जीरे का पावर

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cumin power

एक कप गरम चाय और उसके साथ एक जीरा
बिस्कुट। यह मेरा सुबह का रुटीन है। जीरा को तवे पर भूनने से जो महक
निकलती है उससे आपके मुँह में पानी आ जाएगा। गरम दाल में जीरा, राई, और
हींग के तड़के के बारे में क्या ख्याल है? भूना हुआ जीरा सबसे अच्छा लगता
है और भूने हुए जीरे के पावडर बहुत सारे व्यंजनों का भाग्य बदल देता है
जैसे दही-बड़ा, छास, चाट इत्यादि। भारतीय पुलाव और सब्ज़ी और दाल में भी
जीरा अपना कमाल दिखाता है। अगर मैं कोई रायता बिना भूने हुए जीरे के
छिड़काव के बिना परोस देता हूँ तो चिंतित हो जाता हूँ!

पानी पूरी के
पानी के बारे में क्या ख्याल है? जीरे के बिना इसकी कल्पना ही नहीं की जा
सकती। अजवाइन के जगह पर परांठे में जीरे को ले सकते हैं, अगर ज़्यादा भी हो
गया तो कोई बात नहीं। ज़्यादातर भारतीय रेस्तराँ के मेनु में जीरा राइस
ज़रूर रहता है।

भारत के कुछ प्रांत में जीरा या ‘क्युमिन’ मसाला
बौक्स की जिन्दगी है। यह एक ऐसा महत्वपूर्ण मसाला है जो दूसरे मसालों के
दाम को ठीक ठाक रखता है! कभी-कभी शाही जीरा और साधारण जीरा को पहचानने में
मुश्किल हो जाती है। शाही जीरा कुछ ज़्यादा काला होता है और मीठा होता है।

जीरा
भारतीय होने के साथ-साथ क्यूबन, मेक्सिकन, थाई, वियतनामीज़, ट्रकिश,
अफगानी भी है। जीरा एक बहुत महत्वपूर्ण मसाला है जो बहुत तरह के मसालों के
मिश्रण में मिलता है जैसे - गरम मसाला, करी पावडर, अडोबास, सौफरितो और
बहारात। यह मसालेदार मेक्सिकन चिल्ली कौर्न कार्न और एनचीलाडास के साथ
चिल्ली सौस में भी मिलता है। युरोप में जीरे का महक कुछ पोरतुगीस सौसेजे़स
और स्पाइस चीज में इस्तेमाल होता है, विशेषकर डच लेडन और जर्मन मुनस्टर और
लकड़ी के साथ भूना जाता है ताकि धुँए की महक चीज़ और मीट में समा जाए। चटनी
आचार में भी जीरे का इस्तेमाल मिडल ईस्ट में यह मछली के व्यंजन में, ग्रील
और स्टू और खसखस (सैमोलिना के भाप में मीट और सब्ज़ी को पकाया जाता है, यह
मोरक्को का राष्ट्रीय व्यंजन है) के महक में रचा बसा है। जीरा और शाह जीरा
जर्मनी की प्रसिद्ध लिकर कुम्मील को भी महकाता है। इतिहास बताता है कि
ईरान जीरे का सबसे बड़ा निर्यातक था मगर अब भारत, श्रीलंका, सिरिया,
पाकिस्तान और टर्की प्रमुख स्रोत हैं। गुजरात का एक प्रांत उनझा जीरा का
सबसे प्रसिद्ध बड़ा बाजार है। जीरा गरम जलवायु में पैदा होता है यहाँ तक कि
सूखा भी सह सकता है। वसंत में बीज से अंकुर फूटता है और गर्मी के तीन-चार
महीनें लग जाते हैं दो फीट लंबा पौधा बनने में और इसे हाथों से निकाला जाता
है।

जीरे को लेकर बचपन की कुछ यादें हैं - मेरी माँ गुड़ को गलाकर
उसमें कुछ जीरा मिलाती थीं। इस देसी टौफी को प्लेट में रखती थीं और चौकोर
टुकड़ों में काटती थीं। मैं इसे टौफी ही कह रहा हूँ क्योंकि हम इसे टौफी
जैसा ही मानते थे। माँ की इस तरह बनाई गई गोली खाने से हाज़मे के लिए अच्छा
था और साथ ही आयरन का अच्छा स्रोत भी था। जीरे की चाय भी मुझे याद है जो
पेट में उत्पन्न वायु से जो दर्द होता है उससे राहत दिलाती थी। सबसे
पंसदीदा सब्ज़ी जो हमारे डाइनिंग टेबल पर आती थी वह थी जीरा-आलू का
सब्ज़ीं! आलू जो जीरे के अंदर ढका रहता था!

तो क्या हुआ अगर जीरा
लोकप्रियता में नंबर दो पर आ रहा है काली मिर्च के पीछे पीछे? मैं जीरे के
बगैर खाना बनाने की बात सोच ही नहीं सकता। अगर जीरा धनिये के साथ मिला कर
धानाजीरा पावडर बनाता है तो यह भारतियता की महक कई व्यंजनों में भी लाता
है।