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चाईनीज़ फूड की माँग दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। चाईनीज़ फूड के इस आश्चर्यजनक बात के लिए पाक शैली में ऐसी क्या विशिष्टता है? इस सवाल का जवाब एक ही शब्द में कहें तो वह है पौष्टिकता!

चीन के प्रांतों से चीन के पाक-शैली का उद्भव हुआ है, जो विश्व के दूसरे प्रांतों में लोकप्रिय भी हुआ, फैल भी गया - एशिया, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, पश्चिमी यूरोप और दक्षिणी अफ्रीका में। चीनी खाने की दो भूमिकाओं को देखते हैं:
-शरीर के रख-रखाव के लिए ज़रूरी है
-सही खाना खाने से दिमाग पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और मनोभाव अच्छे विचारों को अग्रसित करता है, इससे मानसिक दृढ़ता और शक्ति बढ़ती है। एक स्थिर और सामंजस्य पूर्ण व्यक्ति ही स्थिर शांति और सामंजस्यपूर्ण समाज की स्थापना कर सकता है।
इस दार्शनिकता के साथ चाईनीज़ फूड का अपना एक अद्वितिय चरित्र है जो इसे लोकप्रिय बनाता है।

चीन के क्षेत्रिय पाक शैली
कुछ लोगों का कहना है चीनियों की पाक-शैली 400,000 साल पुराना पीकिंग मैन के युग से चला आ रहा है, जब वे आग का इस्तेमाल करते थे। चाईनीज़ स्टोन ऐज के दूसरे अध्ययनों से पता लगता है कि चावल का उत्पादन और नूडल्स का उत्पादन दोनों के द्वारा चाईनीज़ खाने को हम जानते हैं।

चीनी पाक शैली बहुत ही व्याख्यायित विषय है। हमें फूड के प्रति दृष्टिकोण और प्रकारों के बारे में बताती है। यह स्टाइल दूसरे व्यंजनों से अलग है क्योंकि मौसम, भुगोल, इतिहास खाना बनाने के तकनीक और जीवनशैली को प्रभावित करता है। एक स्टाइल बहुत सारा लहसुन और बहुत सारी मिर्च और मसाला माँगता है, तो दूसरा सीफूड, मीट, और चिकन माँगता है। कुछ परम्परागत प्रांतीय पाक शैली संरक्षण के वही तरीके ड्राइंग, सॉल्टिंग, पिकलिंग और फरमन्टेशन को अपनाता है।

उत्तरी चीन के व्यंजन
बेजिंग, मैनडरिन और शातुंग के व्यंजन इसमें शामिल होते हैं। स्टीम्ड ब्रेड और नूडल्स के व्यंजनों के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं। शाही तरीके के लिए खाना और माहौल दोनों की जरूरत पड़ती है: रेड ब्रोकेड, टैसेल्ड लैनटर्न और लैक्वर फरनिशिंग। सबसे प्रचलित व्यंजन है पेकिंग डक। मोंगोलियन से प्रभावित होकर मटन और लैम्ब का इस्तेमाल होता है। चीन की ठंडक में चावल, गेहूं, बारली, जवार और सोयाबीन जैसे अनाज का उत्पादन संभव नहीं है इसलिए ब्रेड और नूडल्स का व्यवहार होता है। बंदगोभी, स्कावश, नाशपाती, अंगूर और सेब का बहुत इस्तेमाल होता है।

उत्तरी पूर्वी चीनी ट्रीट्स
कम मसालों से बना मीट और सब्जी के लिए कैनटोनीस और चाऊझू का क्षेत्र जाना जाता कैनटोन पश्चिम की ओर जाने का सिंहद्वार है। यहाँ बहुत तरह के संस्कृति का प्रभाव है, उसमें फ्रेंच का प्रभाव कुछ ज़्यादा है। कैनटोनीज़ का मानना है कि वे खाने के लिए यहाँ रहते हैं। इस प्रांत में लोग अनय परकार के डिमसम बनाते हैं। चाय के साथ भी इन्हें परोसा जाता है। कैनटोनीस खाने में ताज़े उत्पाद, मीट, चिकन, फिश, वेजिटेबल ही उपयोग में लिए जाते हैं।

पूर्वी चीन- शंघाई की रेड कुकिंग
स्लो रेड कुकिंग सी-फूड और हल्का बिना मसाले के सूप वाली पाक शैली का सबसे अच्छा उदाहरण यह प्रांत है। अगर आपको एक मील में एक से ज़्यादा सूप परोसे जायें तो आश्चर्यचकित न हो जायें। पोर्ट सिटी होने के कारण शंघाई पाक शैली के क्षेत्र में अहम् भूमिका निभाता है, क्योंकि पाकचशैली में अंतर्राष्ट्रीय तरीकों का भी सम्मिश्रण रहता है। यहाँ के व्यंजन सोय सॉस और चीनी पर ज़्यादा निर्भर करते हैं, व्यंजन जो स्टीउड, ब्रेस्ड और फ्राइड होते हैं, वे लाल रंग को लिए हुए होते हैं। मील हल्का और रेड फरमेन्टेशन बीन सॉस से संतुलित होता है। आप ऐग रोल, पेपर थिन पैन केक, सीवीड, सकलिंग पिग और ग्रीन टी का लुत्फ भी उठा सकते हैं।

