मकई प्री-कोलम्बियन मेक्सिकन लोगों का मुख्य स्टेपल था। यह स्थानीय और अधिक मात्रा में उगाया जाता था इसलिये वे इससे कई प्रकार के डिशेज़, जैसे तॉरतियाज़ और तामालेज़, बनाते थे। तॉरतियाज़ में कई प्रकार के सामग्रियाँ जैसे मीट, चावल, बीन्ज़ और सब्ज़ियाँ या इन सभी का मिश्रण भरा होता था।
मेक्सिकन अपने खाने में कई तरह की मिर्चियों के उपयोग के लिये भी जाने जाते हैं, जिनमें से सबसे लोकप्रिय है ऐलेपेनोज़। वे इन्हे दूसरे हर्ब्स् के साथ मिलाकर अपने डिशेज़ में अधिक स्वाद और तीखापन लाने के लिये इस्तेमाल करते हैं, और यह तरीका आजभी जानामाना है।
उन दिनों खेती-बाड़ी मिक्स्ड-क्रॉप विधि से किया जाता था। इस विधि में कई प्रकार के फसलों को एक ही जगह पर उगाया जाता था। और भी क्या कि उन सभी को एक ही समय काटा भी जाता था। यह विधि मिट्टी को न्यूट्रियेन्ट से भरपूर बना देता था क्योंकि हर फसल अलग प्रकार का न्यूट्रियेन्ट का प्रयोग करता था। उदाहरणस्वरूप मकई, मिर्च, बीन्ज़ और स्क्वाश जैसे फसलों को एक साथ ही उगाया जाता था।
मिक्सिको की विजय के बाद, उनकी भोजन की संस्कृति भारत और स्पेन के साथ व्यापार की वजह से काफी प्रभावित हुआ। मेक्सिको से चावल, ऑलिव, वाइन, भारतीय मसाले, बीफ और कई प्रकार के फलों का परिचय करवाया गया। कुछ जानवर जो आज मेक्सिको में सामान्यतः रूप से प्रयोग किये जाते हैं, जैसे सुअर, घोड़े, गाय, भेड़, बकरी और मुर्गी, उनके बारे में उन दिनों कुछ भी पता नहीं था। स्पेन के लोगों ने मेक्सिको को और भी मसालों, जैसे काली मिर्च पावडर, ऑलिव आइल, दालचीनी, धनिया के पत्ते और ऑरेगैनो, से भी परिचय करवाया।