इसका विशिष्ट स्वाद दूसरे भारतीय पाकशैली से मंगलोरियन पाकशैली को अलग करता है। साधारणतः मैंगलोर का खाना मसालेदार होता है और बहुत सारा ताज़ा नारियल चावल के साथ दिया जाता है जो पूर्ण स्टेपल फूड बन जाता है। माँसाहारी मछली का सेवन नियमित रूप से करते हैं। सबसे लोकप्रिय फल जो विभिन्न रेसिपी में इस्तेमाल होते हैं - वह है कटहल, बैम्बू शूट, ब्रेड फ्रूट, कच्चा केला, मीठा खीरा जिसे टाउटी कहते हैं।
मंगलोरियन डेज़र्ट में अच्छी मात्रा में मीठे का इस्तेमाल होता है जो चीनी के जगह पर खजूर के गुड़ का इस्तेमाल करते हैं। मगर इसके साथ मूल सामग्री जो मंगलोरियन व्यंजन में स्वाद लाता है वह है कच्चा आम, इमली और कोकम।
कुछ सबसे लोकप्रिय मंगलोरियन व्यंजनों में इडली सांभर, काने (लेडी फिश) करी, कोरी रोटी, ओले बेला (खजूर का गुड़) और मीठे व्यंजनों में हलवा तीन स्वादों में पाया जाता है - अमरुद, गेहूँ और केला तथा गड़बड़ आईसक्रीम पाया जाता है।
मैंगलोर का मूल धर्म ईसाई धर्म है, मंगलोरियन कैथलिक क्विज़िन मंगलोरियन गोआ और पूर्तगीज क्विज़िन से बहुत प्रभावित है। मैंगलोर में रोमन कैथलिक कोंकणी लोग होते हैं इसलिए मुख्यतः गोवा की प्रथा और परम्परा मानी जाती है।
कुछ लोकप्रिय मंगलोरियन कैथलिक व्यंजन हैं - बालथाजार चटनी, पोलु (सांभर की तरह है) के साथ गालम्बी (पावडर किया हुआ सूखा मछली) या कमबूलमस (सूखा टूना), फोडे (परम्परागत अचार), पाइल पाइओ (तेल में उबला हुआ सब्ज़ी), करम्ब (खीरा सलाद), फोका (काजू के साथ भिंडी), अप्पम (राईस बॉल), पानपोल (कॉनगी की तरह), थंत बाकरी (लाल उबला चावल कच्चा खरोंचा नारियल के साथ मिला हुआ और केला के पत्ता के ऊपर तावा में भूना हुआ) और मिटास, मंडास, ऊशे, मीटे और मानी जैसे मीठे व्यंजन।
मंगलोरियन कैथलिक का मुख्य अंश क्रिसमस है और क्रिसमस के सामानों के लिए एक शब्द का प्रयोग किया जाता है वह है कुसवार जो फेस्टिव क्विज़िन का ज़रूरी अंग है। कुछ परम्परागत क्रिसमस की मिठाईयाँ है नेऊरीस (खजूर, नट, तिल और चीनी का स्टफ), किड़यो/कूसकूस (चीनी के राब में डुबाया हुआ), पाथेकास (नंनदाकाई केला का हरा नमकीन), थील लड्डू, गोलिओस, मैकरून्स, रोज़ कुकीज़, प्लम केक और पात्रोडे/पाथराडे (चावल, दाल, गुड़, नारियल और खजूर कोलोकेसिया के पत्ते में स्टफ किया हुआ)।