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सिन्धी पाकशैली कितनी आनंददायक है, यह बात वही जानता है जिससे व्यंजन का स्वाद चखा है। स्वाद और मसाले का अद्भुत समन्वय है। इसका मतलब यह नहीं कि सिन्धी पाकशैली के सभी व्यंजन मसालेदार होते हैं, बहुत तरह के मीठे व्यंजन भी होते हैं। परम्परागत रूप से, सिन्धी पाकशैली, मसाला, स्वाद और मिठापन के लिए जानी जाती है।

सिन्धी पाकशैली बहुतों के प्रभाव से बना है- बलुचिस्तान सिन्ध की सीमारेखा को छूता है, और पंजाब को भी-इसलिए दोनों का सम्मिश्रण होना लाजमी है। देश-विभाजन सिन्धी पाकशैली का आज के स्तर में पहुँचाने के लिए अहम् भूमिका निभाता है। सिन्ध-भारत का ही एक अंश है, भारतीय व्यंजन का बहुत प्रभाव सिन्धी पाकशैली पर है। मसाला और सुगंध सिन्धी और भारतीय व्यंजन एक समान है। सिन्धी पाकशैली सिन्ध के सिन्धियों की है, और जो सिन्धी लोग भारत में रहते हैं, उनकी भी। घर में रोज़ के खाने में फुल्का और चावल दो तरह के व्यंजनों के साथ रहता है, एक रसेदार और दूसरा सूखा। त्योहारों के अवसर पर, खाने और पीने के लिए सब कुछ मिलता है। सिन्धी पाकशैली में कुछ व्यंजन बहुत लोकप्रिय हैं, वे हैं- साई भाजी, दाल पकवान, वेजीटेबल करी और पापड़।

 

सिन्धी और उनकी संस्कृति

विश्व का कोई भी देश नहीं है जिसकी अपनी लोक कथाएं न हो, हर गीत, नृत्य, पहेली, मुहावरा में देश के प्रति जागरुकता दर्शित होती है, कुछ अंधविश्वास भी है। हर सिन्धी होजामालो पसंद करता है। बाहरानो के गीत झुलेलाल के प्रसिद्ध गीत हैं। सिर्फ सिन्धी ही इन गीतों में अपनी आत्मा डाल देते है, इसका सुर-ताल इतना अद्वितीय है कि एक बार सुन लेने पर आप भूल नहीं सकते।
सिन्धी शांतिवादी, मेहनती, मेहमानवाज़ खुले दिमाग वाला व्यक्ति होते है। सिन्धियों के मंदिर में आपको श्री राम और श्री कृष्णा के मुर्ती के साथ-साथ शिव और दुर्गा और गुरु नानक की मुर्ती भी मिलेगी। सिन्धी सभी प्रकार के संस्कृति के मानने वाले होते है, एन्टरप्राइजींग और इंडस्ट्रीयस लोग होते है- पूरा विश्वास और साहस के साथ काम करते हैं।

 

सिन्धी पाकशैली का स्वाद

व्यंजनों का मिलान सिन्धी पाकशैली के लिए महत्वपूर्ण है। बहुत सालों से अच्छा रह जाता था और बार-बार एक साथ पेश किया जाता था। इस तरह के व्यंजनों के उदाहरण में साई भाजी पुलाव के साथ अनेक अन्य व्यंजनों के साथ दिया जाता है। इस व्यंजन के साथ फ्राई भिन्डी दही आदि साधारणतः इस्तेमाल होता है।

  •डोडो बाजरे का रोटी है जिसमें सभी तरह के मसालें डालें जाते है, और पकाया जाता है। यह तवे के ऊपर साधारणतः पकाया जाता है और लहसुन और पुदीने के चटनी के साथ परोसा जाता है।
  •सेयल पालो टमाटर और प्याज़ से बनता है, यह चपाती के साथ अच्छा लगता है। बहुत कम लोग इस व्यंजन को उसी तरह पकाना जानते है जैसे असली में पकाया जाता है। उसमें जो मछली होता है वह तेल से भरपूर होती है, आपको तेल के बारे में सोचकर सर्तक रहना पड़ेगा, नहीं तो ग्रेवी तैलिये हो जायगी।
  •सेयल डबरोटी ब्रेड या चपाती का आधार मिश्रण है लहसुन, धनिया और टमाटर। यह नाश्ते का व्यंजन है। यह टमाटर और प्याज़ के साथ पकाया जाता है। सिन्धी व्यंजन बनाने का यही सही परम्परागत तरीका है।
  •लोलो गेहुँ के आटे में थोड़ा नमक डालकर गूंदा जाता है। इसमें थोड़ा चीनी का सिरप डालकर मक्खन या घी से गूंदा जाता है। उसके बाद तवे पर धीरे-धीरे पकाया जाता है। लोलो पकाने के बाद एक चौथाई इंच मोटा होता है।
  •सिन्धियों का विशेष ब्रेकफास्ट है दाल पकवान यह हज़म करने में मुश्किल होता है क्योंकि यह डीप फ्राई किया जाता है।
  •सिन्धी टमाटर और प्याज़ का इस्तेमाल करते हैं, सब्जियाँ साधारणतः इसी बेस से बनती हैं।
  •सिन्धी कड़ी बेसन और इमली से बनती है। इसमें बहुत तरह की सब्ज़ियां डाली जाती हैं- बैंगन, कद्दु, सूरन, भिंडी, और आलू। यह सादे चावल और मीठी बूंदी के साथ परोसी जाती है।

