संघनित दूध की भूमि: खोआ कुछ देर के लिए मीठालाल को यहाँ रोक के रखेगा। विशेषकर पंजाब और उत्तरप्रदेश में! चावल की खीर में इलाइची, बादाम और पिस्ते डालकर मिट्टी के कटोरे में इसे पकाया जाता है, यह व्यंजन मीठालाल को मिठाई का एक दृष्टांत पेश कर स्वागत करता है। शादी के अवसर में बूके में शहाना ढंग से फिरनी को पेश किया जाता है, जिसमें गुलाब की पंखुड़ियाँ छिड़क दी जाती हैं।
मिठाई के दुकान में अगला पड़ाव, जहाँ गाढ़ा अच्छी क्वालिटी का दूध घरघनतूअन कढ़ाही में खुशी से उबल रहा है। दूध को इतना गाढ़ा करें कि उसमें क्रीम जैसा घनत्व आ जाये, इस प्रक्रिया को करने में बहुत सारा धैर्य और थोड़ी-सी नैपुण्यता की ज़रूरत पड़ती है। इसमें स्वाद लाने के लिए चीनी, बादाम और केवड़ा जल डाला जाता है। इस रबड़ी को ठंडा पेश करना सबसे अच्छा तरीका है। जब दूध उबलते हुए रबड़ी बनने के पथ पर था, तब मीठालाल मिठाई के दुकान पर सर्वेक्षण करने गए और इस तरह खोया बनने की प्रक्रिया को देख कर उसकी आंखे अटक गईं। वह सब बर्फियाँ है: सादा, चॉकलेट, बादाम, पिस्ता – यह सब लोगों को अपने तरफ स्वाद के कारण आकर्षित करती हैं। मित्र के घर अचानक शाम को पहुँच जाने पर घर की महिला दौड़ कर रसोईघर में जाती है, जल्दी से आटा के पुडिंग को भाप में पकाती है और थोड़ा-सा घी डालकर उसको और स्वादिष्ट बनाती है, फिर काजू और बादाम से सजाती है। मीठालाल इस हलवा को बेहद स्वाद लेकर खाता है, इस हलवा के समकक्ष और भी कई प्रकार के हलवे हैं: जाड़े का सबसे प्रसिद्ध गाजर का हलवा, बादाम हलवा, और हल्का सूजी हलवा।
किसी छुट्टी के दिन नाश्ते पर आमंत्रित करने पर मीठालाल को रात को सपने में बूंदी का लड्डू, बेसन का लड्डू, फेनी, कुल्फी, गज़क, गुलाब-जामुन आदि मीठालाल को चक्रवात की तरह उत्तरी भारत का सुंदर भ्रमण करवाएगा। अगर आप सोच रहे हैं कि यह मीठालाल के लिए काफी होगा तो गलत सोच रहे हैं। नाश्ते में, रसदार चक्र, यानि गरमागरम कढ़ाही-जलेबी और इमरती अगर खाने को मिले तो किसी के लिए भी अच्छे खासे दिन की शुरुआत होगी।