खसखस के बारे में खास बातें मैसूर में एक दोस्त के घर मैंने पहली बार खसखस से बनी खीर खायी। डिनर टेबल पर उन्होंने डेज़र्ट् के रूप By Sanjeev Kapoor 04 Apr 2015 in लेख Know Your Ingredients New Update मैसूर में एक दोस्त के घर मैंने पहली बार खसखस से बनी खीर खायी। डिनर टेबल पर उन्होंने डेज़र्ट् के रूप में ‘घसाघसा पायसम’ पेश किया। मैं पहले आश्चर्य में पड़ गया कि यह क्या है। और जब मैंने इसको चखा, महका और मज़ा लेकर खाया तब मैंने तुरन्त उनसे व्यंजन के बारे में पूछा। उसके बाद मुझे ज्ञात हुआ कि यह खसखस से बना है।ज़्यादातर जगहों में यह खसखस के नाम से ही जाना जाता है - अंग्रेजी में इसे पॉपी सीड, हिन्दी में खसखस, कन्नड़ में घसा घसा, बंगाली में पोस्तो और बहुत कुछ। यह पौष्टिकता से भरा होता है और दूसरे बीज या नट्स की तुलना में कम एलर्जी उत्पन्न करने वाला खाद्द पदार्थ है। ऐन्टी-कैन्सर ड्रग का संभावित स्रोत है। इसमें थियामिन, राइबोफ्लेबिन और निकोटीनिक ऐसिड भरपूर मात्रा में रहता है लेकिन कैरोटिन नहीं रहता है। आयोडीन, मैंगनीज़, कॉपर, मैग्नेशियम और ज़िन्क का सुराग पाया जाता है। बीज में ऑक्ज़ैलिक ऐसिड, लेसीथिन, नारकोटाइन का सुराग पाया जाता है। खसखस में उच्च मात्रा में प्रोटीन रहता है।पॉपी सीड मूलतः आइल सीड है जो ओपियम पॉपी (पापावीर सोमनिफेरम) से प्राप्त होता है। इसका बोटैनिकल नाम का मतलब है ‘नींद का असर’। पापावीर सोमनीफेरम सालाना हर्ब है जिसमें मोम आवरण युक्त मोटा तना होता है और उसके बहुत सारे पत्ते और कुछ फूल होते हैं। इसके फल कैप्सूल जैसे होते हैं, जिसका आवरण मोम जैसा होता है और उसमें बहुत सारे छोटे सफेद राख जैसे रंग वाले बीज होते हैं। पॉपी का पौधा खुद ही पराग-कणों को खींच लेता है। खसखस प्यास को बुझाता है और ज्वर, सूजन और पेट की जलन से राहत दिलाता है। यह दर्द-निवारक है और संधिवात से ग्रस्त लोगों के लिए अच्छा है।यह माँसपेशी और स्नायु के दर्द से राहत पहुँचाता है। सूखी खुजली के जगह पर खसखस में नींबु का रस मिलाकर लगाएँ ।हज़ारों सालों से विभिन्न सभ्यताओं में खसखस की फसल उपजायी जाती है।भारतीय और पाकिस्तानी पाकशैली में खसखस का वृहद रूप से इस्तेमाल होता है। कभी-कभी व्यंजन को और गाढ़ा करने के लिए होता है। यह रेसिपी में स्वाद/महक और टेक्सचर देता है।उत्तरी अमेरिका में कई व्यंजनों में इसका इस्तेमाल होता है, जैसे रस्क, बैगल्स, मफ़िन, केक आदि। यहाँ तक कि युरोपवासी बन्स और पेस्ट्री पर इसे छिड़ककर इस्तेमाल में लाते हैं। जर्मन और पॉलिश के लोग ब्रेड और डेज़र्ट् में इसका इस्तेमाल करते हैं।खसखस को साबूत या पीसा हुआ, मसाले के रूप में, कॉनडिमेन्ट के रूप में, सजाने के लिए, गाढ़ा करने के लिए या कभी-कभी मूल सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। व्यंजन और डेज़र्ट् दोनों में इसका इस्तेमाल होता है।एक बात के लिए सावधान कर दें, पूरे सावधानी के साथ इसको दें और शिशु, बच्चे, गर्भवती महिलाओं और जो किडनी के बिमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें न दें।इससे सामान्य और स्वादिष्ट स्नैक्स बनता है जिसे बेगून भाजा कहते हैं। चार मध्यम आकार के लंबे बैगन को आधा सेंटिमीटर मोटे टुकड़ों में काट लें। एक छोटा चम्मच हल्दी, 1½ छोटा चम्मच लाल मिर्च, 1 छोटा चम्मच नींबु का रस, नमक और 4 बड़े चम्मच खसखस को बैंगन के टुकड़ों के दोनों तरफ लगाएँ और 15 मिनिट के लिए अलग रख दें। कढ़ाई में तेल गरम करें और सुनहरा भूरा होने तक टुकड़ों को भूनें। पेपर में सोख लें। नमक और बाकी बचे लाल मिर्च पावडर को ऊपर से छिड़कें। गरमागरम परोसें। Subscribe to our Newsletter! Be the first to get exclusive offers and the latest news Subscribe Now You May Also like Read the Next Article