
अब जब हमें सूप्स की मूल बातें पता चल गई हैं, एक बाउल सूप के बारे में सोचने की कोशिश करें तो दिमाग में सबसे साधारण छवि एक गरमागरम टोमाटो सूप या चिकन सूप ही बहुमत रूप से भारत के लोगों के मन में आएगी। लेकिन बड़े पैमाने पर कुछ लोकप्रिय कोल्ड सूप्स भी मौजूद हैं। कोल्ड सूप्स पारंपरिक सूप का एक विशिष्ट रूप है जिसमें सूप के तापमान को रूम टेम्प्रेचर पे या रूम टेम्प्रेचर के नीचे रखा जाता है। एक नमकीन चिल्लड सूप का बहुत ही लोकप्रिय उदाहरण है ‘गैज़पैचो’ जो कि स्पेन की एक जानिमानी सब्ज़ियों से बनी सूप है। एक बदलाव के लिए इसकी कल्पना कीजिए। सूप्स के मज़ेदार इनोवेशन, है कि नहीं? फिर भी सुझाव कितना आसान है। कोई भी कर सकता है। सूप के नवदीक्षितों के लिए यहाँ एक सुझाव है - आप अपने सूप के मेनू को बढ़ाएँ चिल्लड सूप्स के बारे में सोचकर, जिनको गर्मियों के दिन ठंडा परोसा जा सकता हो, जैसे क्यूकम्बर बटरमिल्क सूप या आमंड सूप।
मेनू के बारे में बात करते हुए यहाँ कुछ दिलचस्प है, भारतीय सूप इतिहास – प्रथानुसार खाने में सूप की तैयारी भारतीय खाद्य संस्कृति का हिस्सा नहीं था। उत्तर भारत के मुग़ल शासकों ने थिन ब्रॉथ्स और मील के पहले परोसे जाने वाले ग्रेवीज़ के प्रयोग को बढ़ावा दिया। ये शोरबे की तरह ही थे। शोरबे, मीट और सब्ज़ियों को उबलते पानी में विभिन्न प्रकार के खुशबूदार हर्बस् के साथ पकाया जाता था। फिर पतले ब्रॉथ को सब्ज़ियों में से अलग कर के अलग से परोसा जाता था। ये सूप उत्तरी भारत में बहुत लोकप्रिय थे।
हालाँकि, एक ठेठ दक्षिण भारत के मील में चावल और ग्रेवीज़ साथ में परोसा जाता है और अंत में स्वीट डिश परोसा जाता है। अलग से कोई सूप का कोर्स नहीं होता था। भारत में अंग्रेज़ों के आगमन ने इसे बदला और उनके आग्रह से एक इनोवेशन का जन्म हुआ।
उलझन में दक्षिण भारत के शेफ्स् ने रसम के साथ-साथ पतले और हल्के रूप जैसे ‘मुलिगतौनी’ या ‘मेलिगु-थानी’ या ‘पेप्पर वॉटर’ जैसे स्थानीय डिशेज़ को चुना। इन्हे सूप की तरह परोसा गया और जो ब्रिटिशर्स के बीच काफी सफल हुआ।
तबसे ब्रिटिश शासन के सूप ने एक लम्बा रस्ता तय किया है, ज़ाहिर है उसके स्वास्थ्य और स्वादिष्ट कारणों की वजह से। सब्ज़ियों से बने सूप उनके उत्तेजक और स्वास्थ्य के गुणों की वजह से अच्छे होते हैं और वे वॉटर बैलेन्स को सुधारते हैं जिससे ब्लड प्रेशर और सॉल्ट कन्टेन्ट भी नियंत्रित रहता है। सब्ज़ियों को सबसे पोषक तरीके से लेने का वे सबसे अच्छे स्रोत हैं क्योंकि अधिक पके हुए सब्ज़ियों की तुलना में सूप्स में विटामिन और न्यूट्रियेन्ट्स बरकरार रहते हैं। यदि आप चिकन सूप और उसके ज़ुकाम और फ्लू अटैक्स् पर अधिक लाभों के बारे में सोचेंगे, आपको यह जानकर अच्छा लगेगा कि पुरानी कहानियाँ सच्ची हैं।
