औमबोल: औमबोल मीठा और खट्टा व्यंजन होता है जो साधारणतः कई प्रकार की सब्ज़ियाँ, फल या मछली से बनता है और इमली का गूदा खट्टापन लाने के लिए डाला जाता है।
भाजा: इस तकनीक में सब कुछ फ्राई किया जाता है या तो खुद ही या बैटर में। बेगुन भाजा बंगाली थाली में लोकप्रिय है।
भापा: भापा मतलब खाने को भाप में पकाना। साधारणतः मछली या सब्ज़ी को तेल या मसाले में भाप में पकाया जाता है। इसका क्लासिक तरीका है मछली को केले के पत्ते में रैप करके भाप में पकाये, इससे उसमें हल्का धुएं का महक आएगा। भापा दोई या भाप में बना दही इस परम्परागत बंगाली चीज़ केक को इस तरह बनाया जाता है।
भाते: कोई भी सब्ज़ी, जैसे - आलू, बीन्स, कद्दू, यहाँ तक कि दाल को पहले पूरा उबाल लें और मैश करें और सरसों के तेल या घी और मसाले से तड़का मारकर भाते व्यंजन बनता है।
भूना: उर्दू से उद्भुत शब्द, मतलब लंबे समय तक पीसे और बिना पीसे मसालों के साथ तेज़ आँच पर फ्राई करना। यह मीट के लिए इस्तेमाल होता है। भूना गोश्त लोकप्रिय मीट रेसिपी है जो इस तरह पकाया जाता है।
चोरचोरी: सब्ज़ी का व्यंजन है जहाँ एक या कई तरह के सब्ज़ियों को लंबा-लंबा काटा जाता है, कभी-कभी पत्तेदार सब्ज़ी का डंठल भी रहता है, सबको सरसों या खस खस मसाले के साथ फोड़ोन डालकर पकाया जाता है। भेटकी या चितोल जैसे बड़े मछली की त्वचा या हड्डी चोरचोरी में डालकर इसे पकाया जाता है, उसे काँटा चोरचोरी कहते हैं, काँटा का मतलब मछली की हड्डी होता है।
छेंछड़ी: यह तरह-तरह की सब्ज़ियाँ, मछली के सर का अंश और मछली के तेल से बनता है।
छेंछकी: एक या अनेक सब्जियों को छोटा-छोटा काटकर कभी-कभी छिलके के साथ (आलू, लाऊ, कद्दू या पटोल) पंच फोड़ोन, राई, या काला जीरा का छौंक मारकर पकाया जाता है। कटा हुआ प्याज़ या लहसुन का इस्तेमाल भी स्वाद के लिए डाला जाता है लेकिन पीसे हुए मसाले का इस्तेमाल नहीं होता है।
डालना: सब्ज़ी का मिश्रण या अंडा मध्यम घने ग्रेवी में, पीसा हुआ मसाला, विशेषकर गरम मसाला डालकर घी के स्पर्श के साथ डालना बनाया जाता है। मशहूर छानार डालना की रेसिपी भी इसी तरह बनाई जाती है।
दम: सब्ज़ियाँ विशेषकर आलू, मीट को बर्तन में ढक कर धीरे-धीरे कम आँच में पकाया जाता है। बंगाल का आलूर दम लोकप्रिय आलू का व्यंजन है।
घोंटो: कटे हुए या बारीक ग्रेट किए हुए सब्ज़ियों को दूध में फोड़ोन और पीसे हुए मसालों के साथ पकाया जाता है। सब्ज़ियों मे बंधगोभी, हरा मटर, आलू या केले का फूल, नारियल, काबुली चना का साधारणतः इस्तेमाल होता है। दाल का सूखा बोड़ी को घोंटो में डाला जाता है। घी अंत में डाला जाता है। माँसाहारी घोंटो में मछली या मछली का सर सब्ज़ी के साथ डाला जाता है। मशहूर मूड़ी घोंटो मछली के सर के साथ चावल डालकर पकाया जाता है। कुछ घोंटो बहुत सूखे होते हैं जबकि दूसरे गाढ़े और रसदार होते हैं।
