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मार्च वह महीना है, जब पूरा विश्व नारी जाति को सम्मान प्रदान करता है। व्यक्तिगत रूप में मैं यह अनुभव करता हूं कि पूरे साल में सिर्फ एक दिन ही क्यों अंतरराष्ट्रीय नारी दिवस मनाया जाता है। हमारे नारियों को हर समय सम्मान देना चाहिए...हर साल, हर महीना, हर घंटे, हर मिनिट और हर सेंकेड में। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारी माँ भी औरत है और हम जो यहाँ हैं, वह उनके कारण हैं। सही न?

 

यह अस्तित्व में कैसे आया

20 वीं शताब्दी के शुरूआत में हर नारी को सम्मान स्वरूप यह योजना समर्पित करने के लिए बीजारोपण हुआ। यही वह समय है जब बहुत सारे वाणिज्यिक विस्तार और विक्षोभ हुआ था, जनसंख्या बढ़ने लगी थी और मौलिक विचारधारा ने जन्म लिया था।इस उन्नति में महिलाओं ने ज़्यादा योगदान किया था।

चलिए अब देखें कि इस काम के लिए मार्च को ही क्यों चुना गया है। न्यूर्याक यूनाइटेड स्टेट के न्युर्याक सिटि में कपड़ा और टेक्सटाइल फैक्टरी में 1857 में महिलाओं को काम दिया गया था लेकिन उन्होंने अमानवीय कार्य की अवस्था और कम मज़दूरी के लिए प्रतिवाद किया।

8 मार्च 1908 में 15,000 औरतों नें न्युर्याक सिटि में काम करने का समय कम करने और अच्छी मजदूरी के माँग के लिए जुलूस निकाला। वोट देने का अधिकार और बालश्रम को खत्म करने की भी माँग की। उनका स्लोगन था - ‘ब्रेड और रोज़’, जहाँ ब्रेड आर्थिक सुरक्षा और गुलाब अच्छे जीवन का प्रतीक था। मे महीने में अमेरिका के सोसियालिस्ट पार्टी ने यह निर्णय लिया कि फरवरी के अंतिम रविवार को राष्ट्रीय नारी दिवस मनाया जाएगा।

यूनाइटेड स्टेट में 28 फरवरी 1909 को राष्ट्रीय नारी दिवस मनाया गया और विकसित देशों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नारी दिवस को सार्वभौमिकता प्रदान की। 1913 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 8 मार्च को नारी दिवस मनाया गया। तब से विश्वव्यापी स्तर पर इसी दिन अंतरराष्ट्रीय नारी दिवस मनाया जाता है।
 

21 वीं शताब्दी में

नारी शक्ति
1975 में यू.एन.ने विश्वव्यापी स्तर पर नारी के प्रति ध्यान दिया और अंतरराष्ट्रीय नारी वर्ष मनाने की बात कही गई। मेक्सिको सिटि में महिलाओं के लिए सम्मेलन की व्यवस्था की गई। इस कुछ शताब्दियों से विकसित देश नारी शक्ति को उन्नत बनाने के बारे में सोचने लगी है। अब नारी भी संविधान को नियमानुसार अधिकार का लाभ उठा सकती हैं, उनके साथ लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं होगा। कानूनी साक्षरता और दूसरे आयाम से औरतों को अवगत कराकर उन्हें उनके अधिकार के प्रति सचेत किया जाएगा। विश्व समुदाय नारी के प्रति दुराचार को मानव अधिकार का उल्लंघन मानती है। यूनाइटेड नेशनल और दूसरे सदस्य राज्यों द्वारा लिंग संबंधित नियमित प्रोग्राम और पॉलिसी पर महत्व दिया जाएगा।

