गुजरात का भोजन अधिकतर शाकाहारी और सरल होता है। पलसेस, दाल और अनाज का अधिकतर प्रयोग होता है। हालांकि गुजरात को एक लंबा समुद्र तट होने के साथ-साथ मछली और शेलफिश की अनंत आपूर्ति है, फिर भी वहाँ ज़्यादातर लोग जैन धर्म का पालन करते हैं। और धर्म के सख्त आदेश के अनुसार मांसाहारी भोजन खाना निषिद्ध है। शायद यही एक कारण है कि गुजराती शाकाहारी खाना पकाने की कला में माहिर हैं। वे सबसे सरल सामग्रियों से सबसे स्वादिष्ट व्यंजन बना सकते हैं और इसमें एक विशाल विविधता है। खाना पकाना सामग्रियों की उपलब्धता के आसपास घूमता है। पश्चिमी गुजरात या सौराष्ट्र सूखा है और इधर ताज़ी सब्ज़ियों का मिलना मुश्किल होता है। सौभाग्य से इस प्रायद्वीप का मिश्रित खेती भरपूर मात्रा में डेयरी उत्पादों का खाता खोलता है इसलिए यहां भोजन अभी तक साधारण होते हुये भी पौष्टिक है। ताज़ी सब्जियों की कमी होने के कारण यहाँ नमकीन बनाना और निर्जलित सब्ज़ियों का उपयोग करना आम बात है। सेंट्रल गुजरात, जो है अहमदाबाद और खेड़ा, गुजरात का अन्न भंडार है जहाँ के अधिकतर लोग खाद्यान्न के खेती करने में ही लगे होते हैं। नतीजतन उनका भोजन चावल, दाल, बाजरा और इसी प्रकार के अन्य अन्न पर आधारित है। सूरत क्षेत्र में अच्छी वर्षा होती है और इसके परिणामस्वरूप यहाँ प्रचूर मात्रा में हरी सब्ज़ियां, आम के बाग, केले, चीकू और चकोतरे पाये जाते हैं। यहाँ के लोग स्वादिष्ट भोजन पसंद करने वाले होते हैं और अच्छा खाना पसंद करते हैं। व्यंजन के रूप के साथ-साथ स्वाद की भी अच्छी तरह से देखभाल की जाती है। बेकरी की दुकानें और अन्य मिठाइयों का विशाल प्रदर्शन खाद्य प्रेमियों को उनकी उंगलियाँ चाटने के साथ-साथ अधिक खाने के लिये मजबूर कर देते हैं। खोजा, गुजरात में मुस्लिम समुदाय का एक बड़ा हिस्सा, का आकर्षक व्यंजन होता है जिसमें मुख्य रूप से मांसाहारी भोजन होता है पर वह लोकप्रिय मुगल भोजन से अलग होता है। हालांकि इसमें कुछ गुजराती प्रभाव होते हैं फिर भी यह अलग है। हालांकि हींग गुजराती भोजन का एक अभिन्न अंग है, पर यह खोजा भोजन में अनुपस्थित है जबकि हारा मसाला व्यावहारिक रूप से हर दूसरे पकवान में डाला जाता है। गुजरात का भोजन काफी हद तक त्योहारों, अवसरों और मौसमों को ध्यान में रख कर ही बनाया जाता है। गुजराती व्यंजन में स्वाद, प्रस्तुति और खाना पकाने की तकनीकों के बारे में काफी कुछ बताया जाता है। एक ठेठ भोजन में गेहूं के आटे या बाजरे के आटे से बनी रोतली या ब्रेड, एक शाक या सब्ज़ी का पकवान, दाल, चावल, छास का एक ग्लास और एक मिठाई होता है। इस क्षेत्र की सभी व्यंजनों में एक आम बात होती है और वह ये है कि उनमें मिठास की एक छोटी सी रंगत होती है – और यह इसलिये क्योंकि गुजराती पकवान में गुड़ का प्रयोग किया जाता है। एक गुजराती घर में स्नैक्स् भी