सिन्धी त्योहार

सिन्ध में साधारणतः सोमवार और शनिवार को जियारास या उमास के लिए व्रत किया जाता है। सत्यनारायण के उपवास के समय और नौ दिनों का एकान्यास, सिर्फ एक वक्त खाना खा सकते है।

चेती चंद
यह जल देवता (वरुण देवता) का जन्मोत्सव मनाया जाता है, साई ऊठेरोलाल के नाम से प्रचलित है। सिन्ध में नए साल के शुरु को चेती चंद के रुप में मनाया जाता है। कुछ व्यापारी इसी दिन नया खाता खोलते हैं।

सागरा
सिन्धी लोग साधारणतः विदेशों में रहते है इसलिए पत्नियाँ अपने पति के स्वास्थ्य के लिए चिन्ता करती है। इसलिए वे सावन महिने के चारों सोमवार को उपवास करके पूजा करती है। मीठे चावल बाँटती है और पवित्र धागा पुजारी से बंधवाती हैं।

तीजरी
यह सावन के महीने में होता है जब विवाहित महिलायें और लड़कियाँ अपने हाथों और पैरों को मेंहदी से सजाती हैं, पूरे दिन उपवास करती हैं, झूला झूलती हैं और प्यार के गीत गाती हैं। रात को चाँद देखने के बाद ही व्रत तोड़ती हैं।

अखन तीज
इस दिन मिट्टी के बर्तन में पीने का पानी रखा जाता है और हर किसी को पानी पिलाया जाता है। यह दिन महत्वपूर्ण इसलिए है कि प्यासे को पानी पिलाया जाता है। रास्ते के हर कोने या नुक्कड़ पर शरबत, सेब के टुकड़े के साथ राहगिरों को प्रसाद के रुप में दिया जाता है। इस दिन यह प्रथा है कि पुजारी को नया मिट्टी का बर्तन और फल भेजा जाता है।

उन-माटयो
सावन के महीने में, अनाज दाने में बदल जाता है, गेहूं और चावल की जगह पर बेसन की चपाती बनाकर खाते है।

जन्माष्टमी, रामनवमी और शिवरात्री
भगवान कृष्ण का जन्म मध्यरात्री को हुआ था, मंदिरों में मध्यरात्री से ही भजन-कीर्तन शुरु हो जाता है। राम नवमी के दिन राम का जन्म हुआ था। शिवरात्री के दिन लोग थन्डाई भांग के साथ पीते हैं, यह बनाने के बाद महादेव के मंदिर में उन्हें अर्पित किया जाता है।
इस दिन अभिभावक लड्डू और तिल की बनी चिक्की विवाहित बेटियों के घर भेजते है।

दियारी
दिवाली के दो दिन पहले से लोग दिया जलाने लगते है, ‘धनतेरस’ के दिन से। बाजार भरा रहता है। दोस्तों और रिश्तेदारों क यहाँ लोग मिलने जाते है, मिठाई का आदान-प्रदान होता है।

काटी का गियारास
इस दिन लोग दान देते है। पूरा बाजार भिखारी और जरुरतमंदों से भरा रहता है, जो मदद के लिए कपड़ा फैलाये रहते है। लोग अपने हैसियत से रुपया,फल, भुगरा देते है।

लाल लोई
इस दिन बच्चें अपने दादा, दादी, नाना, नानी, बूआ या बड़ों से छड़ी लेकर रात को बोनफायर करते हैं और लोग नाच-गान, खेल कर आनंद उठाते है। जिन औरतों की मन्नतें पूरी होती है वे नारियल चढ़ाकर उसका प्रसाद बाँटती है।

सिन्धी और भी कई त्योहार मनाते हैं, रक्षाबंधन, दशहरा, दिवाली, होली---- अब आप सिन्धियों के भोज का आनंद उठाने के लिए तैयार रहें....


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MasterChef Sanjeev Kapoor

Chef Sanjeev Kapoor is the most celebrated face of Indian cuisine. He is Chef extraordinaire, runs a successful TV Channel FoodFood, hosted Khana Khazana cookery show on television for more than 17 years, author of 150+ best selling cookbooks, restaurateur and winner of several culinary awards. He is living his dream of making Indian cuisine the number one in the world and empowering women through power of cooking to become self sufficient. His recipe portal www.sanjeevkapoor.com is a complete cookery manual with a compendium of more than 10,000 tried & tested recipes, videos, articles, tips & trivia and a wealth of information on the art and craft of cooking in both English and Hindi.