Advertisement

Home » Season & Festivals » easter

गुड फ्राइडे वसंत का त्यौहार है और अपने नाम के अनुसार यह शुक्रवार को होता है। यह ईसा मसीह के सूली पर चढ़ाने के स्मरणोत्सव के रूप में मनाया जाता है। कैथोलिक चर्च गुड फ्राइडे के दिन उपवास रखते हैं। उसी सप्ताह के रविवार का दिन ईसा मसीह के पुनर्जीवित रूप को मनाया जाता है जिसको ईस्टर सन्डे कहते है। यह भोज का दिन होता है।

भूवैज्ञानिक खोज जो इंटरनैशनल जीअलॉजिकल रीव्यु में प्रकाशित हुआ था और यह सलाह दी गई है कि ईसा मसीह को साल 33 में 3 अप्रैल को सूली पर चढ़ाया गया था। लेकिन दूसरे क्रिश्चन त्यौहारों की तरह यह हर साल एक ही तारीख को नहीं आता है। 325 ए.डी. को चर्च काउनस्ल ने यह निर्णय लिया कि पहले पूर्ण चंद्रमा के बाद के पहले रविवार 21 मार्च के नूतन विषुव को मनाया जाएगा। अतः ईस्टर अगर जल्दी आए तो 22 मार्च को होता है और देर से हो तो 25 अप्रैल को मनाया जाता है। इस साल यह 29 मार्च को 40 दिन के लेन्ट के बाद आएगा।

लेंट क्या है

गुड फ्राइडे के 40 दिन के समय से पहल लेंट होता है, यह वह समय है जब ईसाई यह बात याद करते हैं कि ईसा 40 दिन और रात रेगिस्तान में बिना खाए दुष्टों द्वारा परखे गए अत्याचारित हुए। ईसा ने इन दिनों उपवास करके मानव जाति के अच्छाई के लिए भगवान से प्रार्थना की। लेंट ऐश बुधवार से शुरू होती है और छह और आधा हफ्ता बाद खत्म होती है। रविवार को इससे छुट मिलती है। पुराने जमाने के लोग इन दिनों नियमपूर्वक मसालेदार या अच्छा व्यंजन नहीं खाते हैं। ईसाईयों का चर्च लंबे समय तक कठिन व्रत के साथ छलना नहीं करते हैं। कुछ ईसाईयों का मानना है कि यह हमारी गलती है क्योंकि यहाँ यह माना जाता है कि लोगों द्वारा किए गए पाप के कारण उन्हें सूली पर चढ़ाया गया।

समारोह

गुड फ्राइडे के दिन ज़्यादातर क्रिस्चन उपवास करते हैं। पूजन संबंधी कार्य चर्च में दोपहर से शुरू होता है और तीन घंटे तक चलता है यानि यह माना जाता है कि तीन बजे तक ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। ईस्टर का त्यौहार पाम सन्डे से शुरू होता है और ईस्टर सन्डे के साथ खत्म होता है, जो गुड फ्राइडे के दो दिन बाद आता है।

मुम्बई, गोआ और उत्तर पूर्वी राज्य के क्रिस्चन बड़े धुमधाम से इस त्यौहार को मनाते हैं। उपहारस्वरूप ईस्टर एग और ईस्टर बनी की बहुत माँग रहती है। रंगीन लैंर्टन और धार्मिक क्रॉस की प्रतिकृति को दोस्तों और रिश्तेदारों से आदान-प्रदान किया जाता है।
गुड फ्राइडे के दिन बाइबल पढ़ा जाता है। इसके द्वारा यह शिक्षा दी जाती है कि किस तरह अच्छाई की बुराई के ऊपर जीत होती है। हिंसा अहिंसा से कैसे जीता जाता है। किसी से घृणा न करें, सभी को प्यार करें।

कई क्रिस्चन इस दिन काला रंग का कपड़ा पहनते हैं जो शोक का प्रतीक है। कोई बोलकर या नाट्य रूप में ईसा मसीह के सूली चढ़ाने की घटना और दफनाने के वृतांत को बताते हैं। कुछ चर्चों में क्रॉस को ढक दिया जाता है काला रंग से ढका जाता है। कुछ चर्चों में लकड़ी का क्रॉस देखेंगे और लोग सिर्फ प्रार्थना ही नहीं करते हैं बल्कि प्यार करके आर्शिवाद भी प्राप्त करते हैं। कुछ चर्चों में मोमबत्ती नहीं जलाया जाता है। कुछ लोग मोमबत्ती एक के बाद एक करके जलाते हैं और आखरी वाला मोमबत्ती ईसा के मृत्यु के समय के प्रतीकस्वरूप होता है। गुड फ्राइडे के वक्त चर्च का घंटा नहीं बजता है। लेकिन बाइबल से व्याखान करके मंत्रोच्चरण गाया जाता है, उद्धरण और अनुवाक्य पढ़ा जाता है।

ईस्टर सन्डे

भारत में ईस्टर सन्डे गुड फ्राइडे के दो दिन बाद आता है। देश के दूसरे त्यौहारों की तरह इसको भी बड़े जोश और उत्साह से मनाया जाता है, मुम्बई, गोवा और उत्तरपूर्वी राज्य में वृहद रूप में मनाया जाता है। अगर आप ईस्टर को असली तरह से अनुभव करना चाहते हैं तो गोवा इसके लिए आदर्श जगह है। गोवा के रहनेवाले गाना गाते हैं, नृत्य करते हैं, प्रार्थना के बाद मित्रों और रिश्तेदारों से पवित्र धार्मिक क्रॉस का आदान-प्रदान करते हैं। ईस्टर नए चीज़ के शुरूआत के प्रतीक और वसंत फसल काटने के आनंद का मौसम है। तो, बहुत आनंद, स्वादिष्ट व्यंजनों का मज़ा और अद्भुत त्यौहार का मज़ा लूटें।