चिकन सूप, खासकर घर में बनाया हुआ, में ऐन्टि इन्फ्ल्मेट्री प्रभाव हैं और ज़ुकाम के लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है। ठंड के मौसम में अपने मील्स में एक झटपट सूप का बाउल जोड़ने से गर्माहट मिलने के साथ-साथ अनावश्यक कैलोरी से भी बचा जा सकता है। सूप्स डिनर मेनू का भी बड़ा भाग होता है केवल इसी कारण से कि वह दिन का अंतिम मील होता है और हल्का होता है।
शायद सूप का सबसे बड़ा लाभ यही है कि वह किसी भी सामग्री से मिनिटों में बनाया जा सकता है। किसी भी प्रकार के मीट या सब्ज़ि को उबलते हुए पानी में प्याज़, स्लाइस किए हुए आलू, नमक और पेप्पर पावडर क साथ डालें। 30 मिनिट या उससे कम समय में आपके पास एक बेहतरीन सूप का पॉट होगा। सूप्स के साथ कोई भी कम समय में समय, पैसा, स्वास्थ्य और उपयोगिता का लाभ उठा सकता है। तो एक ताख ऊपर सूप के साथ परोसें।
पारंपरिक तरीके से सूप को एक सूप कप या सूप प्लेट (सूप प्लेट एक चौड़ा, गहरा बाउल होता है) में परोसा जाता है जिसके नीचे एक अन्डर-प्लेट होता है। सूप कप के साथ एक डेज़र्ट स्पून दिया जाता है और सूप प्लेट के साथ एक सूप स्पून दिया जाता है। आमतौर पे, थिक सूप को सूप प्लेट में परोसा जाता है और क्लियर सूप को कप में परोसा जाता है। थिक सूप्स को परोसने के लिए एक ‘तुरीन’ का प्रयोग किया जाता है। इसका आकार चौड़ा, अंडे की तरह होता है और इसमें हैन्डल्स् के साथ-साथ लो डोम्ड कवर वाला हैन्डल भी लगा होता है। पारंपरिक रूप से थिक सूप को परोसने से पहले, गार्निश को सूप प्लेट में रखा जाता है और फिर सीधे तुरीन से सूप को प्लेट पर डाला जाता है। इसी पारंपरिक तरीके से पहले के ज़माने में सूप को परोसा जाता था, पर अब नहीं। आज आप इसे किसी भी तरह से परोस सकते हैं, चाहे ग्लास बाउल में या एक कटोरी में या एक कॉफी मग में, बस इसका आनंद उठाएँ।
भारतीय सूप्स को परोसें – लगभग सभी भारतीय सूप्स किसी अकम्पनीमेन्ट जैसे स्टीम्ड राईस या टोस्टेड ब्रेड के साथ गरमागरम परोसा जाता है। निंबु का रस, स्लाइस किए हुए पिकल्ड प्याज़, नमक और पेप्पर जैसे मसाले भी भोजन करनेवालों के स्वदा के अनुसार साथ में परोसे जा सकते हैं।
भारत की जातीय और सांस्कृतिक विविधता स्वादिष्ट सूप्स का अनुवाद करता है। उनमें से कुछ लोकप्रिय यहाँ दिए गए हैं:
कुछ लोकप्रिय शोरबे जो अब भी उत्तर भारत में बनाए जातें हैं ज़ीराबज (क्युमिन) सूप, चिकन एण्ड लेंटिल शोरबा, कशमिरी मटन सूप ‘यख़नी’, दाल पालक शोरबा जो दालों और पालक से बनाया जाता है और अंत में पाया शोरबा और गोट/शीप ट्रोटर सूप।
दक्षिण भारत का एक बहुत ही जानामान सूप है ‘मुलिगतौनी’। इसे मीट, चिकन या सब्ज़ियों को कुछ मसालों के साथ धीमी आँच पर पकाया जाता है। तब से लेकर आज तक, हर भारतीय रेस्तरां के मेनू में किसी न किसी तरह का सूप होता ही है।
साधारण सूप को कुछ असाधारण रूप में बदलें...“चिकन सूप फॉर द सोल” की तरफ जाएँ!!