इतना करने के बावजुद नारी अधिकार उतना कामगार साबित नहीं हो रहा है और भी बहुत कुछ करना ज़रूरी है। 8 मार्च के द्वारा नारी के सफलताओं को सम्मान दिया गया है और राष्ट्रीय, प्राँतीय और विश्वव्यापी स्तर पर नारी के ज़रूरतों पर ध्यान दिया जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय दिवस को अफगानिस्तान, अरमानिया, अजेरबाइजान, वेलारूस में इस दिन सरकारी तौर पर छुट्टी की घोषणा की जाती है। कमबोडिया, चीन सिर्फ औरतों के लिए, क्युबा, जॉरजिया, गुयेना बीसा, एसीट्री, एरीट्रिया, कज़ाकस्तान, क्रिजस्तान, लाओस, मदागास्कर, मारडावा, मंगोलियन, मॉनटिगो, नेपाल, रूस, तजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, युगान्डा, युक्रे, उजबेकिस्तान, वियतनाम और जांम्बिया में इस दिन सरकारी छुट्टी की घोषना की जाती है। पुरूष इस दिन अपनी माँ, पत्नी, गर्लफ्रेंड, सहकर्मी आदि को फूल और उपहार देते हैं। कुछ देशों में इस दिन मदर्स डे की तरह सम्मान दिया जाता है, बच्चे अपने माँ और दादी/नानी को उपहार देते हैं।

नारी के प्रति समाज के व्यवहार को बदलना ज़रूरी है, उन्हें भी समानता चाहिए और दासत्व से मुक्ति चाहिए। जवान प्रजन्म का मानना है कि उन्होंने सारी लड़ाई जीत ली है, मगर फेमिनिस्ट जो पहले के प्रजन्म के है वे जानते हैं काम उतना आसान नहीं है। वे पितृतंत्र के अंतर्निहित जटिलता से वाकिफ़ है, सालों से चले आ रहे पुरूष प्रधान समान को हिलाना उतना आसान करा रही है, कानूनी अधिकार में वह समान है और जीवन हर क्षेत्र में नारी की भूमिका बढ़ रही है। वे सामान्य के पथ पर अग्रसर होकर लड़ाई लड़ रही है, मगर अब भी थोड़ा पथ और बढ़ना बाकी है। अब भी पुरूषों के तुलना में नारी को कम तनख्वाह दी जाती है मगर वे सिद्ध कर चुकी है कि पुरूषों के तुलना में ज़्यादा ईमानदार और कुशल है। वाणिज्य और राजनीति के क्षेत्र में पुरूषों के समान ही वह काम कर रही है। लेकिन अब भी समाज में नारी के प्रति हिंसा हो रही है और सबसे दुख की बात शिक्षित और शहरी समाज में हो रहा है जहाँ जीवन के प्रति लोगों का मनोभाव वृहद है।

इसे कार्य को आगे लाने के लिए अपना अनुदान करें

इन सच्चाईयों के बावजूद हम नकार नहीं सकते कि नारी का जीवन उन्नति के पथ पर हैं। हमारे पास प्रसिद्ध प्रधानमंत्री और अंतरिक्षयात्री है। नारी स्कूल की परिधि को पारकर विश्वविद्दालय में कदम रख चुकी है। कामकाजी महिला का अपना परिवार होता है लेकिन अपनी प्रौढ़ता के लिए उन्हें दंडित नहीं होना पड़ता है, उनके पास चुनाव का अवसर है। कुछ सालों से अंतरराष्ट्रीय नारी दिवस नकारात्मकता को याद दिलाने के लिए नहीं है बल्कि सकारात्मक की ओर नारी के कदम बढ़ाने के अवसर पर मनाया जाता है।

इस साल हम फिर से प्रतिज्ञा करें कि अहिंसा और दासत्व खत्म हो और नारी शिक्षित समाज बने। इसलिए स्थानीय जगह से शुरू करके विश्वव्यापी स्तर पर यह काम पूरा हो। मैं पहले से ही कह रहा हूं हर दिन अंतरराष्ट्रीय नारी दिवस होना चाहिए। नारी शिशु का भविष्य सुरक्षित, उज्जवल और समान हो यह न भूले नारी स्वस्थ और सशक्त समाज की आधारशिला है।

आफ़िस जाने वाली महिलाओं के ऊपर बहुत भार रहता है, काम और परिवार दोनों का संतुलन, उसके साथ समय को चुनौती देकर चलना! इसलिए चलिए पहले किचन का ही ठीक इंतजाम कर लें...
 

