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अगर आप गर्म और मसालेदार नॉन-वेजिटेरियन खाना पसंद करते हैं तो आपको चेटिनाड खाने का स्वाद लेना चाहिए, जो तमिलनाडु की विशेषता है। चेटिनाड खाने में मछली, चिकन या मटन कुछ भी हो, उसका स्वाद ताज़ी पिसी कालीमिर्च, मिर्च, लहसुन, अदरक, और संतुलित मात्रा में तेल डालकर जो व्यंजन बनता है, उसकी अलग ही विशेषता है।

चेटिनाड के कुछ व्यंजन हैं - ननारी शरबत और नोन्गु गर्मी के ड्रिंक हैं जो शरीर की गर्मी कम करते हैं। चिकन चेटिनाड (प्याज़ और टमाटर के ग्रेवी में कड़ी पत्ते, धनिया और पिसे हुए मसालों के साथ चिकन के टुकड़ों को पकाया जाता है), अप्पु चिकन दोसाई और मदुराई कोट्टु पोरट्टा- रिवर फिश ग्रेवी, पाया ग्रेवी और मटन लिवर फ्राई के साथ खाना चाहिए। चेटिनाड के कुछ व्यंजन है पालाटुर मटन मसाला, मदुराई माल्ली चिकन, चिकन 88, अप्पु कारुभाट्टू धोक्कू (सूखा मछली से बनाता है), विराल फिश फ्राई और नाट्टु कोज़ी मिलागु वारुवल।

चेटिनाड पाकशैली की जड़े
चेटिनाड पाकशैली तमिलनाडु के दक्षिण प्रांत से आया है। अनुसंधान करके पता लगा है कि यह नेदुनगुडी नामक छोटे गाँव से है, जहाँ के चेटिनाड के रसोइये परम्परागत रूप से आते हैं। नेदुनगुडी चेन्नई से छह सौ किलोमीटर दक्षिण में स्थित है, रसोइये और उनके सहायकों का गाँव। आज भी आठ सौ रसोइये और साम्याल मैस्ट्रीस (हेड कुक) यहाँ से ही आते हैं। वहाँ के रसोइयों द्वारा मसालों का नाप, उनकी तकनीक और अंतिम स्पर्श चेटिनाड को अतुलनीयता प्रदान करता है। पड़ोस के गाँव रायापुरम, मेलापट्टी, कांदानुर और अज़ागापूरी भी रसोइये शहरों को देते हैं, यही उनका व्यापार है।

यात्रा और प्रभाव
चेटिनाड पाकशैली जाने-माने नॉन-ब्राह्मिण तमिल कम्युनिटी चित्तियार को नाम प्रदान करता है। चित्तियर दक्षिण तमिलनाडु के रामानाद ज़िले से दक्षिण पूर्वी एशिया में अपने घरों को छोड़कर ट्रेडर और मनीलेन्डर का काम करने जाते हैं। वहाँ से रुपया कमाकर लाकर वे बर्मा टीक से बड़े घर बनाते हैं जिसको नाट्टुकोटाई चित्तियर (गाँव का मकान) कहते हैं। चित्तियर के धन और सम्मान पाकशैली को बढ़ावा देते हैं। चित्तियर के घर बर्मा के टीक से और पीतल और स्टील के बर्त्तनों से सजाए रहते हैं जो औरतों के घर से दहेज-स्वरुप आया हुआ होता है। चेटिनाड व्यंजन की सामग्रियाँ पुरुष दक्षिण पूर्वी एशिया से लाते हैं। फूलचक्री (स्टारअनीज़) एक चीनी मसाला है। बर्मा का रेड राइस, हरा चना, नारियल मसाला, चीनी और घी से बनता है जिसको कावुनारिसी कहते है, जो मीठे से भरपूर होता है। कावुनारिसी, गर्वनर राइस (एक समय यह चावल सिर्फ गर्वनर के लिए बनता था) से बनता है। चित्तियर खाने के लिए मांस का जुगाड़ शिकार करके करते हैं। चेन्नई के रेस्तरां में खरगोश और विभिन्न प्रकार के चिड़ियों का व्यंजन अब कम हो गया है।

आज का चेटिनाड खाना
चित्तियार शाकाहारी व्यंजनों के लिए भी जाने जाते हैं लेकिन उनके रेसिपी में सभी प्रकार कि मछलियाँ, पक्षी और मीट, नूडल्स जैसे व्यंजन और बड़ी सावधानी से धूप में सुखाए गए दालें और बेर को चित्तियार की महिलाऐं करी बनाती हैं। सत्य तो यह है कि चेन्नई में चेटिनाड का राज है। जो भी रेस्तरां शुद्ध शाकाहारी नहीं है, वहाँ बोर्ड पर चेटिनाड स्पेशिलिटी लिखा रहेगा।

