ़कर 5.7mg हो
गई। जो खाना ज़्यादा देर तक पकता है वह ज़्यादा मात्रा में आयरन सोखता है।
जो खाना मथकर जल्दी बनाया जाता है उसमें ज़्यादा मात्रा में आयरन मिलता है
क्योंकि वे आयरन के संर्पक में ज़्यादा आते हैं।
खाना, जो घर में
बनता है, वह लोहे के बर्तन के उम्र पर निर्भर करता है और वह बर्तन कितनी
बार इस्तेमाल किया गया है और कितनी देर तक उसमें खाना पक रहा है - इस पर
आयरन की मात्रा निर्भर करती है। अगर आप भोजन में आयरन की मात्रा बढ़ाना
चाहते हैं तो नई लोहे की कढ़ाई खरीदें।