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ओबरजीन रॉयलटी का रंग है लेकिन
ओबरजीन सब्ज़ी (टेक्निकल सब्ज़ी फल) के रूप में अपना स्थान खो रहा है। अगर
बैंगन के परिवार की हर स्पेसीस के सर पर ताज हो, तब भी वह अपना स्थान नहीं
बना पा रहा है! इसे ओबरजीन या बैंगन कहें, यह वरसिटाइल चीज़ है
(नोमेनक्लेचर में इसे बैंगन और एगप्लैन्ट के रूप में जुड़ा है) और बनाने
में बहुत मज़ा आता है।
दोस्त बनायें
ज़्यादातर
लोग बीज वाला बैंगन ही ले जाते है। हमारे पास एक्स-रे वाली आंखें तो है
नहीं कि बैंगन से बीज को निकाल सकें। चमकदार नरम त्वचा वाला बैंगन में एक
भी बीज नहीं रहते हैं। एक तरीका है कि इसे हाथों में ले लें इसका वज़न
देखें। अगर हल्का महसूस हो तो उसमें कोई बीज नहीं रहेगें। ज़्यादा बीज वाला
बैंगन भारी होता है और पकाने पर कड़वा लगता है। दूसरा तरीका है जाँचने का
कि उसके टिप को देखें, अगर गोल है तो खरीदें, और यदि अंडाकार है तो ज़्यादा
परिपक्व है साथ में बीज भरा होगा।
तेल की प्रबलता
बैंगन
के लिए नेगेटिव मारकिंग का दूसरा बड़ा कारण है फ्राई करते वक्त बहुत तेल
सोखता है। डीप फ्राई को भूल भी जायें तो खाना बनाते वक्त भी तेल की ज़रूरत
पड़ती है। पानी वाला रसादार बैंगन स्वादिष्ट नहीं होता है। दुनिया के किसी
भी कोने का किसी भी रंग, रूप, आकार का बैंगन एक ही तरह का होता है। इसका
टेक्सचर स्पॉन्जी होने के कारण आसानी से तेल सोख लेता है। नमी ग्रहण करने
वाला बैंगन जैसे ही गर्म होता है तुरन्त उसके कोशिकाओं का कसा मुँह खुल
जाता है। फिर उसका स्पॉन्जी टेक्सचर आश्चर्यजनक रूप स तेल सोखने लगता है।
जैसे ही उसके ऐयर पॉकेट बंद हो जाता है थोड़ा तेल निकल जाता है। तेल तब भी
उसमें रह जाता है उसके कोशिकाओं को नरम, बटरी टेक्सचर देने के लिए। तेल के
साथ मसाले की महक रह जाती है, जिससे कि बैंगन का व्यंजन सुगंधित होता है।
अगर तेल से बचाना चाहते हैं तो, याद रखे भूना, बेक किया हुआ, ग्रिल्ड बैंगन
हमेशा सही विकल्प है, स्वाद के दृष्टिकोण से भी।
सॉल्ट ट्रीटमेंट
बैंगन
काटने के बाद नमक के पानी में भिगाकर रखने से काला होने से बचाया जा सकता
है। कभी-कभी बैंगन बनाने से पहले नमक छिड़कते हैं ताकि ऑसमोसिस द्वारा
अतिरिक्त नमी और कड़वापन निकल जाए। बैंगन का अतिरिक्त नमक उसको मोटे टॉवेल
में रैप करने से भी निकल जाता है और स्लाइसों या क्युब्स पर दबाव देने से
भी एयर-सेल बंद हो जाने से फ्राई करने के वक्त कम तेल सोखता है।
बड़ी संख्या में नवपरिवर्तन
कुछ
नव परिवर्तनों में बैंगन में स्टफ करके कीमा और बैंगन का आचार है। हाँ, यह
आचार मुझे आश्चर्यचकित करता है। अभी मार्केट में अच्छे बैंगन मिलने का
मौसम है। आपको 500 ग्राम बीजरहित बैंगन की ज़रूरत है। एक बड़े चम्मच तेल
में एक मुट्ठी सूखी लाल मिर्च भून लें। छान लें, ठंडा करें और पीस लें। उसी
तेल में दो चम्मच जीरा, सरसों और मेथी को भून लें। ठंडा करके पीस लें। दस
लहसुन का फाँक के साथ दो इंच अदरक को पीसकर थोड़े से तेल में भून लें ताकि
कच्ची गंध न निकले। अब बैंगन के टुकड़ों को तेल में तब तक भूनें जब तक कि
आकार में वह आधा न हो जाए। उसमें सारे तैयार किए हुए मसालें और पेस्ट और
चार बड़े चम्मच नमक के साथ एक कप विनेगर डालें। जब तक तेल अलग न हो जाए,
पकाते रहें। ठंडा करके हवाबंद जार में रख दें। आचार का जीवनकाल दो महीनों
का है अगर खपत न हो तो!
खाना बनाने के कई प्रकार
घर
में बैंगन कई प्रकार से बनाया जाता है। जाड़े में मेथी बैंगन या दही बैंगन
गर्मी के दिनों में। पंजाबी के घरों में बैंगन भरता बनता है (जाड़े में
मटर के साथ), उसी तरह हैदराबादी भगारे बैंगन का आनंद उठाते हैं। आपको क्या
पसंद है? या थोड़ा आगे बढ़ें और अंग्रेज़ी नाम का इस्तेमाल करें और बनायें
ओबरजीन एण्ड पेने बेक या एगप्लैन्ट परमेज़ान लसानया! तथ्य यह है कि मैं
अपने इस वक्तव्य से यह प्रमाणित करना चाहता हूं कि बैंगन बहुमुखी
प्रतिभावाला है और बनाने में मज़ा भी आता है।