  • सप्ताह भर का मेनु बनाकर उसके अनुसार छुट्टी के दिन खरिदारी कर लें। इसके लिए आप शनिवार की शाम रख सकते हैं क्योंकि ज़्यादा समय भी लगेगा।
  • किचन का काउन्टर खाली रखें। इससे खाने बनाने में जल्दी होती है, जितना हो सके कोई गैजेट वहाँ न रखें। सुबह के वक्त जल्दी में सैंडविच, लंच या ब्रेकफास्ट बनाने में जल्दी करनी पड़ती है! गंदगी होने से डरे नहीं। एक बार काम खत्म होने पर पूरा साफ कर लें।
  • आर-पार दिखने वाले डिब्बे रखें। इससे आप देख पाऐंगी कि अगली शापिंग में आपको क्या खरीदना है। किस के पास समय है कि एक-एक करके कॉन्टेनर खोलकर जाँच करें?
  • कैबिनेट का एक जगह अलग से रखें, जहाँ वाटर बॉटल, ज़िपलॉक बैग, और फॉएल आदि रखें ताकि सुबह का कीमती समय आपको प्यारे डब्बे को खोजने में न लगाना पड़े।
  • किचन कैबिनेट के एक शेल्फ पर ब्रेकफास्ट के चीजें रखें। जैसे सिरियल, ब्राउन शुगर, जैम, पीनट बटर, टी बैग, मिल्क पॉट, शुगर पॉट आदि रखें। उसके साथ सिरियल बाउल भी रख दें तो और अच्छा होगा।
  • फ्रिज को बहुत ही कार्यकुशलपूर्वक और रीति के अनुसार इस्तेमाल करें। तय किए हुए कोने में ही दही, चीज़, और मक्खन रखें, जिसे जल्दी के समय खोजना न पड़े। एक लिस्ट भी बनाते रहें कि कौन-सी चीजें खत्म हो रही हैं, जल्दी लाना है। क्लिंग-फिल्म और फॉएल का इस्तेमाल करें खाने को पैक करके फ्रिज में रखने के लिए।
  • फ्रिज अलिबाबा का गुफा है आपके लिए। मटर, कार्न, टोमेटो प्युरी के क्यूब रखने के लिए फ्रिज का इस्तेमाल करें। छुट्टी के दिन ज़्यादा प्याज़ काट कर ज़िपलॉक बैग में रख दें, मिर्ची-अदरख-लहसुन का पेस्ट बनाकर फ्रिज में रख दें, चटनी पीसकर फ्रिज में रख दें। आप प्याज-टमाटर की ग्रेवी के छोटे छोथे हिस्से अलग-अलग पीसकर फ्रीज़ कर सकते हैं। इलेक्ट्रिक चॉपर होने पर प्याज़ बिना आँसु के ज़्यादा काटे जा सकते हैं।
  • फ्रीज़र में सेमी-फ्राइड परांठे भी रखे जा सकते हैं! बाहर से रेडीमेड खरीदने की कोई ज़रुरत नहीं। परोसने के पहले गर्म तवे पर रखकर पका लें। किसी को भी अंतर पता नहीं चलेगा।
  • बहुत ही नाज़ुक तरीके से आप बुद्धिमानी से यह अरूचीकर काम बच्चों से करा सकती हैं। आप बच्चों से कहें कि डिनर के बाद जब तक आप किचन ठीक कर रही हैं तब तक वे टेबल को साफ करें। यहाँ तक कि खाना देने के पहले भी वे टेबल को सजाने में मदद कर सकते हैं, तब तक आप खाने के गर्म बाउल टेबल पर ला सकती हैं।
  • अपने किचन को सुंदर चीज़ों से सुंदर और स्मार्ट बनाएं जैसे, सिलिकॉन बेकींग पैन, मफ़िन मोल्ड, स्पैचुला (उथला या चपटा चम्मच) छलनी आदि। वे न सिर्फ गहरे चमकदार रंग के हों बल्कि जल्दी साफ होने वाले भी हों।
  • दूसरी अच्छी योजना यह भी हो सकती है आप नॉन स्टिक पॉट, पैन में खाना पकाएं और परोसें। वे देखने में भी अच्छे लगते हैं और धोने में भी आसानी होती है। मेहमान जब आपके किचन को देखना चाहेंगें तो वे भी देखते रह जाऐंगें।
