भोजन की पवित्र गली
यह डिश बनारस में इतना लोकप्रिय है कि इसके पीछे उधर की एक पूरी गली का नाम है। कचौड़ीवाली गली, काशी विश्वनाथ मंदिर के पास, वह जगह है जहाँ खाना पसंद करनेवालों को मोक्श प्राप्त हो सकता है! एक तीखा दालों से बना स्टफ्फिंग के साथ कुरकुरी तली हुई पूरियों के साथ परोसा गया कई तरह से बना हुआ आलू की सब्ज़ी और असंख्य किस्म की चटनियाँ। यह दुकाने इस ब्रेकफास्ट को, जो एक मील की तरह ही होता है, परोसने के लिये सुबह 6 बजह से खुल जाती हैं।
चाय – क्योंकि घाट का पानी काफी मेनस्ट्रीम है!
इस शहर के तत्व को पूरी तरह से सोखने का सबसे अच्छा तरीका है किसी भी रस्ते पर या बड़े घाट के किनारे किसी चारपाई पर चढ़कर बैठ जायें और एक मिट्टी के कुल्हड़ में चाय पीयें। ये अर्दी स्वाद वाले चाय के पॉट्स् न केवल आपके सेन्सेस को जगा देगा, बल्कि ये वाराणसी जैसे हलचल वाले शहर में काफी किफ़ायती और स्वच्छ भी हैं।
सबसे बढ़िया चाट्स्
शहर के बाकी सभी चीज़ों की तरह, बनारस के चाट भी किसी भी जगह में पाये जाने वाले चाट से अलग होते हैं। सामान्य गोलगप्पे और सेव पूरी जैसी चीज़ों की उम्मीद न करें, बल्की मज़्ज़ेदार कुरकुरे तले हुये पालक की चाट पर दही और चटनियाँ डली हुईं और सभी का मनपसंद टमाटर की चाट, जो टमाटर के टुकड़ों पर मसाले और कुरकुरे नमक पारे डालकर बनाये जाते हैं, का लुत्फ उठायें।
मलइय्यो मार के
गाढ़ी लस्सी, उस से गाढ़ा दूध मलाई, गरम मीठा दूध और ठंडा भांग – इस पवित्र शहर में दूध और उस से बने उत्पादों की कमी नहीं है। 75 किस्म से अधिक प्रकार के लस्सी के लिये जानामाना, विश्वनाथ गली में ब्लू लस्सी स्टॉल स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिये एक अड्डे की जगह है। यदि आप मलइय्यो या गाढ़े दूध मलाई की खोंज में हैं तो, उसमें डुबोकर खाने के लिये कुरकुरी जलेबी को लेना न भूलें!
सदियों से चीज़ों को मसालेदार बना रहा
यह जीवन के कुछ उन महत्व चीज़ों में से है जो यदि आप यहाँ न हों तो मिस करेंगें। बनारस में किसी भी तरह के नमकीन के साथ खाये जाने वाला, यह लाल मिर्च का अचार मिर्चियों, राई के तेल, सौंफ और मेथी के दानों से तीखापन लेकर एक पंच डाल देता है।
मिश्ठान का भंडार
वाराणसी के घाट अनगिनत प्रकार और स्वादिष्ट मिठाइयों को आपको परोसता है, तो ध्यान रहे कि आप उनके लिये एक ऐपटाइट लेकर चलें। ठंडे गाढ़े मलाई के साथ परोसे जाने वाली कुरकुरी जलेबियाँ, कुरकुरे मीठे बालूशाही, कई तरह के रंगीन पेढ़े – और क्या चाहिये आपको!
सीधी कर दे सबकी चाल – पान बनारसवाला
क्या यह अनुचित नहीं होगा कि हम इस कहानी का अंत कर दें बिना एक क्लासिक बनारस पान के बारे में बात करके? जिसके बारे में श्री बच्चन ने भी कहा है कि यह बंद अकलों को खोल देता है और टेढ़े लोगों को सीधा कर देता है! बनारस में कोई भी अच्छा मील एक पान के साथ ही समाप्त होना चाहिये क्योंकि इस शहर की शानदार साइट्स् और साउन्ड्स् की तरह इसका स्वाद भी आपके पैरों तले ज़मीन खिसका देगा और आपको अचंभित कर देगा, हमेशा!
तो आप अपने रसोईघर में बनारस के जादू को sanjeevkapoor.com पर इन रेसिपियों के साथफिर से दोहरायें!