रोज़ के खाने का स्वाद
चित्तियार खाना बड़े केले के पत्ते पर परोसते हैं। बड़ा स्तुपाकार चावल के दोनों तरफ शाकाहारी व्यंजन, अचार, पापड़, एक चिकन ग्रेवी जो वेटर छोटे सी बालटी में लाकर चावल के बीच करी को डालेगा। मसालेदार, स्वादिष्ट व्यंजन चिकन दाल और करी के जगह पर प्रयोग होता है। यह सभी मीट के आस-पास आता है – तीखा मटन, कुरकुरा तला हुआ कलेजी, लाल मिर्च से भरपूर झींगे, कई प्रकार के पक्षी के व्यंजन - चिकन, बत्तख, टर्की, कबूतर, तीतर। फिर कई प्रकार के अचार आते हैं, विशेषकर पावडर आते हैं, ड्राई स्नेक्स, पापड़, अप्पलम और वड़ा। आजकल कई दुकानों में पहले से पैक किये हुए मुरुकु, चिप्स, थटाई, मसाला वड़ा आदि मिलते हैं।

मांसाहारियों की प्रधानता
चित्तियारों का मीट के प्रति प्यार किफायत के साथ- यह उलझन पैदा कर देता है..... जवाब आर्गन मीट के महत्व पर निर्भर करता है। लिवर, किडनी, स्वीटब्रेड, ब्रेन, कोई भी आर्गन बरबाद नहीं होगा। चेटिनाड मेनु में सबसे लोकप्रिय व्यंजन है – वारुवल - चिकन का सूखा व्यंजन, मछली और प्या़ज़ और मसालों में भूना हुआ। पोरियाल और कुझुम्बु का करी नारियल का दूध और मसाले के ग्रेवी से बनता है।

विशेष प्रकार की सूखी सब्ज़ी
सूखा स्थल चित्तियर के व्यंजन के लिए दूसरा महत्वपूर्ण कारण है - सूखी सब्जिंयों को वथ्थल कहते हैं। जिस मौसम में जो सब्ज़ी उगती है उसको महीनों तक धूप में सुखाकर रखा जाता है। सब्ज़ी बनाने के अलावा चावल, गेहुँ, सागो और रागी को आटे की तरह गूंद कर खाने के पहले पापड़ की तरह भून लेते हैं। वथ्थल उन पुरूषों के लिए लाभदायक है जो तीन साल के लिए व्यापार के लिए बाहर जाते हैं। जल्दी बनाने वाले व्यंजनों में-वथ्थल कुझुम्बु की करी है।

चावल की भूमिका
चेटिनाड में व्यंजनों में चावल की भूमिका महत्वपूर्ण है (रागी पैदा भी होता है और खाया भी जाता है)। पीसकर इडली और दोसा भी बनाया जाता है, लेकिन चित्तियार का स्पर्श ज़रूर होगा। उदाहरणस्वरुप दोसाई ग्रिल के लिए केले के पत्ते पर तेल लगाकर रोल करें, चित्तियर दावा करते हैं कि इससे अच्छा स्वाद होता है। पानियाराम खट्टा किया हुआ चावल के घोल से बना होता है, जैसे इडली और हल्का फ्राई किया हुआ। चावल को पीसकर नूडल्स की तरह चित्तियार का दूसरा व्यंजन इड्डिअप्पम है। बरमीज़ रेड राइस से दूसरा तरह का विशेष रंगीन इड्डिअप्पम बनता है।

यहाँ कुछ चेटिनाड के विशेष व्यंजन दिए जा रहे हैं, जो मिक्स और मैच करके ग्रेट सन्डे मील बन सकते हैं।


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MasterChef Sanjeev Kapoor

Chef Sanjeev Kapoor is the most celebrated face of Indian cuisine. He is Chef extraordinaire, runs a successful TV Channel FoodFood, hosted Khana Khazana cookery show on television for more than 17 years, author of 150+ best selling cookbooks, restaurateur and winner of several culinary awards. He is living his dream of making Indian cuisine the number one in the world and empowering women through power of cooking to become self sufficient. His recipe portal www.sanjeevkapoor.com is a complete cookery manual with a compendium of more than 10,000 tried & tested recipes, videos, articles, tips & trivia and a wealth of information on the art and craft of cooking in both English and Hindi.