हम सभी भारतीय दूध और दूध से बनी चीज़ों की खपत करना पसंद करते हैं। बचपन से ही हमें दूध और दूध से बनी चीज़ों के लाभ के बारे में बताया जाता है। वह सिर्फ दूध हो या दूध से बनी मिठाई हो या सब्ज़ी के व्यंजन में पनीर, चीज़ या मावा के रूप में इस्तेमाल किया गया हो सभी का आकर्षण समान ही रहता है। दूध प्रोटीन से भरपूर होता है और इसीलिए शरीर को पौष्टिकता प्रदान करने के लिए ज़रूरी होता है। पनीर, कॉटेज चीज़, चमन, छेना और घर का बना सफेद चीज़ कई नाम हमारे सामने आयेंगे जो भारतीय व्यंजन का हमेशा से ही अंग रहा है। इसके उद्भव के विषय को लेकर कुछ विवाद रहा है। वैदिक साहित्य में पनीर के रूप का संदर्भ मिलता है, लेकिन कुछ पाकशाला संबंधी इतिहासकारों को यह मानना है कि पनीर का बनना, दूध का अम्लियकरण होकर चीज़ बनना, पूर्तगीजों की देन है। अब भी पनीर के लोकप्रियता का श्रेय भारत से परशियन और मध्यपूर्वी भाग के लोगों को जाता है। फिर पनीर बहुत-सा बीन कर्ड और टोफू जैसा लगता है, जो दक्षिण पूर्वी एशिया के पाकशैली में लोकप्रिय है। कहाँ और किस तरह इसका उद्भव हुआ है, इस बात को छोड़कर यह जाने कि पनीर स्वादिष्ट, पौष्टिक, मांसाहारी खाना का विकल्प है। पनीर प्रोटीन और दूध के सारी अच्छाईयों के साथ पैक होता है, शाकाहारी खाने वाले पनीर को मीट और पोलट्रि का सबसे अच्छा विकल्प मानते हैं। अच्छे क्रीमी पनीर का राज़ है ताज़ा पूरे क्रीम के साथ भैंस का दूध इस्तेमाल करना, जिसमें वसा पूरा सात प्रतिशत रहता है। यह क्रीम का भारीपन आश्चर्यरूप से अंतिम बनावट में बदलकर हल्का और भूरभूरा बन जाता है। सभी डेरी पनीर की आपुर्ति पानी में उसको डुबोकर करते हैं मगर क्वालिटी एक दूसरे से अलग होती है। हाँ, सब कोई सर्वसम्मत से यही कहते है कि पनीर बिल्कुल ताज़ा है। मूल्य जगह के अनुसार बदलता रहता है। लगभग सभी क्षेत्र के पाकशैली में पनीर तो रहता ही है, लेकिन बंगाली इस बहुगुणी पनीर को लेकर बहुत सारी चीज़ें बनाना जानते हैं। वे नरम रेशम जैसा छेना बनाने में सिद्धहस्त हैं, वे इसको गूंद कर बहुत सारी स्वादिष्ट मिठाईयाँ बनाते हैं - संदेश, रसमलाई, चमचम और रसगुल्ला यह कुछ ही नाम हैं। किचन में काम करने वाले नौसिखिया कभी भी परेशान अनुभव नहीं करते हैं। इसीलिए अंग्रेज़ी में इसका नाम कॉटेज चीज़ है: इस साधारण चीज़ को घर में ही आसानी से बनाया जा सकता है। दूसरे चीज़ की तरह इसके लिए कोई विशेष सामान या जटिल तकनीक की ज़रूरत नहीं पड़ती है। नींबु का रस, विनेगर, छेने का पानी, एक सूती कपड़ा या छलनी-यह सब हर रोज़ किचन में लगता है, इसके द्वारा ही हम मिनिटों में स्वादिष्ट पनीर बना सकते हैं।
1. एक लीटर दूध को उबालें। तुरन्त उसमें दो बड़ा चम्मच नींबु का रस या विनेगर डालें और उबलने दें लेकिन लगातार हिलाते रहें जब तक कि दूध का छल्ला न बनने लगे और छेना का पानी अलग न हो जाए। छानकर सूती कपड़े में कस कर बाँध दें। पोटली को ठंडे पानी में डाल दें ताकि वह पूरा ठंडा हो जाय। पानी को निचोड़कर निकाल लें। 2. पनीर को भारी चीज़ के नीचे दबा कर रख दें ताकि पूरा पानी निकल जाए और पनीर एक ब्लॉक में बदल जाय। 3. मलाई पनीर के लिए पूरा क्रीम वाला दूध का इस्तेमाल करें और इसी पद्धति का अनुसरण करें।
1. छेना के पानी को न फेंके: अगली बार पनीर बनाते वक्त इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। 2. इस छेने के पानी से चपाती का आटा भी गूंदा जा सकता है। 3. जो दूध नींबु के रस या विनेगर से विभाजित किया जाता है उससे ठोस दही बनता है जबकि जो दूध छेने के पानी से विभाजित किया जाता है उससे भूरभूरा दही बनता है। 4. दो-तीन दिन तक पनीर को ताज़ा रखने के लिए, पनीर को ढक कर पानी में रख दें और फ़्रीज में उसको रख दें। हर आठ घंटे के बाद पानी को बदल दें। 5. पनीर से अगर मिठाई बनानी है तो उसको दस मिनिट तक वज़न के नीचे रखें ताकि उसमे थोड़ी नमी बनी रहे। नहीं तो पोटली से अच्छी तरह निचोड़कर पानी को निकाल लें। 6. सूखा पनीर के व्यंजन को गर्म करने से पहले थोड़ा-सा पानी छिड़क दें, इससे पनीर सख्त और रबड़ जैसा नहीं होगा। 7. जितना हो सके खाना पक जाने के अंत में ही व्यंजन में पनीर को डालें।
Chef Sanjeev Kapoor is the most celebrated face of Indian cuisine. He is Chef extraordinaire, runs a successful TV Channel FoodFood, hosted Khana Khazana cookery show on television for more than 17 years, author of 150+ best selling cookbooks, restaurateur and winner of several culinary awards. He is living his dream of making Indian cuisine the number one in the world and empowering women through power of cooking to become self sufficient. His recipe portal www.sanjeevkapoor.com is a complete cookery manual with a compendium of more than 10,000 tried & tested recipes, videos, articles, tips & trivia and a wealth of information on the art and craft of cooking in both English and Hindi.
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