बिरयानी

बिरयानी

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biryani day of love

मैं गुलजार हूँ, जब मेरी सलीम के
साथ शादी हुई तब खाना बनाने के आनंद का पता चला। हाँ, आपने ठीक समझा मुझे
खाना बनाना बहुत पसंद है (मुझे इतना अच्छा लगता है कि पहली बार मैंनें अपने
पति से जो उपहार माँगा वह है संजीव कपूर कुक बुक), मैंनें खाना बनाना तो
सीख विवाहित महिला इस बात को समझ सकती है। और मुझे एक सच्चाई के सम्मुख
होने पड़ा वह है ‘पुरुष के दिल का रास्ता पेट से होकर पड़ा वह है ‘पुरुष के
दिल का रास्ता पेट से होकर आता है, यह बहुत हद तक सच है’।

खाना
बनाने की शैली से परिचय होने के बाद एक और परिचय बता दूँ, मेरे पति फूड
क्रिटिक हैं। सिर्फ स्वाद का अंश ही नहीं समय का अंश भी। मेरा महाशय से
संबंध है जब वे खाना बनातें है, मुझे नौ बार सुनना पड़ता है कि मैंनें
कितना जल्दी और स्वादिष्ट खाना बनाया है! एक रविवार को मैनें स्वादिष्ट
बिरयानी बनाने की योजना बनाई, मैनें पहले से सारे मसालों की तैयारी करके
रखी थी। मेरा परिवार ख़ोजा मुस्लिम परिवार है, रविवार के दिन बिरयानी
ज़रुरी है। पति के लिए मैनें सरप्राइज़ रखा। उन्होंने बिरयानी बनाने में
मेरी मदद की। उनका चेहरा ही सब कुछ बयान कर रहा था। मैनें अपने पत्नी का
कौशल दिखाया और उन्हें सहयोगी बनाने के लिए तैयार हो गई।

पहली चीज़
जो वह करने के लिए कहते हैं वह है प्याज़ काटने के लिए, मेरे बहादुर पति।
जब वह प्याज़ को काटते हैं या वे प्याज़ को क्रश कर लेते हैं, मैं चिकन को
मैरीनेड कर लेती हूँ, जब मैं प्याज़ को भूनती हूँ तब वे चावल धो लेते हैं।
मैं ज़रूर कहुँगी उस दोपहर को हम दोनों एक दूसरे के पास आते हैं, बिरयानी
अब बिरयानी फाइन दम हो गया है, यह महक सिर्फ मसालों की नहीं है, बल्कि उस
प्यारे समय की है जो हम दोनों ने एक-दूसरे के साथ बिताया। आप इस तरह भी कह
सकते हैं यह हमारा “बिरयानी डे औफ लव” था।
अपने अनुभव से मैं कुछ प्यांट को साथ करके बता रही हूँ और कुछ चतुराई से -
मेरी
यह दिली ख्वाइश है कि जब भी आप किचन जायें दोनों एक साथ जायें। अकेले काम
करने से दोनों एक साथ जायें। अकेले काम करने से दोनों मिलकर काम करने में
मज़ा है। एक का दायित्व नहीं है बल्कि टीम का काम है। अगर कौम्पिटिशन की
बात है तो यह देखें कि कौन सबसे अच्छा स्वादिष्ट व्यंजन बना सकता है।
•दोनों
एक साथ ग्रौसरी या शौपिंग करने के लिए जायें। सामग्रियों को लेने में
उन्हें शामिल कीजिए, अगर वे पहले से आपके साथ काम नहीं करें हैं तो आप क्या
खरीदना चाहती हैं यह उन्हें बताईये। किस तरह मीट के टुकड़े किए जाएँ, आप
उन्हे उनकी रुची पूछिए, ताज़ी सब्जी और सबसे ज़रूरी मसाले के बारे में
बताएँ ताकि वे जाने किसी घर के लिए यह सब काम करना व्यायाम करने के बराबर
है। वे कभी भी उत्साह नहीं दिखायेंगे।
•वही रेसिपी खोजे जो दोनों को
अच्छा लगे। दोनों एक साथ मिलकर कुकबुक से या रेसिपी साइट से स्वादिष्ट
रेसिपी खोजें ताकि दोनों मजे़ लेकर खा सकें।
•पाक-कला के विषय का अनुभव
कीजिए। दोनों मिलकर रेसिपी का चयन मौसम और देश के अनुसार कीजिए और नए स्वाद
को खोजिए जो आपने पहले कभी चखा नहीं।
•पुरुषों को पसंद आने वाली रेसिपी
को देखिए जिसमें फ्राईंग, रोस्टिंग और बारबिक्यूईंग हो। इससे उनको आग्रह
होगा। पुरुष द्वारा लिखी कुकबुक की बात याद आते ही शेफ संजीव कपूर की बात
याद आती है।
•जब वह खाना बना रहें हों तो उनके पास ही रहें। पास रहकर तैयारी में मदद करे जैसे सब्जी काटना, धोना, करी बनाने में सहायता करना।
•सहयोगी
बने और शिकायत न करें कि खाना अच्छा बना है कि नहीं। कोई भी हर वक्त अच्छा
खाना बना नहीं सकता। आप अपनी बात याद करें जब आप पहले खाना बनाती थीं
लेकिन उन्होंने कभी शिकायत नहीं की और चुप-चाप रहे।
•उन्होंने क्या
अच्छा किया है इसका पता लगायें। उनसे यह बोलें कि ‘आपको इस व्यंजन के बारे
में पता है, क्योंकि आप अच्छा बनाते हैं’। आप उनसे सब जानें और फिर से
बनायें।
•उनके पाक शैली की प्रशंसा उनके माँ के सामने, अपने माँ के सामने, बच्चों और पड़ोसियों के सामने करें।
मेरे
पति के लिए, उन्होनें खाने की समालोचना करना नहीं छोड़ा लेकिन मैनें उनके
आँखों में एक आदर देखा है, और अब वे मेरी ज़्यादा मदद करते हैं, जब मेरे
दो बच्चे उनसे भी ज़्यादा मददगार साबित होते है मेरे लिए।
शायद इतने साल
बीत जाने के बाद मैं एक्सपेरिमेंटल कुक बन गई हूँ और कभी-कभी उनकी सहायता
से नए रेसिपी, नए सामग्रियाँ डालकर कुछ बनाने की कोशिश करती हूँ, कभी-कभी
बहुत अच्छे बनते हैं और कभी-कभी भयानक रुप से खराब़।
तब, आप अपना बिरयानी डे औफ लव कब मनाने जा रहे हैं?