झाल: झाल का मतलब है “गर्म” या “मसालेदार”। झाल का व्यंजन पश्चिम बंगाल के घरों मे मछली या श्रिंप या क्रैब के साथ बनाया जाता है। पहले हल्का भूना जाता है फिर पीसा हुआ लाल मिर्च, पीसा हुआ सरसों और पंच फोड़ोन या काला जीरा का फोड़ोन डालकर बनाया जाता है। यह साधारणतः सूखा-सूखा ही होता है। चावल के ऊपर डालकर खाया जाता है।
झाल मूड़ी: बंगाल का लोकप्रिय स्नैक्स है। मुरमुरा को मसाला, सब्ज़ी और कच्चा सरसों के तेल के साथ बनाया जाता है। आप क्या डाल रहे हैं इस पर झाल मूड़ी कई तरह का होता है, साधारणतः कटा हुआ प्याज़, भूना हुआ जीरा, काला नमक, मिर्च (कच्चा), या शूकनो (सूखा), सरसों का तेल, धोने पाता (ताज़ा धनिया पत्ता) डालकर बनाया जाता है, जिसे भोर्फा कहते है।
झोल: हल्का मछली या सब्ज़ियों का शोरबा, जिसमें पीसे हुए मसाले के साथ अदरक, जीरा, हल्दी डालकर बनाया जाता है और झोल में लंबी कटी हुई सब्ज़ियाँ तैरती हुई नज़र आती हैं। पूरा हरा मिर्च अंत में डाला जाता है और हरा धनिया को स्वाद के लिए डाला जाता है। कोलकाता का विशिष्ट है माछेर झोल, ज़रूर खाकर देखें।
कालिया: बहुत सारे तेल में मछली, मीट, या सब्ज़ियों को पकाया जाता है| घी के साथ पीसा हुआ अदरक, प्याज़ और गरम मसाला डालें, यह अच्छा स्वाद लाएगा।
कोफ्ता (या वड़ा): पीसा हुआ मीट या सब्ज़ियों को मसाले के साथ बाँधकर या अंडे को अकेले या ग्रेवी के साथ बनाएँ।
कोरमा: उर्दू का दूसरा शब्द, मतलब मीट या चिकन को हल्दी दही के सॉस के साथ तेल के जगह पर घी के साथ पकायें। मुर्ग या गोश्त कोरमा प्रसिद्ध कोरमा है।
लूची: यह आटे का ब्रेड है। बंगालियों को इस पर गर्व है। यह पूरी का ही एक रूप है।
मोआ: यह परम्परागत बंगालियों का स्नैक्स है। मूड़ी को गुड़ के साथ बाँधकर गोला बनाया जाता है। दूसरा लोकप्रिय मोआ है जॉयनॉगोरेर मोआ, यह मोआ पश्चिम बंगाल के जॉयनॉगोर में खोआ और चीनी दूध मसाले से बाँधकर बनाया जाता है।
पोड़ा: पोड़ा मतलब जला हुआ। सब्ज़ियों को पत्ते में रैप करके लकड़ी या कोयले के आग में भूना जाता है, जैसे बैंगन को सीधे आग पर रख कर पकाया जाता है। भूने हुए सब्ज़ी को खाने से पहले तेल या मसाले के साथ मिलाकर खायें।
शूक्तो: यह कड़वा व्यंजन है जो नीम या दूसरे कड़वे पत्ते, करेला, बैंगन, आलू, गाजर और कच्चे केले के साथ मसाले में अदरक, सरसों और राधुनी का पेस्ट डालकर बनाया जाता है।
तॉरकारी: यह शब्द बंगाल में व्यवहृत होता है जिसको अंग्रेज़ी में करी कहते हैं। मूलतः यह परसिअन शब्द है जिसका मतलब है बगीचे के अनपके सब्ज़ी। इसको बाद में अर्थ बदलकर कहा जाता है- पके हुए सब्ज़ी या मछली और सब्ज़ी एक साथ पकाया हुआ।
स्वादिष्ट व्यंजन:
बंगाल की संस्कृति की विशिष्टता उसके खाने से है, पूरे विश्वभर में बंगाल के खाने की चर्चा है। अगर कोई पश्चिम बंगाल की संस्कृति को अनुभव करना चाहता है तो उसे परम्परागत बंगाली व्यंजन से शुरू करना होगा। यहाँ हम कुछ परम्परागत बंगाली व्यंजन को प्रस्तुत कर रहे हैं।