पश्चिमी चीन से सीश्वान स्टाइल कह सकते हैं
सीश्वान और हुनान वह प्रांत है जहाँ स्टीमी, हॉट, और ट्रॉपिकल क्लाइमेट का मज़ा ले सकते हैं और पाक शैली भी मौसम के अनुसार ही है। वहाँ मिर्च का उत्पादन होता है इसलिए खाना थोड़ा मसालेदार बनता है। यह क्षेत्र स्थानीय पैदावार चावल, साइट्रस फ्रूट, बैम्बु, चिल्ली और मशरूम का इस्तेमाल करते हैं। अदरक, लहसुन, प्याज़, और ब्राउन पेपरर्कान लोकप्रिय मौसम के अनुसार मिलने वाले खाद्द-पदार्थ हैं। आपको किसी टेबल कॉन्डिमेन्ट की ज़रूरत नहीं पड़ती है सभी व्यंजन सीज़न्ड होते हैं, मसालेदार और तैलिये होते हैं, उदाहरणस्वरुप डीप फ्राइड चिकन पेपर रैप किया हुआ। दुनिया भर में मशहूर हॉट एण्ड सॉर सीश्वान स्टाइल में मसालेदार टोफू के व्यंजन।

अनजाना केंद्रीय चीन
बड़े देश के भीतरी प्रांत केंद्रीय स्थल चीन, होनान, जहाँ कल्नरी मैप के अनुसार येल्लो रिवर से क्रेप फिश निकालकर खाते हैं। यहाँ के व्यंजन मीठे और खट्टे होते हैं।

जिनको मीठा पसंद होता है
चीनी लोग मीठा चाय के साथ, या मील के साथ या मील के अंत में देना पसंद करते है। मून केक, रेड बीन पेस्ट पैनकेक और सन केक चीनी मीठे व्यंजन हैं। ग्लूटिनस राईस चावल से बने स्नेक्स बनाने के काम आता है। चाईनीज़ कैन्डीज़ में ज़्यादातर केन शुगर, मॉल्ट शुगर, शहद, नट्स और फ्रूट का इस्तेमाल होता है। आईसक्रीम लोकप्रीय डेज़र्ट है, और चाईनीज़ जेली जो अगर-अगर से सेट की जाती हैं। चीनी चाय बहुत प्रकार की होती हैं जो पौधे के स्पेसीज़ पर निर्भर करते हैं और जहाँ पैदा होते है और उत्पादन के तरीके पर निर्भर करता है। उनमें कुछ है- ग्रीन टी,ऊलूंग टी, ब्लैक टी, सेंटेंड टी, व्हाईट टी, और कॉमप्रेस्ड टी।

चाइनीज़ को कैसे पकाया जाता है
सोडियम ग्लुटामेड का छिड़काव, सोय सॉस का ज़्यादा इस्तेमाल, अदरक का क्रंच, रसीला व्यंजन जो भाप में पका कर प्रायः मांस और सूप के साथ खाया जाता है, सब्जियों का कुरकुरापन। चाइनीज़ क्युज़िन के बारे में लिखना श्रमसाध्य कार्य है।

  •चाइनीज़ मील को बनाने के लिए सबसे पहले अच्छी तैयारी की ज़रूरत है। काटना और टुकड़े करना, या चीरना समय लेकर करना पड़ता है। सामग्री को सही तरीके से काटना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि यह फाइनल प्रेज़नटेशन के लिए ज़रूरी है। यह जानना ज़रूरी है कि सोलह तरीकों से कच्चे सामग्री को काटा जाता है, और ग्यारह अलग आकार में काटा जाता है जो चाईनीज़ पाक शैली के लिए ज़रूरी है। एक बार यह काम हो गया तो खाना बनाने में ज़्यादा देर नहीं लगती है।
  •ज़्यादातर चाइनीज़ व्यंजन उच्च आंच में पकाये जाते हैं। थोड़े से तेल में लगातार हिलाते हुए पकाना ही प्रचलित तरीका है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि बाहरी भाग पूरी तरह पक जाएगा और साथ में भीतर का रस भी बरकरार रखेगा। साधारण घर के गैस फ्लेम पर इस तरह खाना पकाना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन तब भी चाइनीज़ घर में हमारे किचन से बनाने से हमें कोई रोक नहीं सकता। दूसरे तरीके हैं, स्टीमींग, डीप फ्राईंग, रेड कुकींग और रोस्टिंग।