ईस्टर एग्स क्या हैं

जैसा कि हम जानते है अंडा प्रकृति का पुष्टिकारक खाद्द पदार्थ है। ईस्टर के दौरान यह विश्वव्यापी प्रतीक के रूप में माना जाता है। इस विशेष प्रतीक को इस समारोह के दौरान सजाया–सँवारा जाता है। पृथ्वी पर ईसाई धर्म के आगमन का प्रतीक है, अतः यह अंडा सिर्फ के आगमन का प्रतीक है, अतः यह अंडा सिर्फ प्रकृति के पुनर्जीवन का प्रतीक है। क्रिस्चन समाधि को पसंद करते है जहाँ ईसा का रोज़ हुआ था। कृत्रिम अंडा बनाने वाले डिज़ाइनर इसको प्रतीक मानते हं और बहुत ही सुंदर सजाते हैं। कुछ लोग फूल और पत्ता से लेकर ग्रीटिंग कार्ड, छोटे चर्ब, गहने और सुंदर कपड़े, फीता, आदि से सजाते हैं। वे अलग करके, हिन्ज से लगाते हैं और इपॉक्सी से सटाते हैं और पारदर्शी सीमेंट का भी इस्तेमाल करते हैं, जब यह काम पूरा हो जाता है, वे ग्लॉसी रेज़िन से ढक देते हैं।

...और ईस्टर बनी

ईस्टर बनी का जड़ पहले के ईसाई के विद्दा से पता लगाया जाता है। ईस्टर बनी खरगोश की आत्मा है जो नए जन्म और पुर्नजन्म का प्रतीक है। बहुत साल पहले ईस्टर बनी ‘ईस्टर हेयर’ के नाम से जाना जाता था। हेयर और रैबिट को मल्टिपल बर्थ माना जाता था, इसलिए यह ऊपजाऊपन और जन्म का प्रतीक है। वसंत का समय-फूल के पुनराम्भ, पुनरूज्जीवन का प्रतीक है। इतिहास के अनुसार 1500 साल पहले जर्मन के लेखों में ईस्टर बनी के उद्भव का उल्लेख मिलता है। जर्मन दंतकथा के अनुसार सफेद खरगोश ईस्टर बास्केट में कैन्डीज़, चमकीले रंगीन अंडे और बच्चों के लिए सामान छोड़ कर जाते हैं जो वे ईस्टर के सुबह खायेंगे। जर्मन के रहनेवाले जब यू.एस. चले गए तो वहाँ ईस्टर हेयर की प्रथा प्रचलित हो गई। दिन बीतने के साथ ईस्टर हेयर ईस्टर बनी बन गया। 1800 से बनी लोकप्रिय कॉनफेक्शनरी बन गया। वह पेस्ट्री और शुगर से बनने लगा।

भोज

ज़्यादातर जगहों में ईस्टर में चॉकलेट सबको प्रिय होता है, जो विभिन्न आकार और रूप में आता है।

लेंट के दौरान बहुत क्रिस्चन परिवार माँस और दूसरे विशेष व्यंजन देते हैं। कुछ लोग अपने मनोरंजन-क्रिया करते हैं। अपने ऐशो-आराम को छोड़कर जो रूपया बचाते हैं, उसको मिट्टी के छोटे से बर्तन या छोटे से डब्बे में डाल देते हैं और स्थानीय चर्च में ईस्टर के दिन दान देते है और गरिबों में बाँट देते हैं।

ईस्टर हॉट क्रॉस बन्स

ईस्टर सन्डे में विविध रंगों और स्वाद के बीच भोज का आयोजन किया जाता है। स्वादिष्ट खाना, प्यारा महिलाओं के संगीत से टेबल का शोभा बढ़ जाता है। ईस्टर के विशेष व्यंजनों में ईस्टर लैम्ब और ईस्टर केक या ब्रेड आदि होते हैं। सबसे लोकप्रिय इंग्लीश ईस्प ब्रेड ईस्टर हॉट क्रॉस बन होता है। साधारणतः गुड फ्राइडे में ईस्टर हॉट क्रॉस बन का मज़ा लिया जाता है। ईस्टर सन्डे और समारोह नए जीवन का संदेश देता है इसलिए ईस्टर हॉट क्रॉस बन यह संदेश देता है। बन के ऊपर पेस्ट्री ईसा मसीह के सूली पर चढ़ाने वाले क्रॉस का प्रतीक माना जाता है।

रेसिपी सुझाव

Advertisement

हाल के त्यौहार


website of the year 2013
website of the year 2014
website of the year 2016
MasterChef Sanjeev Kapoor

Chef Sanjeev Kapoor is the most celebrated face of Indian cuisine. He is Chef extraordinaire, runs a successful TV Channel FoodFood, hosted Khana Khazana cookery show on television for more than 17 years, author of 150+ best selling cookbooks, restaurateur and winner of several culinary awards. He is living his dream of making Indian cuisine the number one in the world and empowering women through power of cooking to become self sufficient. His recipe portal www.sanjeevkapoor.com is a complete cookery manual with a compendium of more than 10,000 tried & tested recipes, videos, articles, tips & trivia and a wealth of information on the art and craft of cooking in both English and Hindi.