ओट्स की दुविधा – चलो स्पष्ट करें!

हम ओट्स के बारे में कितना पढ़ते हैं और सुनते हैं कि इससे प्राकृतिक रूप से वज़न कम होता है।

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clearing the oats confusion

हम ओट्स के बारे में कितना पढ़ते
हैं और सुनते हैं कि इससे प्राकृतिक रूप से वज़न कम होता है। ओट्स भूख को
कम करने में मदद करता है, ओट्स का सोल्युबुल फाइबर जेल बनाता है। यह जेल
पेट को खाली करने में देरी करता है, इसलिए बहुत देर तक भूख नहीं लगती है और
वज़न कम करने में मदद करता है। एक कटोरी सुबह ओट मील खाने से आसानी से होल
ग्रेन खाने की मात्रा बढ़ाती है।

लेकिन एक दुविधा रह ही जाती है कि
हमें किस प्रकार का ओट्स खरीदना और खाना चाहिए क्योंकि ये है - 1. ओट
ब्रान, 2. रोल्ड ओट्स, 3. क्विक ओट्स और 4. इन्सटेंट ओट्स - बहुत तरह के
ओट्स मिलते हैं। हर तरह के ओट्स बनाने का समय और टेक्सचर अलग-अलग होता है।

ओट
ब्रान ओट ग्रेन का भूसा है। यह ओट करनल का बाहरी भाग है, जहाँ ज़्यादा
फाइवर और पौष्टिकता दोनों रहते हैं। ओट ब्रान में वही पौष्टिकता और फाइवर
रहता है जो होल ओट्स में रहता है, सिर्फ वह गाढ़ा होता है। रोल्ड ओट्स में
ब्रान के साथ-साथ ओट करनल का बचा हुआ भाग रहता है। रोल्ड ओट्स स्टीम करके
स्टील रोलर से चपटा किया जाता है, जिसके कारण उसको पकाने में पाँच मिनट
लगते हैं। क्विक ओट्स को छोटे टुकड़ों में काट लिया जाता है रोल करने से
पहले, इसलिए वह मिनटों में जल्दी से पक जाता है। इंस्टेंट ओट्स पहले से
पकाया रहता है और दबाकर पतला किया रहता है। सिर्फ उबलते पानी में पका लें।
साधारणतः उसमें बहुत सारा सोडियम रहता है।

ओट्स को अंधेरे, सूखे हवा
बंद कॉन्टेनर में रखें। ओट्स को एक साल तक रख सकते हैं। ओट ब्रान और
रोल्ड/क्विक ओट्स को बेकिंग में भी लिया जा सकता है।