साबुदाना की कहानी मैं हमेशा से ही इस छोटे मोती जैसे खाद्द से आकर्षित रहा हूं जो कच्चे अवस्था में सफेद और पके हुए अवस्थ By Sanjeev Kapoor 11 Mar 2015 in लेख Know Your Ingredients New Update मैं हमेशा से ही इस छोटे मोती जैसे खाद्द से आकर्षित रहा हूं जो कच्चे अवस्था में सफेद और पके हुए अवस्था में पारदर्शी होता है। हाँ, अपने सही समझा है - इस छोटे अचंभे को अंग्रेजी में सागो और हिन्दी में साबुदाना कहते हैं।ज़्यादातर पूरे भारत में व्रत के खाने का अन्यतम अंग, साबुदाना का कोई भी रूप होता है। इसको बहुत सारे स्वादिष्ट व्यंजन में बदला जाता है जो नमकीन और मीठा दोनों होता है और सभी इसका आनंद उठाते हैं। साबुदाना क्या हैसाबुदाना शाकाहारियों का परिष्कृत खाद्द है, इसी कारण व्रत के समय इसका इस्तेमाल किया जाता है। साधारणतः यह सागो के नाम से ही जाना जाता है। ट्रॉपिका ट्युबर से स्टार्च का जो निष्कासन होता है उससे साबुदाना बनता है। साबुदाना को कई नाम से जाना जाता है, सागुदाना, जावरीशी और चावरी।साबुदाना में उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट रहता है और कम मात्रा में फैट रहता है। जो वज़न को कम करना चाहते हैं, उनके लिए यह अच्छा होता है। भारतीय अपने छोटे बच्चों को दूध के अलावा जो अन्य खाद्द देते हैं, यह उनमें से एक है और यह त्यौहार के समय भी खाया जाता है। साबुदाना को दूसरे खाद्द से ज़्यादा अहमियत दी जाती है क्योंकि इसमें स्टार्च रहता है और इसमें कुछ भी कृत्रिम मिठास या रसायन नहीं रहता है। यह बीमार लोगों को भी स्वास्थ्यवर्द्धक खाने के रूप में दिया जाता है क्योंकि यह बहुत जल्दी ऊर्जा प्रदान करता है और आसानी से हजम हो जाता है। इस तथ्य से सभी अवगत है कि साबुदाना हमारे तंत्र को ठंडक प्रदान करता है और साबुदाना का दलिया उन लोगों को दिया जाता है जिन्हें बहुत पित्त की समस्या होती है। साबुदाना को कैसे पकाया जाता हैजैसा कि हम पहले से जानते हैं कि साबुदाना स्टार्च है। इसे विशेषकर पानी से पकाना आसान नहीं होता है। इसलिए जब आप इसको पकाना चाहते हैं, तब पहले इसको जलयोजित कर लें। मेरे कहने का मतलब है पानी से अच्छी तरह धो लें, छान लें और उसके बाद बड़े कटोरी में डालकर, इतना पानी डालें जिस से कि वह ढक जाए। बाउल को ढक कर चार से छह घंटों तक भिगोकर रखें। जब आप इसके ढक्कन को खोलेंगे तब सुंदर मोती जैसे फूले हुए साबुदाना पायेंगे।साबुदाना कैसे खरीदेंजब साबुदाना खरीदें तब देख लें कि वह समान आकार और सफेद रंग का हो। मोती का आकार पूर्ण हो और पीसा हुआ न हो। अगर मोती सामान्य आकार में हो तो, खिचड़ी बनायें। बड़ा नायलोन मोती वड़ा के लिए अच्छा होता है। छोटा मोती खीर और पायसम के लिए अच्छा होता है।साबुदाना का पौष्टिक महत्वसौ ग्राम साबुदाना में 351 कैलरी, 87 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 0.2 ग्राम फैट और 0.2 ग्राम प्रोटीन रहता है। यह कम मात्रा में मिनरल, विटामिन, कैल्शियम, आयरन और फाइबर प्रदान करता है। दूध, सब्ज़ी और मूंगफली जैसे दूसरे सामग्री को डालकर इन पौष्टिकताओं की कमी को पूर्ण किया जाता है।कुक्स् कॉनरसाबुदाना से कुछ आकर्षक व्यंजन पकायें। मैं किसी भी समय कभी भी साबुदाना का खिचड़ी खाना पसंद करता हूं और इसके लिए घर पर हम त्यौहार या उपवास के लिए इंतज़ार नहीं करते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि खिचड़ी में पीसी हुई मूंगफली डालने से प्यारा क्रन्ची जैसा स्वाद आ जाता है और यह व्यंजन को प्रोटीनयुक्त भी करता है। लेकिन मेरी एक सलाह है - खिचड़ी को शुद्ध घी से पकायें, तेल से नहीं।दूसरी लोकप्रिय व्यंजन है, विशेषकर महाराष्ट्रमें, वो है साबुदाना वड़ा। भिगोया हुआ साबुदाना को उबले और मैश किए हुए आलू, भूने और पीसे हुए मूंगफली, हरी मिर्च, ताज़ा धनिया पत्ता और नमक को एक साथ मिलायें। यह हो जाने के बाद चपटे पैटीस का आकार दें। डीप फ्राई करके धनिया पत्ता के चटनी के साथ परोसें। बिल्कुल स्वादिष्ट! लेकिन यह बहुत सारा तेल सोखता है। यदि आप उपवास में इसको नहीं खा रहे हैं तो सूखे मसालेदार लहसुन के चटनी के साथ भी खा सकते हैं। यह वड़े को अलग ही स्तर में पहुँचा देगा।जल्दी में साबुदाना का खीर या पायसम बनाया जा सकता है। अगर खाने पर अचानक कोई मेहमान आ गया है तो, एक मुट्ठी साबुदाना भिगो दें। जब तक आप दूसरे मेनू की तैयारी करेंगे तब तक यह तैयार हो जाएगा। दूध के साथ साबुदाना को पकायें जब तक यह पारदर्शी नहीं हो जाए। एक टिन स्वीट कन्डेन्स्ड मिल्क को उबालें और इच्छानुसार घनापन के अनुसार तरल बना लें। छोटी इलाइची पावडर और स्वाद के लिए केसर डालें और भूना हुआ काजू और किशमिश सजाने के लिए डालें। अलग करने के लिए मेलन बॉल के साथ ठंडा परोसें।आप कॉकटेल के साथ साबुदाना वेफर या पापड़ परोसें - बहुत ही स्वादिष्ट लगता है। आजकल साबुदाना वेफर बहुत से रंग और आकार में पाये जाते हैं और यह किसी को भी आकर्षित कर सकते हैं, विशेषकर छोटे बच्चों को।हाल ही में मैंने साबुदाना की चिक्की चखी है जो मुझे अच्छी लगी है, आप इसे बना सकते हैं। आप उपवास के दौरान फलहारी साबुदाना चिवड़ा खा सकते हैं। आप साबुदाना थालीपीठ को कैसे भूल सकते हैं, इस महाराष्ट्रियन व्यंजन को खाने से खुद को रोक नहीं सकते हैं। Subscribe to our Newsletter! Be the first to get exclusive offers and the latest news Subscribe Now You May Also like Read the Next Article