बेसिल: एक खुशबू, ओह इतना सुखद

आपने पास्ता या चिकन विद पेस्तो सॉस का काफी बार लुत्फ उठाया होगा, पर क्या आपको पता है कि वह क्या चीज़

New Update
basil a fragrance oh so pleasant

आपने पास्ता या चिकन विद पेस्तो
सॉस का काफी बार लुत्फ उठाया होगा, पर क्या आपको पता है कि वह क्या चीज़ है
जो पेस्तो सॉस को उसका स्वाद प्रदान करता है? मैं आपको बता दूँ – पेस्तो
सॉस मुख्य रूप से ताज़ा बेसिल के पत्तों और चिलगोज़े से बनता है। इसके
स्वाद को बेहतर बनाने के लिये इसमें पार्मेज़ान चीज़ और ऑलिव आइल भी डाला
जाता है।

बेसिल के पत्ते क्या हैं?
बेसिल
को कई बार गलती से अपनी भारतीय तुलसी कहा जाता है। हालाँकि यह अलग है
परंतु यह तुलसी का एक करीबी रिश्तेदार है। बेसिल के पत्ते तुलसी के पत्तों
की तुलना में लम्बे, मोटे और अधिक सुगंध वाले होते हैं। हालांकि, मैं एक का
दूसरे के विकल्प में प्रयोग नहीं करूंगा। बेसिल वास्तव में मेरे पसंदीदा
हर्बस् में से एक है सिर्फ इसलिए नहीं क्योंकि यह थाई या इटैलियन व्यंजनों
में एक विशेष स्वाद प्रदान करता है बल्कि इसलिये भी क्योंकि मैं इसका
सफलतापूर्वक प्रयोग काफी भारतीय ग्रेवी बनाने के लिये कर चुका हूँ। एक बार
मैंने अपने एक घर के पार्टी में चिकन टिक्का इन बेसिल मखनी सॉस बनाया था और
महमानों ने खुशी-खुशी सारा का सारा खा लिया। तब से यह अक्सर हमारी पार्टी
मेनू में शामिल किया जाता है।

एक ताज़ा कुरकुरापन
अगर
आपने ग़ौर किया हो तो बेसिल नाज़ुक होता है और जब आप इसे ताज़ा भी खरीद
रहे होते हैं तब भी इसके पत्ते थोड़े झुर्रीदार होते हैं। इनको जीवित करने
का सबसे अच्छा तरीका है इन्हे एक ठंडे पानी के बाउल में कुछ देर तक डुबा कर
रखें या यदि आपको इन्हे फ्रिज में रखना हो तो पत्तों को पानी में डालकर
फ्रिज में रखें। बेसिल का प्रयोग करने का एक ही तरीका है कि आप उसे हाथ से
तोड़कर डालें, छुरी से काटने से ये काले पड़ जाते हैं। सलाद और पीज़ा पर
ऊपर से छिड़कें और मुंह में एक ताज़े स्वाद का आनंद उठायें।

क्या ये स्वास्थ्य के लिये अच्छे हैं
बेसिल
के पत्तों में कई स्वास्थ्य आवश्यक तेल होते हैं जो ऐन्टि-इनफ्लमेट्री और
ऐन्टि-बैकटीरियल गुणों के लिये जाने जाते हैं। इनमें बहुत कम कैलोरीज़ होते
हैं और बिल्कुल ही कोलेस्ट्रॉल नहीं होता पर साथ ही साथ इनमें भरपूर रूप
में अन्य पोषकतत्व, जैसे मिनरल्स् और विटामिन्स्, होते हैं जो कि सर्वोत्तम
स्वास्थ्य के लिये आवश्यक होते हैं।

ताज़े बेसिल के पत्तों में
अच्छी मात्रा में विटामिन ए होता है जिसमें ऐन्टिऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो
अच्छी दृष्टि के लिये महत्वपूर्ण होता है। इसकी आवश्यकता स्वस्थ म्यूकस
मेम्ब्रेन और त्वचा बनाये रखने में भी होती है।

प्यूरे करके बनाये रखें
बेसिल
के पत्तों को बनाये रखने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप डंठल से पत्तों को
निकालकर तुरंत पीसकर प्यूरे बना लें। इस पेस्ट को एक हवा तंग कन्टेनर में
ऊपर से एक मोटी परत ऑलिव आइल की डाल कर जमाया जा सकता है। इस पेस्ट को इस
तरीके से रखने में ख़ास बात क्या है? सबसे पहले, बेसिल लम्बे समय तक बचाया
जा सकता है। दुसरी बात, बेसिल के सुंदर हरे रंग को लम्बे समय तक बचाये जाने
के साथ-साथ स्वाद को भी ताज़ा रखा जा सकता है। बनाया हुआ बेसिल प्यूरे सूप
और पास्ता में डाला जा सकता है। सलाद खाने और दिखने में और भी अच्छे हो
जाते हैं क्योंकि ऊपर डाले गये तेल में भी बेसिल का एक गहरा स्वाद आ जाता
है और उसका रंग भी हल्का सा हरा हो जाता है।

आप पेस्तो सॉस बनाकर,
बोतल में भरकर फ्रिज में भी रख सकते हैं। बेसिल के पत्तों को केवल थोड़े से
चिलगोज़े, लहसुन की कलियाँ और ऑलिव आइल के साथ पीस लें। बनाये हुये पेस्तो
सॉस को आप झटपट किसी भी पास्ता या चिकन के साथ मिला सकते हैं, यहाँ तक कि
मक्खन के साथ भी मिलाकर कुछ नया बना सकते हैं। पेस्तो के स्वाद वाले मक्खन
को अच्छे से गरम टोस्ट पर फैला कर खायें, ये काफी मज़्ज़ेदार होता है।