  • नॉन स्टिक बर्तन में खाना पकाने का एक और फायदा यह भी है कि खाना पकाने में कम तेल का इस्तेमाल करना पड़ता है जो आपके परिवार के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है।
  • अगर आपका बजट मंजूरी दे तो आप एक डिशवाशर खरीद लें ताकि आपको घरेलु मदद की ज़रुरत नहीं पड़े। रात को एक बार सारे गंदे पॉट, पैन और प्लेट साफ कर लें। सुबह के एक्शन के लिए किचन साफ-सुथरा तैयार है।
  • आपको एक सलाह यह है कि चॉपिंग बोर्ड, छुरी, पीलर और ग्रेटर को काउन्टर के एक ही कोने पर रखें ताकि जल्दी में आप बोर्ड पर रखकर सब कुछ काट सकें इससे ज़्यादा गंदा भी नहीं होगा। कुछ लोग डस्टबिन में ही सीधा आलू छीलते हैं कुछ सेकेंड के समय को बचाने के लिए।
  • जब शॉपिंग पर जाएं, तब लिस्ट बनाकर ले जाएं। दिमाग में याद करके रखने पर तनाव होता है। खाना पकाने में जिससे आसानी हो, उन चीजों को खरीद कर रखें,....जैसे - टोमाटो प्युरी, पोटेटो फ्लेक्स, रेडी पेस्ट, रेडी मिक्सड फ्लॉर, इन्सटेंट डेज़र्ट आदि। रेडी टू कुक रेंज की चीजें बहुत सारे प्रकार में मिलती हैं, अगर आपके पास समय की बहुत ही कमी है या कोई एमरजेन्सी है तब यह आपकी मदद करेगा।
  • सुबह खुद के लिए, पति और बच्चों के लिए टिफिन, लंच बॉक्स तैयार करना एक चुनौती भरा काम है। बच्चों को मिड मॉरनिंग स्नैक्स, लंच और कभी-कभी कम्युट बॉक्स (घर आते वक्त कुछ खाने के लिए) के ज़रुरत पड़ती है। ब्राउन ब्रेड का सैंडविच क्लिंग फिल्म में रैप करके दें, ये आदर्श टिफिन है। हंग योगर्ट में बंदगोभी और सेब डालकर अच्छा व्यंजन बनता है। मैश किए हुए पनीर के साथ शाही जीरा बहुत ही स्वादिष्ट स्प्रेड बनता है। लंच में पसंद के अनुसार स्टफ्ड परांठा, या वेजीटेबल इडली, रोल की हुई रोटी सब्जी के साथ। बाकी बचा हुआ सब्जी के साथ बना हुआ सैंडविच टोस्ट या पनीर भुर्जी अच्छा विकल्प है। बाकी बचा हुआ चावल का लेमन राइस भी आदर्श है। बच्चों के टिफिन में याद रखें कि खाना आकर्षक लगे। रोटी फॉएल से आधी ढकी हुई होनी चाहिए, सैंडविच त्रिकोण आकार में कटा हुआ होना चाहिए और ट्रिप्ल-डेकर होना चाहिए, इडली क्वाटर में कटी हों और टूथपिक के साथ परोसी गईं हों।


नारी शक्ति की लंबी आयु हो।

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MasterChef Sanjeev Kapoor

Chef Sanjeev Kapoor is the most celebrated face of Indian cuisine. He is Chef extraordinaire, runs a successful TV Channel FoodFood, hosted Khana Khazana cookery show on television for more than 17 years, author of 150+ best selling cookbooks, restaurateur and winner of several culinary awards. He is living his dream of making Indian cuisine the number one in the world and empowering women through power of cooking to become self sufficient. His recipe portal www.sanjeevkapoor.com is a complete cookery manual with a compendium of more than 10,000 tried & tested recipes, videos, articles, tips & trivia and a wealth of information on the art and craft of cooking in both English and Hindi.