ज़्यादातर चाइनीज़ पाक शैली में व्यंजनों में खाद्द-सामग्री छोटे-छोटे टुकड़ों में चबाने योग्य काटकर दिये जाते हैं ताकि सीधे उठाकर खाया जा सके। परम्परागत चीनी संस्कृति में चॉपस्टिक्स का इस्तेमाल टेबल पर होता है। चाईनीज़ क्युज़िन में सब कुछ उल्टा होता है, गर्म ठंडे से संतुलित किया जाता है, पिकल फ्रेश से संतुलित किया जाता है और स्पाईसी माइल्ड से संतुलित किया जाता है। यिन यान के साथ संतुलित किया जाता है।

इन्डो-चाइनीज़ फूड का स्वाद
भारत में चाइनीज़ का आना अपना एक कहानी है! हमने अपने तरह से चाइनीज़ व्यंजन को बनाकर और भी रोचक बना दिया है और ये पूरे देश में लोकप्रिय हो गया है। यह बदलाव दक्षिण भारतीय पाक शैली में भी नज़र आता है। इनमें एक है चॉपसुइ दोसा। साधारण दोसा बैटर तवा पर फैलाकर, उस पर कटी हुई बंदगोभी, गाजर, स्प्रिंग ऑनियन और पकाये हुए नूडल्स डालकर, उसमें थोड़ा केचप, चिल्ली सॉस और सोय सॉस भी डालें और थोड़ा मक्खन भी लगा दें। जैसे ही गर्म होने लगेगा स्वादिष्ट तीव्र महक निकलेगी, चाइनीज़ कुकिंग हवा में पारगम्य हो जाएगी और एक बार मोड़ कर परोसे दें।

सिनो-इंडियन का मिलन भी एक नए स्वाद को आविष्कृत करता है - चाइनीज़ भेलपूरी, वेजीटेबल मनच्युरियन, सी-श्वान पॉपर्कान इनमें कुछ नाम है। जैन चाइनीज़ भी है बिना प्याज़ और लहसुन के। ये असली स्वाद से बहुत दूर है लेकिन लोग इसकी माँग करते हैं। इंडियन चाइनीज़ फूड ज़्यादा तेल, मसाला, मिर्ची पावडर का इस्तेमाल करता है, चाइनीज़ रेसिपी से अलग है। यह परम्परागत चाइनीज़ फूड के जैसे जल्दी से हज़्म नहीं होता है।

ऐसी कई सामग्री हैं जो चाइनीज़ कुकींग और भारतिय पाक शैली में इसतेमाल होती हैं। स्वास्थ्यवर्धक सामग्री का उल्लेख किया गया है:
सोया: इसका एन्टिऑक्सिडेंट प्रोपटी कैन्सर से लड़ता है।
टी: कम्पाउन्ड को पॉलीफिनॉल कहते हैं जो कैन्सर और हार्ट डिज़ीज़ से रक्षा करता है।
चिल्ली: कैपसाइसिन जो चिल्ली के तीखापन से आग जलाता है और क्रीम में इस्तेमाल होता है, अर्थराइटिस के दर्द से राहत दिलाने में और डाइबिटिस के नर्भ से बचाता है। यह एन्टिऑक्साइड भी है।
गार्लिक: कोलेस्ट्रॉल कम करता है और ब्लड प्रेशर को कम करना है। इसका तीव्र सल्फर कम्पाउन्ड कैन्सर को बिगड़ने के स्थिति में आने से रोकता है।
अदरक: हाज़मे की शक्ति को बढ़ाता है।
मशरूम: शीटाके मशरूम में विशेष रुप से जो सामग्री रहती है वह संरक्षण क्षमता वाले कोशिकाओं को बढ़ाता है।
बंदगोभी: ट्युमर फाइटिंग कम्पाउन्ड हैं। चाइनीज़ कैबेज को पकाते है पेट दर्द, ज़ुकाम और गले के दर्द के घाव को ठीक करने के लिए।

भारतीय घरों और खानें वालों में चाइनीज़ फूड का आगमन व्यंजन के क्षेत्र में एक नया आयाम लाया है। यह यहाँ रहेगा इसमें कोई शक नहीं है।

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MasterChef Sanjeev Kapoor

Chef Sanjeev Kapoor is the most celebrated face of Indian cuisine. He is Chef extraordinaire, runs a successful TV Channel FoodFood, hosted Khana Khazana cookery show on television for more than 17 years, author of 150+ best selling cookbooks, restaurateur and winner of several culinary awards. He is living his dream of making Indian cuisine the number one in the world and empowering women through power of cooking to become self sufficient. His recipe portal www.sanjeevkapoor.com is a complete cookery manual with a compendium of more than 10,000 tried & tested recipes, videos, articles, tips & trivia and a wealth of information on the art and craft of cooking in both English and Hindi.