उतने ही आवश्यक हैं जितने की मुख्य मील जैसे दोपहर और रात का भोजन। गुजराती व्यंजन, सर्दियों और गर्मियों के लिए विभिन्न व्यंजनों के साथ, काफी हद तक मौसम पर भी निर्भर करता है। जबकि अधिकतर भोजन भाप में बना हुआ और स्वस्थ होता है, पर कुछ चीज़ें तली हुई भी होती हैं। खाखरा और थेपला अधिकतम स्वस्थ होते हैं और आजकल भारत भर में और विदेश में भी दुकानों में आसानी से उपलब्ध हैं। पोषण के सभी पहलू जैसे कार्बोहायड्रेट्स्, प्रोटीन्स्, फैट्स्, विटामिन्स् और मिनरल्स् जो कि चपाती, चावल, सब्ज़ियाँ, दाल, सलाद, मीठा और दूध की पदार्थों से मिलते हैं, गुजराती खाना कुछ बहुत ही स्वस्थ संयोजन प्रदान करता है। एक पूर्ण गुजराती मील खायें और अपने स्वाद के सभी छह होशों को संतुष्ट करें।
धोकला: बेसन से बना यह स्नैक इतना लोकप्रिय है कि इसका प्रयोग बहुत बार गुजरातियों को बुलाने के लिये किया जाता है। फरमेन्ट किये हुये बेसन के बैटर को स्टीम किया जाता है और फिर उसमें कुछ मसालों के साथ तड़का मारा जाता है। इस मीठे, तीखे और नमकीन स्नैक को दिन के किसी भी समय खाया जाता है।
फाफड़ा: ये कुरकुरे तले हुये बेसन के मसालेवाले लोई से बने हुये लम्बे स्ट्रिप्स् गुजरात के सबसे लोकप्रिय ब्रेकफास्ट आइटम में से एक हैं। इन्हे कई बार चटनी और जलेबियों के साथ परोसा जाता है।
उन्धियो: यह सर्दिंयों के मौसम में गुजरात के हर घर में बनने वाली सब्ज़ी है जिसे मौसम में पाई जाने वालीं कई सब्ज़ियों और तले हुये बेसन के गोले, जिन्हे मुठिया कहा जाता है, के मिश्रण से बनाया जाता है।
खान्डवी: यह बेसन और दही के मिश्रण से बना एक नमकीन पिनव्हील स्नैक है जिसे बाद में तिल के दाने और सरसों के दानों से तड़का मारकर, धनिया पत्ते और नारियल से सजाकर परोसा जाता है।
दूधी ना मुठिया: ये कसे हुये दूधी/लौकी, बेसन, आटा और कुछ मज़ेदार मसालों से बने डम्पलिंग्स् होते हैं। इन्हे एक स्नैक की तरह खाने के साथ-साथ किसी मील के साथ भी खाया जा सकता है।
थेपला: ये रोटियों कि तरह ही होते हैं, बस इनमें ताज़े मेथी के पत्ते और मसाले भी डाले जाते हैं। इन्हे अधिकतर एक मीठे कसे हुये आम के अचार या चटनी, जिसे छुंदा कहा जाता है, के साथ खाया जाता है।
दाल ढोकली: ये अपने आप में ही एक सम्पपूर्ण मील होता है। रोटी की तरह चपटी, मसालेदार आटे के डम्पलिंग्स् के टुकड़ों को एक गाढ़े मीठे और तीखे दाल में सोखा जाता है।
सेव टमेटा नू शाक: यह डिश टमाटर और बेसन के पतले तले रेशे, जिन्हे सेव कहा जाता है, से बनाया जाता है। सेव स्वादिष्ट टमाटर की करी से सभी स्वाद को सोख लेते हैं और यह चावल और रोटी के साथ खाने में बहुत अच्छा लगता है।
ओसामन: पानी जैसी पतली, पर स्वाद और पोषण से भरी गुजरात की एक रेसिपी।
मोहनथाल: हर टुकड़े में बसे कुरकुरे ड्राइड फ्रूट्स से बना एक स्वादिष्ट बेसन की बर्फी।